चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता पर जन आंदोलन और पूर्व सैनिक का जल सत्याग्रह
रैबार डेस्क: पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर अल्मोड़ा के चौखुटिया में लोगों ने... The post पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर चौखुटिया में जन आंदोलन, पूर्व फौजी का जल सत्याग्रह शुरू appeared first on Uttarakhand Raibar.
चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता पर जन आंदोलन और पूर्व सैनिक का जल सत्याग्रह
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कम शब्दों में कहें तो, अल्मोड़ा के चौखुटिया क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति पर लोगों ने एक महत्वपूर्ण जन आंदोलन की शुरुआत की है। लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें पूर्व सैनिक भुवन कठायत का अनशन और सूबेदार मेजर हीरा सिंह पटवाल का जल सत्याग्रह शामिल है। इस आंदोलन को लोगों ने ऑपरेशन स्वास्थ्य नाम दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं इन दिनों काफी खराब स्थिति में हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाओं में कमी होने के कारण स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है। आंदोलनकारी सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और आवश्यक संसाधनों की मांग कर रहे हैं, जिनमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति और अल्ट्रासाउंड मशीन आदि शामिल हैं।
पूर्व सैनिक का अनशन और जल सत्याग्रह
पिछले 6 दिन से जन आंदोलन के नेता पूर्व सैनिक भुवन कठायत एक क्रमिक अनशन पर बैठे हैं, जो आरती घाट पर चल रहा है। उनके साथ ही, पूर्व सैनिक सूबेदार मेजर हीरा सिंह पटवाल ने भी जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है। प्रशासन द्वारा आंदोलन को दवाने के लिए कार्रवाई करने का प्रयास किया गया, लेकिन आंदोलनकारियों की दृढ़ संकल्पना के आगे उनकी कोई नहीं चली।

आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य
स्थानीय लोग पहले से ही चौखुटिया स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण, चिकित्सा सेवाओं में सुधार और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, समस्याएं केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह पूरे पहाड़ी क्षेत्र में एक सामान्य समस्या बन चुकी हैं, जिसके समाधान के लिए अब यह जन आंदोलन आवश्यक हो गया है। लोगों ने इसे ऑपरेशन स्वास्थ्य का नाम दिया है, जिसमें उनकी स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकताएं प्रमुखता से उठाई जा रही हैं।
आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है, और इसलिए, उन्हें सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ा। यह स्थिति यह दर्शाती है कि पहाड़ी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं कितना महत्वपूर्ण हैं, और प्रशासन को इसे ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की इस गंभीर कमी के पीछे शासन-प्रशासन की उपेक्षा एक बड़ा कारण बनती जा रही है। ऐसे में, लोगों की मेहनत और संघर्ष को देखते हुए आशा है कि प्रशासन जल्द ही इस मुद्दे पर गौर करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उचित कदम उठाएगा।
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— नीति सिंह, Team India Twoday
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