ओझा सर ने जॉइन की आम आदमी पार्टी:पहले बीजेपी, फिर कांग्रेस से मांग चुके हैं टिकट; मां के मना करने पर छोड़ दी थी सीट

सिर पर गमझा बांधकर UPSC की पढ़ाई कराने वाले ओझा सर ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। पार्टी के नेशनल कन्‍वेनर अरविंद केजरीवाल और सीनियर पार्टी लीडर मनीष सिसोदिया ने उन्‍हें पार्टी में शामिल किया। AAP के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं ओझा सर इस मौके पर ओझा सर ने कहा कि शिक्षा वो दूध है, जो पियेगा वो दहाड़ेगा। वो पिछले 22 सालों से छात्रों को कोचिंग दे रहे हैं। उनके सोशल मीडिया फॉलोअर्स की गिनती लाखों में है। अब फरवरी 2025 में होने जा रहे दिल्‍ली असेंबली इलेक्‍शंस में ओझा सर AAP के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। पहले बीजेपी, फिर कांग्रेस से मांग चुके हैं टिकट अगस्‍त 2024 में एक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्‍यू में अवध ओझा ने बताया था कि वो पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्‍होंने पार्टी से प्रयागराज सीट का टिकट मांगा था, मगर मिला नहीं। पार्टी ने उन्‍हें कैसरगंज से लड़ने के लिए कहा, मगर उन्‍हें प्रयागराज से लड़ना था। उन्‍होंने बताया कि अपनी मां के मना करने पर वो कैसरगंज से चुनाव नहीं लड़े। इसके बाद उन्‍होंने कांग्रेस से अमेठी सीट पर लड़ने के लिए टिकट मांगा। शुरुआत में पार्टी इसके लिए तैयार थी, मगर बाद में किशोरीलाल शर्मा को इस सीट से टिकट मिल गया। जमीन बेचकर UPSC की तैयारी की, मेन्‍स में फेल हुए अवध ओझा 3 जुलाई 1984 को यूपी के गोंडा में पैदा हुए। उनके पिता श्रीमाता प्रसाद ओझा पोस्‍ट मास्‍टर थे। उनके पास 10 एकड़ जमीन थी। पिता ने अपनी पत्‍नी को पढ़ाई कराने के लिए 5 एकड़ जमीन बेच दी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे वकील बनीं। दूसरी बार अपने बेटे की पढ़ाई के लिए श्रीमाता प्रसाद ओझा ने बाकी 5 एकड़ जमीन भी बेच दी। अवध UPSC की तैयारी में जुट गए। मगर मेन्‍स में फेल हो गए। इसके बाद उन्‍होंने जेब खर्च चलाने के लिए इलाहाबाद में एक कोचिंग में इतिहास पढ़ाना शुरू कर द‍िया। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था, 'मैं जहां से आता हूं, वहां या तो आपको IAS ऑफिसर बनना होगा, या फिर अपराधी।' पढ़ाने के नीरस तरीके से परेशान होकर स्‍टूडेंट्स कोचिंग छोड़ने लगे शुरुआत में अवध ओझा के पढ़ाने का तरीका बेहद नीरस था। इससे परेशान होकर स्‍टूडेंट्स ने कोचिंग छोड़ना शुरू कर दिया। ओझा सर ने इसकी वजह जानने के लिए बच्‍चों से फीडबैक लिया। इसके बाद नए तरीके से पढ़ाना शुरू किया। उनका नया अंदाज छात्रों को पसंद आने लगा। कुछ स्‍टूडेंट्स ने क्‍लासरूम में उनके वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर शेयर किए जो वायरल हो गए। साल 2020 में उन्‍होंने अपना YouTube चैनल शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज उनकी नेटवर्थ 11 करोड़ रुपए है। ये खबरें भी पढ़ें... क्‍या आप हल कर पाएंगे UPSC 1947 का क्‍वेश्‍चन पेपर: बताएं BBC, RIN, PC के फुलफॉर्म; सोशल मीडिया पर फोटोज वायरल ये तमाम सवाल पूछे गए हैं 1947 के UPSC सिविल सर्विस एग्‍जाम में। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर @IASfraternity नाम के चैनल के इस क्‍वेश्‍चन पेपर की तस्‍वीरें शेयर की हैं। सवालों के साथ उनके जवाब यानी आंसर की भी हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Dec 2, 2024 - 13:40
