ईसाई मिशनरी की गिरफ्त में सुल्तानपुर:डेढ़ माह में पकड़े गए 3 अलग स्थानों पर धर्म परिवर्तन कराने वालों के रैकेट, अबतक 10 को हुई जेल
ऐतिहासिक रूप से भगवान कुश द्वारा बसाई गई यह नगरी आज धर्म परिवर्तन के गैर कानूनी कृत्यों का गवाह बन रही है। पुलिस की नाक के नीचे दलित समाज को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। पिछले डेढ़ महीने में तीन अलग-अलग स्थानों पर ईसाई मिशनरी के रैकेट पकड़े गए हैं, जो गरीब और असहाय लोगों को विभिन्न प्रलोभनों से धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहे थे। अखंडनगर थाने के इंस्पेक्टर श्याम सुंदर ने नरवारी गांव में छापेमारी कर चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर दलित समाज के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का आरोप है। मामला तब उजागर हुआ जब राममूर्ति विश्वकर्मा ने पुलिस को शिकायत दी कि गरीब और बीमार लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है, और मना करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। विधायक की पहल कादीपुर विधायक राजेश गौतम ने नरवारी गांव में चल रहे धर्म परिवर्तन के खेल का खुलासा किया। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पुलिस को बुलाया और 100 से अधिक लोगों को वहां से भागते देखा। विधायक ने बताया कि धर्म परिवर्तन का यह कृत्य समाज में फूट डालने और दलित समाज को भ्रमित करने की कोशिश है। उन्होंने जल्द ही अपने विधानसभा क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाने का ऐलान किया है ताकि लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया जा सके। पिछले मामले इससे पहले 13 अक्टूबर को गोंडा के गभड़िया क्षेत्र में भी धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था, जिसमें सालविन और उसकी पत्नी सैनी सालविन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके अलावा 15 सितंबर को कोतवाली देहात के पखरौली गांव में भी मिशनरियों द्वारा प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया और उनकी जमानत भी निरस्त कर दी गई है। धर्म परिवर्तन की रणनीति मिशनरी के ये एजेंट गरीब और दलित समाज को प्रार्थना सभा के नाम पर बुलाते हैं और लालच देकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने पर मजबूर करते हैं। कूरेभार में भी पिछले साल ऐसा ही मामला सामने आया था, जब एक महिला प्रार्थना सभा के दौरान छत से कूद गई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, इन सभाओं में विशेष रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जाता है। यह स्पष्ट है कि धर्म परिवर्तन का यह सिलसिला ट्रस्ट और एजेंटों के माध्यम से सुनियोजित तरीके से चल रहा है, जिसका उद्देश्य समाज के निचले तबके के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना है। पुलिस और प्रशासन इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए इन गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जुटे हुए हैं।
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