यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन: दो श्रमिकों के शव मिले, सात अब भी लापता
उत्तरकाशी/बड़कोट : रविवार सुबह उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील के अंतर्गत सिलाई बैंड क्षेत्र में भीषण भूस्खलन और अतिवृष्टि का तांडव देखने को मिला। हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि सात मजदूरों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। राहत की बात यह रही कि 20 मजदूरों को सुरक्षित बाहर …

यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन: दो श्रमिकों के शव मिले, सात अब भी लापता
उत्तरकाशी/बड़कोट: रविवार की सुबह उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील के सिलाई बैंड क्षेत्र में भीषण भूस्खलन और अत्यधिक वर्षा ने तबाही मचा दी। इस tragic हादसे में दो श्रमिकों की जान चली गई है, जबकि अभी भी सात श्रमिक लापता हैं। राहत की एकमात्र बात यह रही कि 20 अन्य श्रमिकों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया है।
भूस्खलन की गंभीरता
भूस्खलन की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आपातकालीन केंद्र पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी शुरू की। राजस्व, एसडीआरएफ, पुलिस और चिकित्सा टीमों को मौके पर तुरंत रवाना किया गया। भूस्खलन के समय घटनास्थल पर कुल 29 श्रमिक उपस्थित थे, जिनमें से कुछ को तुरंत बचा लिया गया।
मृतकों और लापता श्रमिकों की पहचान
कैसे चुना जाए कि इससे संबंधित दुखद पहचान की जाए। मृतकों की पहचान निम्नलिखित है:
- दूजेलाल, उम्र 55 वर्ष, निवासी पीलीभीत (उत्तर प्रदेश).
- केवल विष्ट, उम्र 43 वर्ष, निवासी कर्ममोहनी, थाना राजापुर, जिला नेपाल.
लापता श्रमिकों की सूची में शामिल हैं:
- रोशन चौधरी, उम्र 37, निवासी भीमपुर, जिला वर्दिया, नेपाल.
- अनवीर धामी, उम्र 40, निवासी बाजुरा, नेपाल.
- कल्लूराम चौधरी, उम्र 60, निवासी बाजुरा, नेपाल.
- जयचंद उर्फ बॉबी, उम्र 38, निवासी कालिदास रोड, देहरादून.
- छोटू, उम्र 22, निवासी कालिदास रोड, देहरादून.
- प्रियांश, उम्र 20, निवासी कालिदास रोड, देहरादून.
- सर कटेल धामी, उम्र 32, निवासी बाजुरा, नेपाल.
सुरक्षा उपाय और राहत कार्य
जिलाधिकारी, स्मार्ट कंट्रोल रूम के माध्यम से स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं, और अपर जिलाधिकारी मुक्ता मिश्र तथा उपजिलाधिकारी बड़कोट बृजेश तिवारी बिजली की गति से राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में आए तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। उनके लिए जल, भोजन और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था जिला पूर्ति विभाग के द्वारा की गई है।
सड़क अवरोध और मरम्मत कार्य
भारी वर्षा के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पालीगाड़, कुथनौर और झज्जरगाड़ क्षेत्रों में बाधित हो गया है। मार्ग फिर से चालू करने के लिए एनएच विभाग की टीम ने पांच जेसीबी मशीनों, एक पोकलेन और ट्रॉला मशीनों का उपयोग करते हुए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। गंगोत्री हाईवे पर लालढांग, नलुणा और डबराणी मार्गों को पहले ही खोल दिया गया है।
निष्कर्ष
यह घटना निस्संदेह अत्यंत दुखद और गंभीर है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में सक्रिय रूप से संलग्न है और लापता श्रमिकों की खोजी जा रही है। हम प्रार्थना करते हैं कि जल्द ही सभी लापता श्रमिकों का सही-सलामत पता चले। इस कठिन समय में स्थानीय समुदाय और प्रशासन को मिलकर एकजुट होकर सहायता प्रदान करनी चाहिए।
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