गैरसैंण पर जस्टिस थपलियाल की तीखी टिप्पणियां, नेताओं को दी नसीहत, जनता को मत गुमराओ

रैबार डेस्क:  गैरसैंण को लेकर एख बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब तक... The post गैरसैंण पर जस्टिस थपलियाल की तीखी प्रतिक्रिया, नेताओं को नसीहत, जनता को गुमराह मत करो..बस अटैची लेकर पहुंच जाते हो appeared first on Uttarakhand Raibar.

Jul 19, 2025 - 18:27
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गैरसैंण पर जस्टिस थपलियाल की तीखी टिप्पणियां, नेताओं को दी नसीहत, जनता को मत गुमराओ

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रैबार डेस्क: गैरसैंण को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब तक यह केवल चुनावी भाषणों और राजनीतिज्ञों के लुभावने वादों तक सीमित था, लेकिन अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय के जज जस्टिस राकेश थपलियाल ने अपनी स्पष्ट और सख्त राय व्यक्त की है। जस्टिस थपलियाल ने राजनेताओं को चेतावनी दी है कि वे गैरसैंण के मुद्दे पर जनता को गुमराह करना बंद करें। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

जस्टिस थपलियाल की महत्वपूर्ण टिप्पणी

हाल ही में कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ट्विटर पर 2027 में कांग्रेस सरकार बनने पर गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने की बात कही थी। इस संदर्भ में संसद में चल रही सुनवाई के दौरान जस्टिस थपलियाल ने इन वादों को बेमानी ठहराते हुए कहा कि, “क्या उत्तराखंड की जनता बेवकूफ है? राजनेता जब चाहें उन्हें फिर से बेवकूफ बना सकते हैं। हमें ऐसे झूठे वक्तव्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।” यह स्पष्ट है कि जस्टिस थपलियाल ने राजनीतिक वादों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है।

गैरसैंण की संपत्तियों का जिक्र

गैरसैंण में 8000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का उल्लेख करते हुए जस्टिस थपलियाल ने कहा, “मैं लाइव चर्चा में खुलकर यह कह रहा हूं कि गैरसैंण में भरपूर इंफ्रास्ट्रक्चर है। जो लोग वहां आएं, उन्हें वास्तविकता को देखना चाहिए।” उनके इस बयान का आशय यह है कि राजनीतिक घोषणाएं केवल कागज पर ही रहती हैं और नेताओं का वहाँ केवल आंदोलन की स्थितियों में ही जाना सीमित हो जाता है।

राजनीतिक बैठकों पर कटाक्ष

जस्टिस थपलियाल ने गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्रों को भी अपने तीखे शब्दों का निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि जब तक ठोस नीतियों और इच्छा शक्ति का प्रदर्शन नहीं होता, तब तक ये सभी कार्य केवल दिखावे के लिए हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे केवल ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों की मांग करें।

निष्कर्ष

जस्टिस राकेश थपलियाल का यह जोरदार बयान निश्चित रूप से उत्तराखंड की राजनीतिक हालत को सुधारने की आवश्यकता को दर्शाता है। यह समय है जब चर्चा केवल गैरसैंण तक सीमित ना होकर समग्र विकास और जनहित के मुद्दों पर की जानी चाहिए। जनता को जागरूक रहने की जरूरत है और अपने नेताओं को उनके वादों के लिए जिम्मेदार ठहराने में आगे आना होगा।

इस प्रकार की चर्चाएं और तीखे विचार लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा हैं, जो इस बात की गारंटी करते हैं कि राजनीतिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।

कम शब्दों में कहें तो, जस्टिस थपलियाल की टिप्पणियां राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। जनता की जागरूकता और नेताओं की जवाबदेही बढ़ाने की आवश्यकता है।

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सादर,
टीम इंडिया टुडे - प्रिया शर्मा

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