जयशंकर बोले- भारत-चीन के बीच रिश्ते में सुधार:LAC को लेकर कई इलाकों में विवाद, ऐसा समाधान चाहते हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार हो
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भारत और चीन के बीच विवाद को लेकर संसद को जानकारी दी है। विदेश मंत्री ने सदन से कहा कि हाल ही में भारत और चीन बॉर्डर पर हुई डेवलेपमेंट और उसके बाद दोनों देशों पर पड़े रिश्ते के बारे में सदन को बताना चाहता हूं। जयशंकर ने कहा- 2020 में बॉर्डर पर चीन की हरकतों ने शांति भंग कर दी थी। तब से दोनों देशों के रिश्ते ठीक नहीं हैं। हालांकि हाल ही में हुई बातचीत से स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। विदेश मंत्री ने कहा कि सदन जानता है कि 1962 की जंग के बाद से चीन ने अक्साई चिन में भारत की 38 हजार स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर गैर कानूनी कब्जा किया हुआ है। पाकिस्तान ने इसी इलाके में 1948 से भारत की 50,180 स्क्वायर किमी को गैर-कानूनी तरीके से कब्जाया हुआ था, वो उसने पाकिस्तान के हवाले कर दी है। भारत ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई दशकों तक बातचीत की। दोनों देशों के बीच सीमा के बंटवारे के तौर पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच कई इलाकों में सहमति नहीं है। भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद अक्टूबर में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है। इसके बाद दोनों देशों की सेनाएं देपसांग और डेमचोक से पीछे हट गई हैं। समझौते के मुताबिक दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी 2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
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