गुरु पूर्णिमा पर्व: सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर कोसी घाट, रामनगर में श्रद्धा और भक्ति से मनाया गया
Corbetthalchalरामनगर – सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर कोसी घाट, रामनगर में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही मंदिर परिसर में सैकड़ों भक्तों…

गुरु पूर्णिमा पर्व: सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर कोसी घाट, रामनगर में श्रद्धा और भक्ति से मनाया गया
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कम शब्दों में कहें तो, गुरु पूर्णिमा का पर्व इस वर्ष भी सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। रामनगर के इस पवित्र स्थल पर भक्तों की संख्या ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि श्रद्धा और विश्वास की कोई सीमा नहीं होती।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
रामनगर के सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा की रस्म अदायगी व्यापक श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ की गई। यह दिन विशेष रूप से गुरुओं के प्रति आभार और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए समर्पित है। हर साल हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह पर्व, ज्ञान की देवी और ज्ञानियों के सम्मान का प्रतीक है। गुरुओं के मार्गदर्शन और आशीर्वाद को लेकर श्रद्धालु अपने दिल की गहराइयों से कृतज्ञता भाव प्रकट करते हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़
सुबह से ही मंदिर परिसर में सैकड़ों भक्तों की उमड़ी भीड़ ने इस पर्व को खास बना दिया। श्रद्धालुओं ने श्री बालाजी को गुरु स्वरूप में स्वीकार करते हुए उनकी आराधना की। भव्य आरती में अनेकों श्रद्भालु शामिल हुए, जिसमें महिलाएं, पुरुष, युवा और वृद्ध सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने भाईचारे और एकता के भाव को प्रमोट करते हुए एक-दूसरे को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएँ दीं।
विशेष कार्यक्रम का आयोजन
इस खास दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में श्री बालाजी महाराज के विधिपूर्वक स्नान से हुई। इसके बाद एक शानदार भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें राधा-कृष्ण के मधुर गीतों ने सभी भक्तों का मन मोह लिया। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीतों पर भक्तों ने न केवल भक्ति भाव से नृत्य किया, बल्कि सामाजिक एकता का एकता भी संदेश दिया। महामारी के चलते सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानियों का पालन भी किया गया।
भक्ति और श्रद्धा का माहौल
गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर मंदिर में उपस्थित सभी भक्तों की खुशी देखते ही बनती थी। अनेक श्रद्धालुओं ने भगवान से अपनी मनोकामनाएँ मांगी और आपने गुरु के प्रति आभार व्यक्त किया। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मंदिर का पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से भरा हुआ था।
निष्कर्ष
सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर में गुरु पूर्णिमा का आयोजन एक अद्वितीय भक्ति, श्रद्धा और हर्षोल्लास से भरपूर अनुभव था। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने न केवल अपने कल्पनाओं को साकार करने का विश्वास प्रगाढ़ किया, बल्कि सामाजिक एकता का परिचय भी दिया। इस प्रकार के पावन पर्व हमें अपने गुरु और संस्कृति का अनुग्रहित करने का अवसर प्रदान करते हैं।
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सादर, टीम इंडिया टुडे
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