इंपैक्ट फीचर:भारत के छोटे बिजनेस को डिजिटल टेक्नोलॉजी से एडवांस बनाने की पहल, वॉलमार्ट वृद्धि से मिल रही मदद

भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत इसमें काम कर रहे अनगिनत एमएसएमई हैं। ये बिजनेस लचीलेपन, अनुकूलनशीलता और उद्यमशीलता की भावना के साथ संचालित होते हैं। आज, लाखों छोटे बिजनेस भौतिक हाट-बाजारों,एग्जिबिशन और थोक नेटवर्क जैसे पारंपरिक सेल्स चैनलों से डिजिटल-फर्स्ट मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं। एमएसएमई आज ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म, इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया, अपनी खुद की वेबसाइट और हाइब्रिड सेटअप के जरिये 360-डिग्री इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं। इस प्रकार वे मार्केट में अपनी भौतिक और डिजिटल उपस्थिति का बेहतरीन तरीके से संयोजन कर रहे हैं। देश का ई-कॉमर्स मार्केट 2030 तक 325 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, एमएसएमई इस मामले में सबसे आगे हैं। 60% से ज्यादा एमएसएमई पहले से ही पहुंच बढ़ाने, विकास को गति देने और नए अवसरों को भुनाने के लिए डिजिटल टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं। व्यवस्थित सपोर्ट, मेंटरशिप और ट्रेनिंग से इन छोटे आंत्रप्रेन्योर्स को को शुरुआती बाधाओं को दूर करने और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ने में मदद मिलती है। देश के छोटे बिजनेस में आ रहे बदलाव के इस असर को निशा नायर और अजय कश्यप की कहानी के जरिये अच्छी तरह समझा जा सकता है। इनके बिजनेस बताते हैं कि किस तरह नवाचार और लचीलेपन के जरिए भारत के एमएसएमई सेक्टर में ग्रोथ हासिल की जा रही है। स्थानीय प्रदर्शनियों से लेकर तेजी से बढ़ते ऑनलाइन ब्रांड तक बेंगलुरु में यामिनी लाइफस्टाइल की फाउंडर निशा नायर के लिए ज्वेलरी सिर्फ सजावटी आभूषण से कहीं बढ़कर हैं। उनके लिए ये एक जुनून के साथ शिल्प कौशल से गहरा लगाव रखने वाली चीजें हैं। 2017 में, उन्होंने अपने सपने को हकीकत में बदलते हुए यामिनी लाइफस्टाइल लॉन्च किया। आज उनके इस बिजनेस के दो ब्रांड हैं - जोएरा और एथिया। इन ब्रांड्स के जरिए निशा हैंडक्राफ्टेड ज्वेलरी प्रस्तुत करती हैं। उनकी इस ज्वेलरी में परंपरा और समकालीन सौंदर्यशास्त्र का खूबसूरत मिश्रण दिखाई देता है। एक सैन्य कर्मी की पत्नी के रूप में, निशा को पति के ट्रांसफर की वजह से कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हर बार ट्रांसफर होने पर उन्हें नए सिरे से अपनी ज्वेलरी के लिए कारीगर तलाशने पड़ते थे। स्टॉक की देखभाल और नए सिरे से सप्लाई चेन बनाना एक कठिन चुनौती थी। शुरुआत में, निशा अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए एग्जिबिशन और डिफेंस की दुकानों पर निर्भर थीं। वे खुद ही ज्वेलरी की डिजाइनिंग से लेकर कस्टमर केयर तक का काम देखती थीं, जिसमें उन्हें अक्सर दोस्तों और परिवार की मदद लेनी पड़ती थी। निशा के लिए एकदम से ई-कॉमर्स में परिवर्तन करना आसान नहीं था। शुरुआत में उन्हें काफी परेशानियां आईं जिनमें इन्वेंट्री यानी स्टॉक को मैनेज करना, बिक्री की अनिश्चितता और डिजिटल दुनिया की जटिलताएं शामिल थीं। लेकिन 2020 में निशा नायर ने वॉलमार्ट वृद्धि प्रोग्राम के बारे में जाना और वे उससे जुड़ गईं। उनके इस कदम ने उन्हें अपने बिजनेस को ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन करने में बहुत मदद की। वॉलमार्ट वृद्धि ने पूरे भारत में एमएसएमई को डिजिटल प्रशिक्षण, व्यावसायिक सलाह और व्यक्तिगत सलाह के अवसरों तक निःशुल्क पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाया है। यह कार्यक्रम वॉलमार्ट के सप्लायर डेवलपमेंट एक्सपीरियंस और फ्लिपकार्ट की प्लेटफॉर्म विशेषज्ञता को मिलाकर एमएसएमई को सप्लाई चेन में सफल होने के लिए जरूरी जानकारी और उपकरण प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। निशा नायर को फाइनेंशियल मैनेजमेंट और कॉस्ट कंट्रोल से लेकर प्रोडक्ट की लिस्टिंग को बेहतर करने, ग्राहक अनुभव में सुधार करने और सही फैसला करने के लिए रियल टाइम डेटा का उपयोग करने जैसी चुनौतियों का सामना करने में व्यक्तिगत सलाह से काफी मदद मिली। इसी का नतीजा है कि यामिनी लाइफस्टाइल की कमाई 80,000 रुपए सालाना से बढ़कर 1.8 लाख रुपए हर माह हो गई। 2023-24 में, उनके बिजनेस ने 34.08 लाख रुपए की बिक्री हासिल की। ​​आज, भारत भर में 65 रिटेल स्टोर और 150 से अधिक महिला कारीगरों के सहयोग के साथ, नायर अब वॉलमार्ट मार्केटप्लेस के माध्यम से दुनियाभर के खरीदारों तक पहुंचने की योजना बना रही हैं, साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाना जारी रख रही हैं। पारिवारिक विरासत को आधुनिक स्वरूप दे रहे अजय कश्यप जहां निशा नायर अपने ज्वेलरी बिजनेस में क्रांति ला रही थीं, वहीं अजय कश्यप अपनी विरासत का आधुनिकीकरण कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पले-बढ़े अजय कश्यप ने अपने पिता को श्री बालाजी एंटरप्राइजेज का निर्माण करते देखा, जो कृत्रिम माला और पूजा सामग्री में विशेषज्ञता वाला एक पारिवारिक व्यवसाय था। एक संक्षिप्त आईटी करियर के बाद, वह 2022 में अपने पारिवारिक बिजनेस को पारंपरिक एग्जिबिशन और होलसेल मार्केट से आगे नए मुकाम तक पहुंचाने की सोच लेकर घर लौट आए। उन्हें लगता था कि पारंपरिक सेल्स चैनल उनकी पहुंच को सीमित करते थे। उन्होंने पाया कि बिजनेस में अपार क्षमता है लेकिन फिलहाल वह क्षेत्रीय बाजारों तक ही सीमित था। वे फ्लिपकार्ट के माध्यम से ईकॉमर्स में से जुड़े और पूरे भारत में ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाई। इससे उनके बिजनेस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच मिली और बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। फ्लिपकार्ट के सहज इंटरफेस ने उन्हें कन्नौज से दूर से भी अपने बिजनेस को चलाने, लागत कम करने और कुशलता से विस्तार करने में मदद की। अजय कश्यप ने ये भी समझा कि बिजनेस में सफलता के लिए सिर्फ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग करना ही काफी नहीं होता, इसके लिए और ज्यादा प्रयासों की जरूरत होती है। इसको देखते हुए कश्यप 2022 में वॉलमार्ट वृद्धि कार्यक्रम में शामिल हो गए। ईकॉमर्स से जुड़ी जटिलताओं, डिजिटल मार्केटिंग और SKU मैनेजमेंट के प्रशिक्षण ने ऑनलाइन रिटेल के प्रति उनके दृष्टिकोण को बदल दिया। उन्होंने उत्पाद लिस्टिंग को अनुकूलित करना, टारगेटेड एडवर्टाइजिंग और उचित ब्रांड पंजीकरण स्थापित करना सीखा। इन बातों

