कानपुर जेल में बंदियों रिजल्ट सौ प्रतिशत:हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 9 कैदी पास, 3 ने प्रथम श्रेणी हासिल की

कानपुर कारागार में बंद 9 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में सफलता हासिल की है। जेल अधीक्षक डॉ. बी.डी. पांडेय ने बताया कि वर्ष 2025 में हाईस्कूल के 2 और इंटरमीडिएट के 7 बंदियों ने परीक्षा दी थी। हाईस्कूल में शुभम वर्मा और मनोज कुमार ने प्रथम श्रेणी हासिल की। इंटरमीडिएट में गौरव विश्वकर्मा ने प्रथम श्रेणी प्राप्त की। आकाश साहू, हर्ष कुशवाहा, धर्मेंद्र पाल और उजैफ वारिस खान ने द्वितीय श्रेणी में परीक्षा पास की। अब्दुल सलाम और बॉबी रविदास ने तृतीय श्रेणी में सफलता प्राप्त की। सभी बंदियों को परीक्षा की तैयारी के लिए जेल पुस्तकालय से किताबें उपलब्ध कराई गईं। गौरव विश्वकर्मा और धर्मेंद्र पाल जैसे आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों ने भी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया। यह सभी बंदी विभिन्न अपराधों जैसे हत्या, अपहरण, नशीली दवाओं की तस्करी और पॉक्सो एक्ट के तहत जेल में बंद हैं। बी डी पाण्डेय ने बताया कि हाई स्कूल और इंटर का परीक्षा फल 100% गया है यहां नौकरियां ने परीक्षा दी थी सभी ने सफलता हासिल की है।

Apr 25, 2025 - 19:00
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कानपुर जेल में बंदियों रिजल्ट सौ प्रतिशत:हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 9 कैदी पास, 3 ने प्रथम श्रेणी हासिल की
कानपुर कारागार में बंद 9 कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा में सफलता हासिल की है। जेल अधीक्षक डॉ. बी

कानपुर जेल में बंदियों रिजल्ट सौ प्रतिशत: हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 9 कैदी पास, 3 ने प्रथम श्रेणी हासिल की

कानपुर जेल से एक सुखद समाचार सामने आया है जहां जेल में बंद 9 कैदियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। यह तथ्य चर्चा का विषय बन गया है कि इन कैदियों का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा। खास बात यह है कि उनमें से 3 कैदियों ने तो प्रथम श्रेणी भी प्राप्त की। यह सफलता न केवल उन कैदियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत है।

कैदियों की तैयारी और मेहनत

उन्हें पढ़ाई के लिए उचित संसाधन उपलब्ध कराए गए थे, जिससे उनकी मेहनत सफल हुई। कानपुर जेल में व्यावसायिक शिक्षा और सुधार कार्यक्रमों के जरिए उनके लिए शिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। जेल अधिकारियों के अनुसार, यह परिणाम यह दिखाता है कि उचित मार्गदर्शन और पाठ्यक्रम का पालन करने पर कैदियों में सुधार संभव है।

सकारात्मक संदेश समाज के लिए

इस प्रकार की सफलताएँ एक सकारात्मक संदेश भेजती हैं कि हर व्यक्ति के भीतर सुधार की क्षमता होती है। समाज को यह समझना चाहिए कि जो व्यक्ति एक बार गलत राह पर चले गए हैं, वे दोबारा से अपने जीवन में सही दिशा में चलने का प्रयास कर सकते हैं। यह घटना उनके लिए एक नई आशा की किरण बनती है।

सामाजिक धारणा में बदलाव

यह सफलता कानपुर जेल की प्रणाली में एक बदलाव की ओर इशारा करती है। कैदियों को शिक्षा के माध्यम से समाज में उचित स्थान दिलाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके परिणामस्वरूप, यह उम्मीद जगी है कि अन्य जेलों में भी इस तरह के कार्यक्रम लागू किए जाएं।

भविष्य की योजनाएं

जेल प्रशासन ने आगे के लिए योजनाएं बनाई हैं ताकि और भी कैदियों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्हें vocational training और अन्य शैक्षणिक विकल्पों की पेशकश करने की योजना बनाई जा रही है। यह एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण है जो न केवल कैदियों के लिए फायदे मंद है बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी हो सकता है।

अंत में, इन कैदियों की मेहनत और सफलता केवल उन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए एक प्रेरणा है। शिक्षा की इस चमक को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। इस प्रकार की खबरें हमें यह याद दिलाती हैं कि हर व्यक्ति में क्षमता है, बस आवश्यकता है तो उसे सही दिशा में ले जाने की।

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