कोर्ट ने माना किशोर को जलाया गया था जिंदा:6 आरोपियों को हुई सजा, 3 को आजीवन और 3 नाबालिग को 10-10 साल की सजा

कानपुर देहात के वरौर गांव में लगभग चार साल पहले एक किशोर को कुछ लोगों ने आग लगाकर जिंदा जला दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और आरोप पत्र दाखिल किया था। मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायालय 13 पॉक्सो में चल रहा था। जहां न्यायालय ने 6 आरोपियों को दोषी मानते हुए 3 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अन्य 3 बाल अपराधियों को 10-10 साल की सजा दी गई। एडीजीसी राम रक्षित शर्मा ने बताया कि 5 जून 2020 को किशोर अनोद उर्फ अन्नू खेत पर फसल की रखवाली के लिए जा रहा था। तभी गांव के नरेंद्र उपाध्याय और उनके भाई प्रवीण कुमार, अखिलेश, अवधेश और तीन नाबालिग लड़कों ने उसे घेर लिया। तीन बाल अपराधियों को 10-10 साल की सजा दी गई मारपीट करते हुए ट्यूबवेल के पास ले गए। वहां उन्होंने उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर हालत के कारण कानपुर रेफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में किशोर के पिता अशोक उपाध्याय ने बरौर थाने में शिकायत दी थी। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और शुभम उपाध्याय, प्रवीण और अखिलेश को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। तीन बाल अपराधियों को 10-10 साल की सजा दी गई।

Oct 26, 2024 - 15:50
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कोर्ट ने माना किशोर को जलाया गया था जिंदा:6 आरोपियों को हुई सजा, 3 को आजीवन और 3 नाबालिग को 10-10 साल की सजा
कानपुर देहात के वरौर गांव में लगभग चार साल पहले एक किशोर को कुछ लोगों ने आग लगाकर जिंदा जला दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और आरोप पत्र दाखिल किया था। मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायालय 13 पॉक्सो में चल रहा था। जहां न्यायालय ने 6 आरोपियों को दोषी मानते हुए 3 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अन्य 3 बाल अपराधियों को 10-10 साल की सजा दी गई। एडीजीसी राम रक्षित शर्मा ने बताया कि 5 जून 2020 को किशोर अनोद उर्फ अन्नू खेत पर फसल की रखवाली के लिए जा रहा था। तभी गांव के नरेंद्र उपाध्याय और उनके भाई प्रवीण कुमार, अखिलेश, अवधेश और तीन नाबालिग लड़कों ने उसे घेर लिया। तीन बाल अपराधियों को 10-10 साल की सजा दी गई मारपीट करते हुए ट्यूबवेल के पास ले गए। वहां उन्होंने उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर हालत के कारण कानपुर रेफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में किशोर के पिता अशोक उपाध्याय ने बरौर थाने में शिकायत दी थी। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और शुभम उपाध्याय, प्रवीण और अखिलेश को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। तीन बाल अपराधियों को 10-10 साल की सजा दी गई।

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