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ओझा सर ने जॉइन की आम आदमी पार्टी:पहले बीजेपी, फिर कांग्रेस से मांग चुके हैं टिकट; मां के मना करने पर छोड़ दी थी सीट
सिर पर गमझा बांधकर UPSC की पढ़ाई कराने वाले ओझा सर ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। पार्टी के नेशनल कन्‍वेनर अरविंद केजरीवाल और सीनियर पार्टी लीडर मनीष सिसोदिया ने उन्‍हें पार्टी में शामिल किया। AAP के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं ओझा सर इस मौके पर ओझा सर ने कहा कि शिक्षा वो दूध है, जो पियेगा वो दहाड़ेगा। वो पिछले 22 सालों से छात्रों को कोचिंग दे रहे हैं। उनके सोशल मीडिया फॉलोअर्स की गिनती लाखों में है। अब फरवरी 2025 में होने जा रहे दिल्‍ली असेंबली इलेक्‍शंस में ओझा सर AAP के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। पहले बीजेपी, फिर कांग्रेस से मांग चुके हैं टिकट अगस्‍त 2024 में एक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्‍यू में अवध ओझा ने बताया था कि वो पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्‍होंने पार्टी से प्रयागराज सीट का टिकट मांगा था, मगर मिला नहीं। पार्टी ने उन्‍हें कैसरगंज से लड़ने के लिए कहा, मगर उन्‍हें प्रयागराज से लड़ना था। उन्‍होंने बताया कि अपनी मां के मना करने पर वो कैसरगंज से चुनाव नहीं लड़े। इसके बाद उन्‍होंने कांग्रेस से अमेठी सीट पर लड़ने के लिए टिकट मांगा। शुरुआत में पार्टी इसके लिए तैयार थी, मगर बाद में किशोरीलाल शर्मा को इस सीट से टिकट मिल गया। जमीन बेचकर UPSC की तैयारी की, मेन्‍स में फेल हुए अवध ओझा 3 जुलाई 1984 को यूपी के गोंडा में पैदा हुए। उनके पिता श्रीमाता प्रसाद ओझा पोस्‍ट मास्‍टर थे। उनके पास 10 एकड़ जमीन थी। पिता ने अपनी पत्‍नी को पढ़ाई कराने के लिए 5 एकड़ जमीन बेच दी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे वकील बनीं। दूसरी बार अपने बेटे की पढ़ाई के लिए श्रीमाता प्रसाद ओझा ने बाकी 5 एकड़ जमीन भी बेच दी। अवध UPSC की तैयारी में जुट गए। मगर मेन्‍स में फेल हो गए। इसके बाद उन्‍होंने जेब खर्च चलाने के लिए इलाहाबाद में एक कोचिंग में इतिहास पढ़ाना शुरू कर द‍िया। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था, 'मैं जहां से आता हूं, वहां या तो आपको IAS ऑफिसर बनना होगा, या फिर अपराधी।' पढ़ाने के नीरस तरीके से परेशान होकर स्‍टूडेंट्स कोचिंग छोड़ने लगे शुरुआत में अवध ओझा के पढ़ाने का तरीका बेहद नीरस था। इससे परेशान होकर स्‍टूडेंट्स ने कोचिंग छोड़ना शुरू कर दिया। ओझा सर ने इसकी वजह जानने के लिए बच्‍चों से फीडबैक लिया। इसके बाद नए तरीके से पढ़ाना शुरू किया। उनका नया अंदाज छात्रों को पसंद आने लगा। कुछ स्‍टूडेंट्स ने क्‍लासरूम में उनके वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर शेयर किए जो वायरल हो गए। साल 2020 में उन्‍होंने अपना YouTube चैनल शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज उनकी नेटवर्थ 11 करोड़ रुपए है। ये खबरें भी पढ़ें... क्‍या आप हल कर पाएंगे UPSC 1947 का क्‍वेश्‍चन पेपर: बताएं BBC, RIN, PC के फुलफॉर्म; सोशल मीडिया पर फोटोज वायरल ये तमाम सवाल पूछे गए हैं 1947 के UPSC सिविल सर्विस एग्‍जाम में। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर @IASfraternity नाम के चैनल के इस क्‍वेश्‍चन पेपर की तस्‍वीरें शेयर की हैं। सवालों के साथ उनके जवाब यानी आंसर की भी हैं। पूरी खबर पढ़ें...

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