गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ीं:बस्ती में दो केंद्रों पर तौल बंद, सूख रही फसल; डीएम से लगाई मदद की गुहार
बस्ती जनपद के किसानों के लिए गन्ने की तौल न होना बड़ी समस्या बन गई है। वैष्णोपुर और भोयर के गन्ना तौल केंद्रों पर तौल कार्य बंद होने से किसानों का गन्ना खेतों में ही सूख रहा है। इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित किसानों ने बताया कि साल 2012 से उनका गन्ना मसौधा चीनी मिल, अयोध्या भेजा जा रहा था। लेकिन इस साल अचानक तौल प्रक्रिया रुक जाने से उनकी फसल खेतों में ही खड़ी है। किसानों के पास गन्ना आपूर्ति की पर्चियां मौजूद हैं, लेकिन वैष्णोपुर केंद्र पर तौल न होने के कारण वे बेबस हैं। समाधान की मांग इस गंभीर स्थिति को देखते हुए किसानों ने डीएम को प्रार्थना पत्र सौंपा है। उन्होंने या तो जल्द से जल्द तौल शुरू कराने या फिर गन्ना मझौडा चीनी मिल भेजने की अनुमति देने की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर समय पर गन्ने की खरीद नहीं हुई तो वे भुखमरी की स्थिति में पहुंच जाएंगे। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर इस समस्या का समाधान निकालने की गुहार लगाई है।

गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ीं: बस्ती में दो केंद्रों पर तौल बंद, सूख रही फसल; डीएम से लगाई मदद की गुहार
News by indiatwoday.com
गन्ना किसानों की स्थिति
बस्ती के गन्ना किसानों के लिए हालात दिनों दिन बदतर होते जा रहे हैं। हाल ही में, प्रशासन द्वारा गन्ना तौल केंद्रों को बंद कर दिए जाने के कारण किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सूखे मौसम के कारण फसलें भी प्रभावित हो रही हैं, जिससे किसानों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
तौल केंद्रों का बंद होना
बस्ती में दो प्रमुख गन्ना तौल केंद्रों के बंद होने से गन्ना उत्पादक किसानों में चिंता बढ़ गई है। यह स्थिति खासकर उन किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण है, जिन्होंने अपनी मेहनत से फसल तैयार की थी। अब, जब वे अपनी मेहनत का फल भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
फसलें सूख रही हैं
बस्ती के किसानों का कहना है कि इस वर्ष का मौसम उनके लिए अत्यंत कठिन साबित हो रहा है। लगातार सूखे के कारण गन्ना की फसल सूखती जा रही है, जिससे उनकी आपको उचित दाम मिलना भी मुश्किल हो रहा है। किसानों की यह स्थिति न केवल उनके आर्थिक हालात को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके मनोबल को भी गिरा रही है।
डीएम से मदद की गुहार
किसानों ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए बस्ती के जिलाधिकारी (डीएम) से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जल्दी से जल्दी तौल केंद्रों को पुनः खोला जाए और सूखे की समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
किसानों की उम्मीद
किसान अब अपनी धारणाओं के लिए और अन्य स्रोतों से भी समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। यदि तेज़ी से कोई कदम नहीं उठाया गया, तो इस स्थिति का नकारात्मक प्रभाव आने वाले समय में उनकी फसल और आजीविका पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
गन्ना किसानों की स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए, प्रशासन को तत्काल प्रभाव से काम करना चाहिए। सूखे हालात और तौल केंद्रों के बंद होने के कारण किसान संकट का सामना कर रहे हैं। इस कठिन समय में, किसानों की आवाज को सुनना और उनके अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है। Keywords: गन्ना किसान, बस्ती गन्ना तौल, गन्ना फसल सूखना, किसानों की मदद, जिलाधिकारी से शिकायत, गन्ना उत्पादन समस्याएं, बस्ती में तौल बंद, किसानों की आर्थिक स्थिति, गन्ना तौल केंद्र, गन्ना फसल संकट
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