पोलिंग स्टेशन पर वोटर्स की संख्या बढ़ाने के खिलाफ याचिका:सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा; अभी एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 मतदाता
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 से 1500 करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने चुनाव आयोग से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से इस फैसले के पीछे के तर्क को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई जनवरी 2025 में होगी। अगली सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता को भी हलफनामे की एक कॉपी देने का निर्देश दिया। जस्टिस कुमार ने यह भी पूछा, "एक पोलिंग स्टेशन में कई पोलिंग बूथ हो सकते हैं, तो क्या यह नीति सिंगल पोलिंग बूथ पर भी लागू होगी?" इंदु प्रकाश सिंह की ओर से दायर याचिका में अगस्त 2024 में चुनाव आयोग की तरफ से जारी 2 फैसलों को चुनौती दी गई है। इसमें देश के हर पोलिंग सेंटर में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है। याचिका में सिंह ने तर्क दिया गया है कि हर पोलिंग स्टेशन में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का निर्णय मनमाना था और किसी भी डेटा पर आधारित नहीं था। याचिका में किए गए दावे 2016 में चुनाव आयोग ने बढ़ाई थी पोलिंग सेंटर पर संख्या 2016 में चुनाव आयोग ने निर्देश दिया था कि एक पोलिंग सेंटर पर वोटर की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में 1200 और शहरी क्षेत्रों में 1400 तक सीमित होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हर पोलिंग सेंटर पर भविष्य में वोटर्स की संख्या में समय-समय पर कमी भी करनी चाहिए।
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