करोड़ों की ठगी की जांच करने आए अफसर को ठगा:बाइक बोट घोटाले की जांच के लिए बुलंदशहर आए थे, आरोपी ने रुपए डबल करने का झांसा दिया
बुलंदशहर में बाइक वोट के करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े में ठग की जांच करने आए अफसर खुद ठगी का शिकार हो गए। जिस ठग की जांच करने के लिए अफसर दिल्ली से बुलंदशहर आये थे, उस ठग ने ही अफसर को करोड़ों रुपए से ठग लिया। ठगी का शिकार हुआ यह अफसर अब जांच करे या अपने पैसे वापस ले, समझ नहीं पा रहा है। नोएडा, बुलंदशहर समेत पश्चिमी यूपी में हुआ करोड़ों रुपए का बाइट वोट फर्जीवाड़ा अब एक जांच अधिकारी के लिए सिरदर्द बन गया है। बाइक वोट फर्जीवाड़े से जुड़े एक ठग की जांच करने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच का यह दरोगा बुलंदशहर आया। ठग की जांच करने आए यह दरोगा खुद ठग के संपर्क में आ गए। रुपए डबल करने के मायाजाल में फंसाया ठग ने दरोगा को भी रुपए डबल करने के मायाजाल में फंसा लिया। फिर क्या था, दारोगाजी अपनी काली कमाई ठग को देते चले गए। दारोगाजी को जब तक ठगी का अहसास हुआ, तब तक वह उसे 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम दे चुके थे। अब दरोगा जी उस ठग की मिन्नतें कर रहे हैं कि किसी प्रकार उनके पैसे वापस हो जाए। पुलिस अफसरों से भी ठग पर दबाव बनवाया जा रहा है, लेकिन अफसर ऑफ रिकॉर्ड ही ठग पर दबाव बना रहे हैं। दारोगाजी एफआईआर भी दर्ज नहीं करवा पा रहे हैं। एफआईआर दर्ज हुई तो दारोगा जी को फंसने का डर है। अब दारोगाजी के साथ हुई यह ठगी बुलंदशहर से लेकर दिल्ली तक चर्चा का विषय बनी हुई है। दारोगाजी ठग की न जांच कर पा रहे हैं और न ही अपने पैसे वापस ले पा रहे हैं। मामला संज्ञान में नहीं : एसएसपी एसएसपी बुलंदशहर दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। किसी की तरफ से कोई शिकायत नहीं है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

करोड़ों की ठगी की जांच करने आए अफसर को ठगा
बुलंदशहर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां करोड़ों की ठगी के एक मामले की जांच करने आए अधिकारी को खुद ठगी का शिकार होना पड़ा। यह घटना उस समय हुई जब अधिकारी बाइक बोट घोटाले की जांच के लिए क्षेत्र में पहुंचे थे। संदिग्ध आरोपियों ने उन्हें रुपए डबल करने का झांसा दिया, जिसके परिणामस्वरूप अधिकारी को नुकसान उठाना पड़ा।
घटना का विवरण
जैसे ही जांच अधिकारी बुलंदशहर पहुंचे, उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा बताए गए एक व्यक्ति से मिलने का सुझाव दिया गया। उस व्यक्ति ने अधिकारी को यह विश्वास दिलाया कि वह उन्हें निवेश करने के कुछ अद्भुत अवसरों के बारे में बताएगा। उसने जल्दी ही अधिकारियों को आश्वस्त कर दिया कि उनका पैसा दुगना हो सकता है, और इस लालच में अधिकारी ने उसके साथ बातचीत करना शुरू किया।
जांच के परिणाम
जब अधिकारी ने इस प्रस्ताव में रुचि दिखाई, तो आरोपी ने उन्हें अपने उद्देश्यों के अनुसार फंड ट्रांसफर करने के लिए कहा। अधिकारियों ने जब तक यह समझा कि उन्हें ठगा गया है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे ठगी के मामलों में लोग यहाँ तक पहुँच सकते हैं, इससे ना केवल खुद ठगने वाले लेकिन जांच करने वाले को भी नुकसान होता है।
लोगों को जागरूक करने के उपाय
इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है कि कैसे उन्हें इस प्रकार के ठगी के जाल से बचना चाहिए। अफसरों ने सुझाव दिया है कि किसी भी प्रकार के निवेश के वादों पर यकीन करने से पहले उचित जांच जरूर करें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से संलग्न हो।
यह विशेष मामले जांच एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें कंपनियों और व्यक्तियों की पृष्ठभूमि को अच्छे से देखना चाहिए, विशेषकर जब वे ठगी के मामलों की जांच कर रहे हों।
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