चांद का दीदारकर सुहागिनों ने मांगी पति की लम्बी आयु:सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने की करवा की पूजा, पतियों ने भी पत्नियों को दिए तोफे
फतेहपुर में सुहागिनों के लिए खास कारवा चौथ का पर्व रविवार को महिलाओं ने हर्षाल्लास के साथ मनाया। भोर पहर उठकर उन्होंने व्रत रखा और दिनभर पूजा की तैयारियों में जुटी रहीं। देर शाम सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने चलनी से चांद का दीदार कर पति की दीर्घायु की कामना की। वहीं पतियों ने भी अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाया और तोहफा भी दिया। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। रविवार को महिलाओं ने व्रत रखा और दिन भर कथाओं का दौर चलता रहा।इसके अलावा सुहागिनें पूजा की तैयारियों में जुटी रही और सबसे सुंदर दिखने को लेकर उन्होंने सोलह श्रृंगार किया।शाम होते ही महिलाएं चांद का दीदार करने को बेताब रहीं। चांद निकलते ही उन्होंने अपने घरों की छतों पर पहुंचकर चलनी से चांद का दीदार किया और भगवान शिव, पार्वती व श्री गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की। उन्होंने पतियों की लंबी उम्र व सुखद जीवन की भी भगवान से कामना की। इसके बाद पतियों ने सुहागिनों को पानी पिलाकर उनका व्रत तुड़वाया और उपहार स्वरूप उन्हें कुछ न कुछ तोहफा दिया। जेल में 14 महिला बंदियों ने रखा व्रत जिला कारागार में निरुद्ध कुल 32 महिला बंदियों में 14 ने करवा चौथ का व्रत रखते हुए पति के लंबी उम्र की कामना की। करीब आधा दर्जन महिलाओं के पति भी जेल में निरुद्ध होने के कारण सुहागिनों ने जेल में ही अपने पति का दीदार किया,अन्य सुगागिनों के पति से जेल प्रशासन ने फोन पर बात कराई। सुहागिनों के लिए करवा चौथ पर्व के लिए कारागार प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की।जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पूजन की सारी सामग्री के साथ चीनी दूध की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई।व्रती महिलाओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर पतियों के हाथ से व्रत का परायण किया।बताया कि पर्व को लेकर पूजन सामग्री के साथ खानपान की व्यवस्था की गई थी। क्या बोली सुहागिनें... व्रत से जीवन में खुशहाली सुहागिनों के लिए यह पर्व काफी महत्व रखता है। व्रत रखने से दापंत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इस व्रत को करने से जो प्रसन्नता की अनुभूति होती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।हरितमा गुप्ता,पूनम सैनी,अंजू गुप्ता,आभा वर्मा,कुसमा देवीने बताया कि चांद इंतजार रहता है जब चांद निकल जाते हैं तो पूजा अर्चना कर व्रत को पूरा किया जाता।
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