उत्तराखंड में गदेरे में नहाते वक्त 5 किशोर हादसे का शिकार, दो की गई जान
चमोली : चमोली जिले के पनाई गांव स्थित लोदियागाड़ गदेरे में नहाने गए पांच किशोरों में से दो की तेज बहाव में बहने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान दिव्यांशु (14) और गौरव (15) के रूप में हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस, प्रशासन, SDRF और DDRF की टीमें पहुंचीं …

उत्तराखंड में गदेरे में नहाते वक्त 5 किशोर हादसे का शिकार, दो की गई जान
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के पनाई गांव के लोदियागाड़ गदेरे में नहाने गए पांच किशोरों में से दो की तेज बहाव में बहकर मौत हो गई। मृतकों की पहचान दिव्यांशु (14) और गौरव (15) के रूप में हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन, SDRF और DDRF की टीमें मौके पर पहुंच गईं और दोनों किशोरों के शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किए गए।
दुर्घटना का सारांश
सोमवार शाम, नगर क्षेत्र के पांच किशोर लोदियागाड़ गदेरे में नहाने पहुंचे थे। अचानक पानी का बहाव तेज हो गया, जिससे किशोरों का संतुलन बिगड़ गया और सभी पांच बहने लगे। गनीमत यह रही कि तीन किशोर खुद को बचाने में सफल रहे, लेकिन दिव्यांशु और गौरव पानी में बह गए। यह घटना चमोली जिले के लिए एक अनूठा संकट बन गई है, जिसने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है।
तत्काल राहत कार्य
घटना के बाद, राहत एवं बचाव दल ने तुरंत कार्रवाई की। SDRF और DDRF की टीमें जल्दी ही घटनास्थल पर पहुंचीं और दोनों किशोरों के शवों को ढूंढ निकाला। स्थानीय थानाध्यक्ष राकेश चंद्र भट्ट ने बताया कि यह घटना अत्यंत दुःखद है और ऐसी घटनाओं में सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। परिवारों की स्थिति भी बेहद दुःखद है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद, गांव के लोग एकत्रित होकर मृतकों के परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट कर रहे थे। दिव्यांशु और गौरव की कम उम्र में मृत्यु ने सभी को चौंका दिया है। एक स्थानीय निवासी का कहना था, "यह घटना हमें सिखाती है कि जलस्रोतों के आसपास का व्यवहार अधिक सतर्कता से करना चाहिए।" स्थानीय प्रशासन ने भी ग्रामीणों को ऐसे जल स्रोतों के पास जाने से रोकने के लिए स्थिति की जानकारी दी है, खासकर बारिश के मौसम में।
संभावित सुरक्षा उपाय
इस घटना को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन को जल स्रोतों के किनारे सुरक्षा संकेतक और मना करने वाले बोर्डों की स्थापना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इससे न केवल बच्चों की, बल्कि पूरे समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, माता-पिता को अपने बच्चों को जलस्रोत के पास जाने से रोकने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
निष्कर्ष
यह घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि सुरक्षा का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है। सभी को जल स्रोतों के पास सावधानी बरतनी चाहिए और बच्चों को जल सुरक्षा के बारे में अवश्य शिक्षा देनी चाहिए। दिव्यांशु और गौरव के परिवारों के प्रति हमारी गहरी शोक संवेदनाएँ हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएँ न हों।
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