उत्तरकाशी समाचार: बीजेपी की अनुशासन नीति के तहत अंशिका और महेश जगूड़ी का छह साल का निष्कासन
देहरादून/उत्तरकाशी। बीजेपी ने पंचायत चुनाव में पार्टी अनुशासन तोड़ने पर कड़ा रुख अपनाते हुए अंशिका जगूड़ी और उनके पति महेश जगूड़ी को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समिति के अनुसार, उत्तरकाशी जिले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के लिए पार्टी अधिकृत प्रत्याशी …

उत्तरकाशी समाचार: बीजेपी की अनुशासन नीति के तहत अंशिका और महेश जगूड़ी का छह साल का निष्कासन
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कम शब्दों में कहें तो, बीजेपी ने पंचायत चुनाव के दौरान अनुशासन तोड़ने के मामले में अंशिका जगूड़ी और उनके पति महेश जगूड़ी को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समिति द्वारा लिया गया है, जो पार्टी के अनुशासन को सख्ती से बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है।
अनुशासन उल्लंघन का मामला
अंशिका जगूड़ी ने उत्तरकाशी जिले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के लिए पार्टी द्वारा अधिकृत उम्मीदवार दीपेंद्र कोहली के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया। बीजेपी ने इसे एक गंभीर अनुशासन उल्लंघन के रूप में देखा, क्योंकि उन्हें पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया गया था। इस संदर्भ में उनके पति महेश जगूड़ी को भी निष्कासित किया गया, क्योंकि वे चुनाव अभियान में उनकी सहायता कर रहे थे।
निष्कासन का औचित्य और प्रक्रिया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देशों के अनुसार, प्रदेश महामंत्री (संगठन) राजेंद्र बिष्ट ने निष्कासन पत्र जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया कि यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू होगा, और दोनों की प्राथमिक सदस्यता छह वर्षों के लिए समाप्त कर दी गई है। यह कदम पार्टी की नीति को मजबूत करना दर्शाता है, जिसमें यह संदेश स्पष्ट है कि अनुशासन भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी की अनुशासन नीति पर विशेष ध्यान
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी ने अनुशासन के प्रति अपना दृष्टिकोण और अधिक कठोर कर लिया है। चुनावों के संदर्भ में, पार्टी अपने सभी सदस्यों से आग्रह करती है कि वे पार्टी के निर्णयों का सम्मान करें और उनका पालन करें। इस घटना ने पार्टी के भीतर कई चर्चाएँ शुरू कर दी हैं, खासकर उन सदस्यों के लिए जो अनुशासन के मामले में सवाल उठाते रहे हैं।
आगे की संभावनाएं
अंशिका और महेश जगूड़ी की निष्कासन की घटना ये दिखाती है कि बीजेपी अनुशासन के मामलों में सख्ती से निपटने के लिए तैयार है। उनके समर्थकों और अन्य पार्टी सदस्यों के लिए यह एक चेतावनी है कि पार्टी की नीति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। आगे बढ़कर, यह देखना दिलचस्प होगा कि इन घटनाओं का पार्टी की चुनावी रणनीतियों पर क्या असर पड़ेगा।
हम इस मुद्दे पर ध्यान बनाए रखेंगे। पार्टी अनुशासन के संदर्भ में अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया हमसे जुड़े रहें।
लेखक: सीमा चंद्रा, टीम India Twoday
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