काशी के घाटों पर खौलती चाय, बड़े हादसे को न्यौता:महाकुम्भ को लेकर पहले से जारी है एलर्ट, काशी के घाटों पर दो बार हो चुका है ब्लास्ट
काशी में गंगा किनारे मौजूद विश्वविख्यात घाटों पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण किसी दिन बड़े हादसे का सबब बन सकता है। दो दिन पूर्व अस्सी घाट पर चाय विक्रेता का स्टोव फट गया था। चाय विक्रेता राजकुमार साहनी समेत दो लोग जख्मी हो गए थे। कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी का माहौल हो गया था। इस घटना ने काशी के घाटों पर होने वाले अतिक्रमण से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की कलई भी खोल दी है। सुबह होता विस्फोट तो ... 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान करने वाले लाखों श्रद्धालु सुबह घाट पर मौजूद थे। स्टोव में विस्फोट दोपहर 12 बजे के बाद हुआ, जब घाट से भीड़ का दबाव कम हो गया था। विस्फोट के अगले ही दिन दोबारा आस्था का जन सैलाब घाटों पर उमड़ा था। महाकुम्भ में स्नान के बाद लाखों तीर्थयात्री काशी पहुंचे थे। ऐसे में अगर स्टोव फटने की घटना उस समय होती तो भगदड़ जैसे हालात से इनकार नहीं किया जा सकता था। फरवरी माह तक महाकुम्भ का पलट प्रवाह काशी में रहेगा। घाटों पर ऐसे ठेला, गुमटी, खोमचा वाले जो सिलेंडर, स्टोव के जरिए चाय काफी और फास्टफूड तैयार करते हैं, उनकी लापरवाही से कभी भी बड़े हादसे को न्यौता दे देगी। महाकुम्भ को लेकर जारी है एलर्ट प्रयागराज के साथ ही काशी और अयोध्या को लेकर भी सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने एडवाइजरी जारी की है। महाकुम्भ के तीर्थयात्रियों को निशाना बनाने की आतंकी धमकी आ चुकी है। घाटों पर अवैध तरीके से गैस सिलेंडर, स्टोव का उपयोग बिना सुरक्षा उपाय के हो रहा है, किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है। दो बार आतंकी घाट को बना चुके निशाना वाराणसी में दहशतगर्द दो बार घाटों को निशाना बना चुके हैं। पहली बार 23 फरवरी 2005 को कुकर और सिलेंडर के जरिए आतंकियों ने धमाका किया था जिसमें पांच लोग मारे गए। पहले पुलिस ने सिलेंडर ब्लास्ट कहा था लेकिन जांच में पुलिस की कहानी झूठी निकली थी। घाट पर पांच साल बाद यानी 2010 में आतंकियों ने एक बार फिर ब्लास्ट किया। शीतला घाट पर हुए बम विस्फोट में एक बच्ची की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। हटाते हैं, फिर सज जाती हैं दुकानें नगर निगम की कार्यकारिणी और सदन की बैठक में काशी के घाटों पर होने वाले अतिक्रमण, सफाई, व्यवस्था को लेकर जनप्रतिनिधि सवाल खड़े कर चुके हैं। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि घाट से अतिक्रमण हटाने को लेकर कई बार अभियान चला। नगर निगम का दस्ता देखकर अपनी गुमटी, ठेला हटा लेते हैं और बाद में फिर लगा लेते हैं। सबसे बड़ी समस्या वो ठेले, गुमटी और खोमचे वाले हैं जो अग्निशमन यंत्र के बिना ही घाट सिलेंडर या स्टोव रखे हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम घाटों को लेकर नियमावली तैयार कर रहा है जिसे सदन की आगामी बैठक में पास कराने का प्रयास होगा। इससे घाटों पर अतिक्रमण हटाने के साथ ही अन्य व्यवस्था भी लागू करने में आसानी होगी।
काशी के घाटों पर खौलती चाय, बड़े हादसे को न्यौता
महाकुम्भ का पर्व हमेशा से ही अपने धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ सुरक्षा चिंताओं को भी लेकर आता है। इस बार काशी के घाटों पर चाय की गरमी से ज्यादा चिंता उस एलर्ट को लेकर है जो पहले से जारी किया गया है। जबकि घाटों पर भीड़ बढ़ती जा रही है, प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र कड़े कदम उठाना शुरू कर दिए हैं।
महाकुम्भ के दौरान सुरक्षा चेतावनी
महाकुम्भ, जो हर 12 साल में होता है, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस भव्य अवसर पर लाखों लोग स्नान करने और पूजा करने के लिए एकत्र होते हैं। लेकिन इस बार काशी के घाटों पर दो बार हुए ब्लास्ट ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए सभी आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे।
काशी के घाटों पर चाय की दुकानें और बढ़ती भीड़
काशी के घाटों पर चाय की दुकानें खुल गई हैं और वहां का माहौल जीवंत हो गया है। लोग गर्मागर्म चाय का आनंद लेने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। लेकिन इस भीड़ के बीच सुरक्षा अधिक सतर्कता की मांग करती है। प्रशासन ने पहले से ही बढ़ती संख्या के कारण चौकसी बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ब्लास्ट की घटनाएं और सतर्कता
हाल के दो ब्लास्ट घटनाओं ने काशी के घाटों पर आतंक का माहौल पैदा कर दिया है। ऐसे में प्रशासन ने उच्च स्तर पर सुरक्षा बलों की तैनाती का निर्णय लिया है। इस बार महाकुम्भ से जुड़ी सभी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। सुरक्षा कैमरे और गश्ती दलों के माध्यम से शहर में सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है।
यातायात और जनसंख्या के हिसाब से, काशी के घाट सार्वजनिक सुरक्षा का केन्द्र बन गए हैं। यदि आप काशी में हैं तो सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
News by indiatwoday.com
इस महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार और सतर्कता जरूरी है। सभी नागरिकों, भक्तों और पर्यटकों से अपील है कि वे अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की रिपोर्ट करें। Keywords: काशी महाकुंभ 2023, काशी के घाट, सुरक्षा व्यवस्था महाकुंभ, काशी ब्लास्ट, घाटों पर चाय, महाकुंभ में बढ़ती भीड़, काशी सुरक्षा चेतावनी, महाकुंभ एलर्ट, काशी की धार्मिक स्थल, घटना की रिपोर्टिंग, काशी घाटों पर चाय की दुकानें, महाकुंभ में सुरक्षा जांच, जनता की सुरक्षा महाकुंभ.
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