उत्तराखंड कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला: युवाओं और महिलाओं के लिए नई दिशा, सुरक्षा में बढ़ेगा भरोसा
देहरादून : उत्तराखण्ड मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग-अलग रोजगार नीति बनाने पर सहमति बनी। इसके अलावा अपराध पीड़ितों और साक्षियों की सुरक्षा को लेकर भी दो महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई। युवाओं और महिलाओं के लिए नई नीति …

उत्तराखंड कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला: युवाओं और महिलाओं के लिए नई दिशा, सुरक्षा में बढ़ेगा भरोसा
देहरादून: उत्तराखण्ड मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक में मंगलवार को कई दिशा-निर्देशों पर सहमति बनी। इस बैठक में युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार संबंधी अलग-अलग नीतियों को स्थापित करने की मंजूरी दी गई। साथ ही, अपराध पीड़ितों और साक्षियों की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए दो विशेष योजनाओं को भी स्वीकृति के लिए पेश किया गया। ये निर्णय न केवल युवाओं और महिलाओं को रोजगार के नए अवसर देंगे, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को और भी मजबूत बनाएंगे।
युवाओं और महिलाओं के लिए नई रणनीति
राज्य सरकार ने युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए विशेष नीति बनाने का निर्णय लिया है। इस नीति के तहत वाणिज्यिक सेवाओं, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल युवाओं के लिए पेशेवर विकास का एक नया आयाम खोलेगा।
इसके साथ ही, राज्य स्तर पर युवा महोत्सव और रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन आईटीआई, पॉलिटेक्निक और विद्यालयों के सहयोग से व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इन योजनाओं के द्वारा रोजगार की अल्पकालिक, मध्यवर्ती और दीर्घकालिक योजनाएं शुरू की जाएंगी।
स्वरोजगार को बढावा देने के लिए मौन पालन, एप्पल मिशन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए ब्लॉक स्तर पर 200 युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य के स्थानीय उत्पादों की खरीद के लिए कृषि विभाग ने आईटीबीपी से समझौता किया है, जिससे कि उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिले।
अपराध पीड़ित सहायता योजना में सुधार
कैबिनेट ने 'उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025' को मंजूरी देने का निर्णय लिया। इसके अनुसार, अब पोक्सो एक्ट के तहत पीड़ितों को क्षतिपूर्ति की न्यूनतम और अधिकतम राशि सुनिश्चित की गई है। सचिव गृह, शैलेश बगोली के अनुसार, इससे पीड़ितों को समय पर और प्रभावी सहायता उपलब्ध कराना संभव होगा।
साक्षी संरक्षण योजना, 2025 की स्वीकृति
न्यायिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए साक्षी संरक्षण योजना, 2025 को भी मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य साक्षियों को सुरक्षित वातावरण में गवाही देने की सुविधा प्रदान करना है।
इस योजना के अंतर्गत साक्षियों की पहचान की गोपनीयता, स्थान में बदलाव, संपर्क जानकारियों का परिवर्तन, भौतिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता जैसे उपाय शामिल होंगे। इसके लिए एक राज्य स्तर की साक्षी संरक्षण समिति भी गठित की जाएगी जिसमें न्यायपालिका, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहेंगे।
निष्कर्ष
ये महत्वपूर्ण कदम निश्चित रूप से उत्तराखंड में युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा। साथ ही, यह कदम न्यायिक प्रणाली की मजबूती में भी सहायक सिद्ध होगा। ये योजनाएं न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी, बल्कि अपराध की न्यायिक प्रक्रिया को भी प्रभावी बनाएंगी।
उत्तराखंड कैबिनेट के यह निर्णय निस्संदेह में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक महान पहल के रूप में कार्य करेगा। यदि ये नीतियाँ सफलतापूर्वक क्रियान्वित हों, तो आने वाले समय में युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे और अपराध पीड़ितों को उचित सहायता मिलेगी।
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