लंका पहुंचे हनुमान ने उजाड़ी अशोक वाटिका:जौनपुर में जय श्री राम के जयकारे लगे, रामलीला में धू-धूकर जली लंका
जौनपुर के सुजानगंज क्षेत्र के मोहरियांव गांव में चल रही आदर्श रामलीला धर्म मंडल समिति के तत्वावधान में चौथे दिन राम-सुग्रीव मिलन, बाली बध, हनुमान जी का लंका जाना और लंका दहन का मनोहारी मंचन किया गया। रामलीला में समुद्र के किनारे जामवंत, हनुमान और वानरी सेना के साथ खड़े होते हैं, जहां जामवंत हनुमान के बाल्यकाल की ताकत का एहसास दिलाते हैं। हनुमान जी जय श्री राम का जयकारा लगाकर समुद्र को पार करके लंका की ओर निकल जाते हैं। लंका पहुंचने के बाद हनुमान जी की लंकिनी और विभीषण से मुलाकात होती है। अपनी भूख को मिटाने के लिए हनुमान जी अशोक वाटिका पहुंचते हैं, जहां वे पेड़-पौधों को उखाड़ने लगते हैं। यह देखकर रावण के रखवालों ने रावण को सूचना दी। मेघनाथ ने हनुमान जी को ब्रह्म फांस में बांधकर रावण के दरबार में ले आया। रावण के आदेश पर हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी गई। सोने की लंका में लगा दी आग हनुमान जी ने अपनी पूंछ में आग लगते ही सोने की लंका में आग लगा दी, जिससे लंका धू-धू कर जलने लगी। यह दृश्य देखकर रामलीला मैदान "जय श्री राम" और "पवनसुत हनुमान" की जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर विशंभर नाथ दुबे, भास्कर मणि तिवारी, राम जी पांडे, पवन गुप्ता, मयंक मिश्र, सोनू तिवारी, कार्तिकेय विश्वकर्मा, मेकअप मैन मोनू विश्वकर्मा, शुभम चौबे, बड़े चौबे, मोहम्मद सैफ और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?