घाटमपुर कस्बा चौकी प्रभारी चला रहा था वसूली का सिंडीकेट:पूर्व पार्षद और मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल, मदद के नाम पर पीड़ितों से वसूलते पैसा

कानपुर के घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज वसूली का सिंडीकेट चला रहे थे। व्यापारी की शिकायत के बाद पूरे सिंडीकेट का खुलासा हुआ है। इस सिंडीकेट में कस्बा चौकी इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर समेत पूर्व पार्षद और मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल थे। पुलिस ने इन सभी पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी मेडिकल स्टोर संचालक पीड़ितों को मदद का भरोसा देकर ऑनलाइन रुपए लेकर पुलिस को देता था। वहीं पार्षद पुलिस कार्रवाई से बचाने के एवज में पुलिस से मिलवाता था और पैसा दिलवाता था। इसमें इन लोगों का भी कमीशन तय था। जो भी मामले को पुलिस तक लेकर पहुंचता उसे रकम का 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। चौकी पर लाकर करते थे टॉर्चर, देते थे धमकी घाटमपुर में बीते कई महीनों से चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी वसूली का सिंडीकेट चला रहे थे। वसूली में मेडिकल स्टोर संचालक समेत पूर्व पार्षद भी शामिल था। चौकी इंचार्ज अपने साथी सब इंस्पेक्टर अनुज नागर के साथ बिना शिकायत के लोगो को पकड़कर लाता था। इसके बाद चौकी पर लाकर पीड़ित को टॉर्चर किया जाता था। झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कहकर जेल भेजने की धमकी देते थे। इसी बीच पुलिस के खास बने मेडिकल स्टोर संचालक आशीष पांडेय और पूर्व पार्षद राजपूत साहू इन पीड़ितों को मदद करने और पुलिस कार्रवाई से बचाने का भरोसा देते थे। पुलिस कार्रवाई से बचने के एवज में ये लोग पीड़ितों से पैसे की मांग करते थे। सौदा तय होने पर यह दोनों पुलिस से मिलवाकर उन्हें पैसा दिलवा देते थे। ऑनलाइन भी लेते थे वसूली का पैसा कुछ पीड़ितों से यह दोनों खुद पैसा लेकर पुलिस को दे देते थे। अगर पीड़ितों के पास नकद रुपए नहीं होते थे तो मेडिकल स्टोर संचालक ऑनलाइन अपने खाते में पैसा ले लेता था, जिसे बाद में आरोपी पुलिस वालों के खातों में भेज दिया जाता था। पुलिस जिन लोगों को टॉर्चर करती थी, उसकी जानकारी पूर्व पार्षद और मेडिकल स्टोर संचालक को रहती थी। बताया तो यह भी जाता है कि यह दोनों भी पुलिस को ऐसे लोगों की जानकरी देते थे, फिर पुलिस उनको पकड़ कर चौकी में टॉर्चर करती थी। इसके बाद यही दोनों उनकी मदद के नाम पर पैसा वसूल करते थे और पुलिस को दे देते थे। ऐसे लाते थे पीड़ित व्यक्तियों को पकड़ कर चौकी मेडिकल स्टोर संचालक अशीष पांडेय ने चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी से कहा कि साहब व्यापारी उदय प्रकाश साहू मोमबत्ती का कारखाना चलाता है। डरपोक व्यक्ति है। इसे पकड़कर ले आओ हम लोग मैनेज करा देंगे। जिस पर चौकी इंचार्ज अपने साथी सब इंस्पेक्टर अनुज नागर के साथ व्यापारी उदय प्रकाश साहू को पकड़कर चौकी ले आए। जहां पर उसे टॉर्चर किया। इस दौरान चौकी में पूर्व पार्षद राजपूत साहू व्यापारी की मदद करने पहुंचा। उसने व्यापारी से कहा की अगर बचना चाहते हो तो साहब की बात मान लो। जिस पर व्यापारी ने तीस हजार रुपए चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी को नकद दिए। चौकी इंचार्ज मांग रहे थे 50 हजार मगर चौकी इंचार्ज 50 हजार रुपए पर अड़े थे। व्यापारी के पास नकद रुपए नहीं थे तो पूर्व पार्षद राजपूत साहू ने अपने खाते में ऑनलाइन 20 हजार रुपए डलवा लिए। इसके बाद पार्षद ने रुपए मेडिकल स्टोर संचालक के खाते में भेज दिए। इसके बाद वहां से रुपए लेकर चौकी इंचार्ज को दे दिया। इसके बाद पुलिस ने व्यापारी को छोड़ दिया। व्यापारी की शिकायत पर खुला मामला व्यापारी ने उप्र आदर्श व्यापार मंडल से उनके साथ हुई वसूली की शिकायत की तो चौकी इंचार्ज के सिंडीकेट का खुलासा हो गया। कानपुर कमिश्नर ने मामले की जांच घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह को सौंपी। उन्होंने जांच की तो मामला सही पाया गया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली गईं। चौकी इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर सस्पेंड जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी, सब इंस्पेक्टर अनुज नागर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही व्यापारी की तहरीर पर चौकी इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर, मेडिकल स्टोर संचालक, पूर्व पार्षद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मंगलवार को आरोपियों को न्यायालय में पेशकर जेल भेजा जाएगा।

