बाराबंकी में गोमती नदी पर दो नए पुलों की मांग:पूर्व सांसद ने सीएम योगी को सौंपा पत्र, 200 मीटर लंबे पुल से जुड़ेंगे दर्जनों गांव
बाराबंकी के सिद्धौर क्षेत्र में गोमती नदी पर दो महत्वपूर्ण पुलों के निर्माण का मार्ग जल्द ही प्रशस्त हो सकता है। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर गोसियामऊ और मौलाबाद घाट पर पुल निर्माण का प्रस्ताव रखा है। गोसियामऊ घाट पर प्रस्तावित 200 मीटर लंबे पुल के निर्माण से बांदा-बहराइच मार्ग पर स्थित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इनमें नूरपुर, मोतीकपुर, भोगला, बहादुरनगर, सरवनपुर, मेनहुवा, पलौली, गोसियामऊ, जयचंदपुर, सराय चंदेल और हैदरगढ़ सुबेहा रोड शामिल हैं। त्रिवेदीगंज ब्लॉक में प्रस्तावित इस पुल से लगभग दो दर्जन गांवों के निवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। रावत ने बताया कि दोनों पुलों के निर्माण संबंधी प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया गया है और उन्हें विश्वास है कि जल्द ही शासन से इसकी स्वीकृति मिल जाएगी। इन पुलों के निर्माण से क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी और क्षेत्र का समग्र विकास तेज होगा।

बाराबंकी में गोमती नदी पर दो नए पुलों की मांग
बाराबंकी जिले में गोमती नदी पर दो नए पुलों का निर्माण कराने की मांग उठाई गई है। पूर्व सांसद ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र सौंपा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि 200 मीटर लंबे नए पुल का निर्माण दर्जनों गांवों को आपस में जोड़ने में मदद करेगा। यह क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा को सुगम बनाएगा।
पुलों के महत्व और क्षेत्रीय विकास
नदी पर पुलों की कमी के कारण ग्रामीणों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। नए पुलों के निर्माण के बाद, कई गांवों के बीच संपर्क बेहतर होगा, जिससे लोगों को चिकित्सा, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्राप्त होगी। यह प्रस्ताव सरकार द्वारा ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
सीएम योगी को भेजा गया पत्र
पूर्व सांसद ने पत्र में तर्क दिया है कि गोमती नदी पर दो नए पुलों की मांग स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना का लाभ न केवल बाराबंकी बल्कि आसपास के क्षेत्र के निवासियों को भी मिलेगा। पत्र में ठोस तर्कों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि सरकार इस मांग पर ध्यान दे।
आगे की प्रक्रिया
अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर क्या कदम उठाती है। अगर पुलों का निर्माण होता है, तो यह स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को सुधारने में काफी सहायक साबित होगा। जनता से मिलने वाली प्रतिक्रिया और स्थानीय प्रतिनिधियों के समर्थन से यह परियोजना आगे बढ़ सकती है।
समुदाय की आवाज़ को सुनना और उनकी आवश्यकताओं पर ध्यान देना नगरपालिका और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। हम आशा करते हैं कि इस मांग को उचित महत्व दिया जाएगा।
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