कश्मीर में आतंकी हमले का विरोध:पहलगाम हमले के खिलाफ इंकलाबी नौजवान सभा और इंसाफ मंच का प्रदर्शन, जिलाधिकारी कार्यालय पर सभा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पर्यटकों की मौत के विरोध में शनिवार को इंकलाबी नौजवान सभा और इंसाफ मंच ने गोंडा में आक्रोश मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सभा की और राष्ट्रपति को संबोधित 3 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। “सरकार के दावे खोखले साबित हुए” – मो. एहसन इंसाफ मंच के सचिव मोहम्मद एहसन ने कहा कि पहलगाम की घटना ने सरकार के उस दावे की पोल खोल दी है जिसमें कहा गया था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आतंकी समूहों से निपटने में पूरी तरह विफल रही है। कमजोर सुरक्षा और अग्निवीर योजना के चलते सीमा की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। “घटना को सांप्रदायिक रंग देना निंदनीय” – गुलाम सिद्दीकी इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष गुलाम अहमद सिद्दीकी ने घटनास्थल पर सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं के अभाव पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस दर्दनाक घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जो निंदनीय है। “सरकार श्वेत पत्र जारी करे” – फूल चंद्र मौर्या किसान महासभा के अध्यक्ष फूल चंद्र मौर्या ने कहा कि सरकार ने कश्मीर में स्थिति सामान्य होने का भरोसा दिलाया था, इसी भरोसे पर लोग वहां गए और अब उनकी जान चली गई। उन्होंने मांग की कि सरकार इस विषय पर श्वेत पत्र जारी करे और त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाने से बाज आए। तीन सूत्रीय मांगें राष्ट्रपति को भेजीं प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर तीन प्रमुख मांगें रखीं। इनमें घायलों को उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध कराना और सरकारी खर्च पर इलाज, मृतकों के परिजनों को मुआवजा और लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों को सजा और घटना को सांप्रदायिक रंग देने, झूठी कहानियां फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। कार्यक्रम में भाकपा (माले) के जिला सचिव उदय पटेल, ऐक्टू के राम गोपाल, कृष्ण आत्मा शर्मा, अली रजा, गुलाम अरशद, गुड्डू सोनकर, शादाब, पिंटू, आदित्य कुशवाहा, नईम, हाफिज सोयब समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

असमाजिक तत्वों के खिलाफ एकजुटता
कश्मीर में हालिया आतंकी हमले के खिलाफ इंकलाबी नौजवान सभा और इंसाफ मंच ने मिलकर एक शक्तिशाली प्रदर्शन आयोजित किया। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन जिले के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर किया गया, जहां युवाओं ने एकजुटता और शांति के लिए आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और कश्मीर की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
पीड़ितों के प्रति संवेदना
प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरा दुख व्यक्त किया। इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि कश्मीर की युवा पीढ़ी आतंकवाद के खिलाफ खड़ी है। सभा में विभिन्न वक्ताओं ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होने की आवश्यकता पर बल दिया।
समाजिक जागरूकता का महत्व
इन संगठनों के नेताओं ने यह भी जोर दिया कि केवल कड़े कानूनों से ही समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने की मांग की, जिससे वे चरमपंथ की ओर आकर्षित न हों।
आगामी योजनाएँ
प्रदर्शन के दौरान, इंकलाबी नौजवान सभा और इंसाफ मंच ने आगामी योजनाओं की भी घोषणा की, जिसमें सामुदायिक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन शामिल है। यह प्रयास कश्मीर में शांति और सद्भाव को पुनः स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
इस प्रकार, इंकलाबी नौजवान सभा और इंसाफ मंच का यह प्रदर्शन कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ युवाओं की जागरूकता और एकजुटता का प्रतीक है। आतंकवाद का सामना करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। Keywords: कश्मीर में आतंकी हमला, पहलगाम हमला, इंकलाबी नौजवान सभा, इंसाफ मंच प्रदर्शन, जिलाधिकारी कार्यालय, युवाओं का विरोध, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, कश्मीर में शांति, सामाजिक जागरूकता, कश्मीर में प्रदर्शन For more updates, visit indiatwoday.com.
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