Oct 22, 2024 - 11:30
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घाटमपुर कस्बा चौकी प्रभारी चला रहा था वसूली का सिंडीकेट:पूर्व पार्षद और मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल, मदद के नाम पर पीड़ितों से वसूलते पैसा
कानपुर के घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज वसूली का सिंडीकेट चला रहे थे। व्यापारी की शिकायत के बाद पूरे सिंडीकेट का खुलासा हुआ है। इस सिंडीकेट में कस्बा चौकी इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर समेत पूर्व पार्षद और मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल थे। पुलिस ने इन सभी पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी मेडिकल स्टोर संचालक पीड़ितों को मदद का भरोसा देकर ऑनलाइन रुपए लेकर पुलिस को देता था। वहीं पार्षद पुलिस कार्रवाई से बचाने के एवज में पुलिस से मिलवाता था और पैसा दिलवाता था। इसमें इन लोगों का भी कमीशन तय था। जो भी मामले को पुलिस तक लेकर पहुंचता उसे रकम का 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। चौकी पर लाकर करते थे टॉर्चर, देते थे धमकी घाटमपुर में बीते कई महीनों से चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी वसूली का सिंडीकेट चला रहे थे। वसूली में मेडिकल स्टोर संचालक समेत पूर्व पार्षद भी शामिल था। चौकी इंचार्ज अपने साथी सब इंस्पेक्टर अनुज नागर के साथ बिना शिकायत के लोगो को पकड़कर लाता था। इसके बाद चौकी पर लाकर पीड़ित को टॉर्चर किया जाता था। झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कहकर जेल भेजने की धमकी देते थे। इसी बीच पुलिस के खास बने मेडिकल स्टोर संचालक आशीष पांडेय और पूर्व पार्षद राजपूत साहू इन पीड़ितों को मदद करने और पुलिस कार्रवाई से बचाने का भरोसा देते थे। पुलिस कार्रवाई से बचने के एवज में ये लोग पीड़ितों से पैसे की मांग करते थे। सौदा तय होने पर यह दोनों पुलिस से मिलवाकर उन्हें पैसा दिलवा देते थे। ऑनलाइन भी लेते थे वसूली का पैसा कुछ पीड़ितों से यह दोनों खुद पैसा लेकर पुलिस को दे देते थे। अगर पीड़ितों के पास नकद रुपए नहीं होते थे तो मेडिकल स्टोर संचालक ऑनलाइन अपने खाते में पैसा ले लेता था, जिसे बाद में आरोपी पुलिस वालों के खातों में भेज दिया जाता था। पुलिस जिन लोगों को टॉर्चर करती थी, उसकी जानकारी पूर्व पार्षद और मेडिकल स्टोर संचालक को रहती थी। बताया तो यह भी जाता है कि यह दोनों भी पुलिस को ऐसे लोगों की जानकरी देते थे, फिर पुलिस उनको पकड़ कर चौकी में टॉर्चर करती थी। इसके बाद यही दोनों उनकी मदद के नाम पर पैसा वसूल करते थे और पुलिस को दे देते थे। ऐसे लाते थे पीड़ित व्यक्तियों को पकड़ कर चौकी मेडिकल स्टोर संचालक अशीष पांडेय ने चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी से कहा कि साहब व्यापारी उदय प्रकाश साहू मोमबत्ती का कारखाना चलाता है। डरपोक व्यक्ति है। इसे पकड़कर ले आओ हम लोग मैनेज करा देंगे। जिस पर चौकी इंचार्ज अपने साथी सब इंस्पेक्टर अनुज नागर के साथ व्यापारी उदय प्रकाश साहू को पकड़कर चौकी ले आए। जहां पर उसे टॉर्चर किया। इस दौरान चौकी में पूर्व पार्षद राजपूत साहू व्यापारी की मदद करने पहुंचा। उसने व्यापारी से कहा की अगर बचना चाहते हो तो साहब की बात मान लो। जिस पर व्यापारी ने तीस हजार रुपए चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी को नकद दिए। चौकी इंचार्ज मांग रहे थे 50 हजार मगर चौकी इंचार्ज 50 हजार रुपए पर अड़े थे। व्यापारी के पास नकद रुपए नहीं थे तो पूर्व पार्षद राजपूत साहू ने अपने खाते में ऑनलाइन 20 हजार रुपए डलवा लिए। इसके बाद पार्षद ने रुपए मेडिकल स्टोर संचालक के खाते में भेज दिए। इसके बाद वहां से रुपए लेकर चौकी इंचार्ज को दे दिया। इसके बाद पुलिस ने व्यापारी को छोड़ दिया। व्यापारी की शिकायत पर खुला मामला व्यापारी ने उप्र आदर्श व्यापार मंडल से उनके साथ हुई वसूली की शिकायत की तो चौकी इंचार्ज के सिंडीकेट का खुलासा हो गया। कानपुर कमिश्नर ने मामले की जांच घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह को सौंपी। उन्होंने जांच की तो मामला सही पाया गया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली गईं। चौकी इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर सस्पेंड जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी, सब इंस्पेक्टर अनुज नागर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही व्यापारी की तहरीर पर चौकी इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर, मेडिकल स्टोर संचालक, पूर्व पार्षद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मंगलवार को आरोपियों को न्यायालय में पेशकर जेल भेजा जाएगा।

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