Mar 29, 2025 - 18:59
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इंपैक्ट फीचर:भारत के छोटे बिजनेस को डिजिटल टेक्नोलॉजी से एडवांस बनाने की पहल, वॉलमार्ट वृद्धि से मिल रही मदद
भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत इसमें काम कर रहे अनगिनत एमएसएमई हैं। ये बिजनेस लचीलेपन, अनुकूलनशील

इंपैक्ट फीचर: भारत के छोटे बिजनेस को डिजिटल टेक्नोलॉजी से एडवांस बनाने की पहल

भारत में छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करना अब एक आवश्यकता बन गया है। वॉलमार्ट ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे देश के छोटे और मध्यम व्यवसायों को मजबूती मिल रही है। डिजिटल तकनीकों के जरिए, ये व्यवसाय अपने उत्पादों और सेवाओं को व्यापकता के साथ बाजार में पेश कर सकते हैं।

वॉलमार्ट की भूमिका

वॉलमार्ट, एक वैश्विक रिटेल दिग्गज, ने अपने प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भारतीय छोटे व्यवसायों को डिजिटल तौर पर सक्षम बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसका मकसद है कि छोटे व्यवसाय अपनी पहुंच को बढ़ाते हुए नए ग्राहकों से संपर्क कर सकें। यह पहल व्यवसायों को डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स और अन्य तकनीकी नवाचारों से जुड़ने में सहायता करती है।

डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ

डिजिटल तकनीक छोटे व्यवसायों को कई तरीकों से लाभान्वित कर सकती है। सबसे पहले, यह व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाता है। दूसरे, यह उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाता है और ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद करता है। छोटे व्यवसाय अब सोशल मीडिया, वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की मार्केटिंग कर सकते हैं।

कैसे करें शुरुआत?

छोटे व्यवसायों को डिजिटल तकनीक अपनाने के लिए उत्पादों का सही विश्लेषण करना चाहिए और संभावित ग्राहकों की पहचान करनी चाहिए। इसके बाद, उन्हें एक उपयुक्त डिजिटल प्लेटफॉर्म का चयन करना चाहिए, जिसमें सोशल मीडिया मार्केटिंग, वेबसाइट निर्माण, और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों का समावेश होना चाहिए। वॉलमार्ट जैसे बड़े खिलाड़ी भी उन्हें इसके लिए तकनीकी सहायता और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

वॉलमार्ट द्वारा उपलब्‍ध कराई गई संसाधनों और तकनीकी सहायता के जरिए, भारत के छोटे व्यवसाय अपने विकास की संभावनाओं को बढ़ाने में सक्षम होंगे।

अधिक अपडेट के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं।

समापन विचार

भारत में छोटे व्यवसायों को डिजिटल तकनीकों से सशक्त बनाना न केवल उनके विकास के लिए जरूरी है, बल्कि यह समग्र आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। वॉलमार्ट की यह पहल छोटे व्यवसायों को एक नई दिशा देने में सक्षम है, जिससे वे वैश्विक बाज़ार में अपनी पहचान बना सकें। Keywords: भारत के छोटे बिजनेस, डिजिटल टेक्नोलॉजी, वॉलमार्ट की मदद, छोटे व्यवसायों का विकास, ई-कॉमर्स में वृद्धि, डिजिटल मार्केटिंग, व्यवसायिक दक्षता, तकनीकी सहायता, भारत में डिजिटल पहल, छोटे व्यवसायों की समस्या समाधान

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