किश्तवाड़ में बादल फटने से हाहाकार: 41 लोगों की जान चली गई, 98 को बचाया गया, कई लापता
Kishtwar Cloudburst : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से भारी तबाही मच गई। अब तक 41 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 120 लोग घायल हुए हैं। हादसे में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल बह गए हैं। …

किश्तवाड़ में बादल फटने से हाहाकार: 41 लोगों की जान चली गई, 98 को बचाया गया, कई लापता
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कम शब्दों में कहें तो, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा मार्ग पर मंगलवार शाम को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में 41 लोगों की जान जा चुकी है, और 120 लोग घायल हो चुके हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार राहत और बचाव कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है, लेकिन लगातार बारिश ने कार्य को कठिन बना दिया है।
भयानक हादसे का विवरण
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब लोग मचैल माता यात्रा पर निकले थे। भारी बारिश के कारण अचानक बादल फट गया, जिससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग लापता हो गए हैं। फटे बादल के कारण लकड़ी का पुल और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSI) का पुल भी बह गया है। स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है, और वे सभी राहत कार्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
बचाव कार्य की जानकारियाँ
डोडा-किश्तवाड़-रामबन (DKR) रेंज के डीआईजी श्रीधर पाटिल ने बताया कि लगभग 39 घायलों को नजदीकी अस्पतालों में लाया गया है। मरीजों की हालत ज्यादातर स्थिर है, हालांकि कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। बचाव कार्य में स्थानीय नागरिक, पुलिस और सेना के जवान एकजुट होकर जुटे हैं। पाटिल ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और राहत कार्य के लिए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
स्थानीय प्रशासन का प्रयास
इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में दु:ख का माहौल पैदा किया है। प्रशासन ने राहत सामग्री भेजने की प्रक्रिया में तेजी लाई है ताकि प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सके। प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचकर स्थिति का मूल्यांकन कर रही हैं और जहाँ भी आवश्यकता है, वहाँ प्राथमिकता से राहत कार्य कर रही हैं।
भावी उपाय और सावधानी
यह घटना हमें यह सिखाती है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सावधानी बरतना कितना जरूरी है। जलवायु परिवर्तन और भारी वर्षा के मद्देनजर, स्थानीय प्रशासन को ऐसे हादसों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाएगी और प्रभावित लोगों को शीघ्र सहायता प्रदान करेगी।
अंत में, किश्तवाड़ की यह трагिक घटना हम सभी के लिए एक जटिल परिस्थिति पैदा कर चुकी है। हम उन परिवारों के प्रति संवेदनाएँ प्रकट करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। यह समय सभी के लिए कठिन है, और हमें एकजुट होकर इस त्रासदी से उबरना होगा।
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सादर, टीम इंडिया टुडे
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