किन्नौर में गुणात्मक शिक्षा और नशा-निवारण पर जोर:राजस्व मंत्री बैठक में शामिल, नेगी बोले-टीचर-पेरेंट्स मिलकर करें युवाओं को जागरूक
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में जिला स्तरीय गुणात्मक शिक्षा एवं नशा-निवारण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। मंत्री ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का व्यक्तित्व विकास करें। उन्होंने कहा कि जिले में शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। जागरूकता कार्यक्रम होंगे आयोजित उन्होंने कहा कि शिक्षकों को नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विद्यालयों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। नशा-निवारण के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। जिले में नियमित रूप से खेल प्रति स्पर्धाएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने में अभिभावकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इस वर्ष से स्कूलों में नए पाठ्यक्रम भी शुरू उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों पर नजर रखें और उन्हें नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करवाएं। बैठक में उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा कुलदीप सिंह डोगरा और पंचायत जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस वर्ष से विद्यालयों में नए पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सके।

किन्नौर में गुणात्मक शिक्षा और नशा-निवारण पर जोर
किन्नौर में हाल ही में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में राजस्व मंत्री ने गुणात्मक शिक्षा और नशा-निवारण के मुद्दे पर जोर दिया। यह बैठक शिक्षकों और अभिभावकों की भागीदारी से युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से की गई थी। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर प्रशासन, शिक्षक और अभिभावक मिलकर काम करें, तो नशे की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शिक्षा का सुधार
राजस्व मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से ही हम युवाओं को सशक्त बना सकते हैं। शिक्षा प्रणाली में सुधार, पाठ्यक्रम का अद्यतन और शिक्षकों की प्रशिक्षण का महत्व बताया गया। उन्होंने अभिभावकों को भी निर्देश दिए कि वे अपने बच्चों के अध्ययन में पूरी रुचि लें और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें।
नशा-निवारण पर विशेष ध्यान
समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने अपील की कि सभी हितधारक, विशेषकर शिक्षक और अभिभावक, एक साथ मिलकर काम करें ताकि नशे के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और समाजसेवियों को भी इस पहल में शामिल करने का सुझाव दिया।
बैठक के प्रमुख निर्णय
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। इसके अलावा, नियमित जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जो छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताएगा। इस विषय पर विशेषज्ञों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
समुदाय में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए, मंत्री ने सभी से अपील की कि वे युवा पीढ़ी को सशक्त करने की दिशा में अपना योगदान दें। इस दिशा में काम करने के लिए एक व्यवस्थागत योजना की आवश्यकता है।
समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा। शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही हम नशे की समस्या को कम कर सकते हैं। इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
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