एक साल से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा शुद्ध पानी:गोंडा में पानी टंकी की मोटर खराब, कई बार शिकायत के बाद भी मरम्मत नहीं

गोंडा के इटियाथोक थाना क्षेत्र के करुवापारा गांव में सरकार के जल जीवन मिशन की पोल खुलती नजर आ रही है। करीब 98.17 लाख रुपए की लागत से बनी पानी टंकी पिछले एक साल से बंद पड़ी है। ग्रामीणों का आरोप है कि तेज बिजली आने से पानी टंकी की मोटर जल गई थी, जिसकी सूचना अधिकारियों को कई बार दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों को करना पड़ रहा है संघर्ष करुवापारा गांव के 341 घरों को इस टंकी से पानी की आपूर्ति होनी थी, लेकिन पिछले साल से बंद पड़ी इस टंकी के चलते ग्रामीण अपने घरों में लगे निजी हैंडपंप और नलों से काम चला रहे हैं। शुद्ध पेयजल के अभाव में लोग डायरिया, पेट दर्द और अन्य बीमारियों से परेशान हैं। गांव के लोगों ने जल निगम विभाग और पंचायत अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई। पानी टंकी के ऑपरेटर ने भी खराब मोटर को ठीक कराने के लिए लिखित शिकायतें दीं, लेकिन सभी प्रयास नाकाम रहे। 2016 में बनी थी टंकी, 2017 में हुआ था उद्घाटन तत्कालीन सपा सरकार के कार्यकाल में करुवापारा को गोंडा जिले की पहली ग्राम पंचायत के तौर पर जल जीवन मिशन का लाभ मिला। 98.17 लाख की लागत से बनी यह पानी टंकी 2016 में तैयार हुई और 2017 में योगी सरकार के कार्यकाल में चालू की गई। कई सालों तक गांव वालों को शुद्ध पेयजल मिला, लेकिन अब बीते एक साल से यह सुविधा पूरी तरह ठप है। जल निगम ने पंचायत पर डाला जिम्मा जब जल निगम विभाग के एक्सईएन से मामले पर बात की गई, तो उन्होंने टंकी को ग्राम पंचायत को हैंडओवर करने की बात कही। उन्होंने बताया, "जेई को जांच के लिए भेजा गया है। प्रधान से बात कर पूरे मामले की रिपोर्ट मंगाई जा रही है। जल्द ही खराब मोटर को ठीक करवाकर पानी की आपूर्ति बहाल की जाएगी।" गांव वालों की मांग – जल्द हो समाधान ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। शुद्ध पेयजल हर नागरिक का अधिकार है। पानी टंकी को ठीक न करवाने से मिशन का उद्देश्य ही विफल हो रहा है। गांव के लोग अब जिला प्रशासन और जल निगम विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Nov 22, 2024 - 17:00
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एक साल से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा शुद्ध पानी:गोंडा में पानी टंकी की मोटर खराब, कई बार शिकायत के बाद भी मरम्मत नहीं
गोंडा के इटियाथोक थाना क्षेत्र के करुवापारा गांव में सरकार के जल जीवन मिशन की पोल खुलती नजर आ रही है। करीब 98.17 लाख रुपए की लागत से बनी पानी टंकी पिछले एक साल से बंद पड़ी है। ग्रामीणों का आरोप है कि तेज बिजली आने से पानी टंकी की मोटर जल गई थी, जिसकी सूचना अधिकारियों को कई बार दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों को करना पड़ रहा है संघर्ष करुवापारा गांव के 341 घरों को इस टंकी से पानी की आपूर्ति होनी थी, लेकिन पिछले साल से बंद पड़ी इस टंकी के चलते ग्रामीण अपने घरों में लगे निजी हैंडपंप और नलों से काम चला रहे हैं। शुद्ध पेयजल के अभाव में लोग डायरिया, पेट दर्द और अन्य बीमारियों से परेशान हैं। गांव के लोगों ने जल निगम विभाग और पंचायत अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई। पानी टंकी के ऑपरेटर ने भी खराब मोटर को ठीक कराने के लिए लिखित शिकायतें दीं, लेकिन सभी प्रयास नाकाम रहे। 2016 में बनी थी टंकी, 2017 में हुआ था उद्घाटन तत्कालीन सपा सरकार के कार्यकाल में करुवापारा को गोंडा जिले की पहली ग्राम पंचायत के तौर पर जल जीवन मिशन का लाभ मिला। 98.17 लाख की लागत से बनी यह पानी टंकी 2016 में तैयार हुई और 2017 में योगी सरकार के कार्यकाल में चालू की गई। कई सालों तक गांव वालों को शुद्ध पेयजल मिला, लेकिन अब बीते एक साल से यह सुविधा पूरी तरह ठप है। जल निगम ने पंचायत पर डाला जिम्मा जब जल निगम विभाग के एक्सईएन से मामले पर बात की गई, तो उन्होंने टंकी को ग्राम पंचायत को हैंडओवर करने की बात कही। उन्होंने बताया, "जेई को जांच के लिए भेजा गया है। प्रधान से बात कर पूरे मामले की रिपोर्ट मंगाई जा रही है। जल्द ही खराब मोटर को ठीक करवाकर पानी की आपूर्ति बहाल की जाएगी।" गांव वालों की मांग – जल्द हो समाधान ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। शुद्ध पेयजल हर नागरिक का अधिकार है। पानी टंकी को ठीक न करवाने से मिशन का उद्देश्य ही विफल हो रहा है। गांव के लोग अब जिला प्रशासन और जल निगम विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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