जहरीले पशु आहार से मवेशियों की मौत:अमेठी में 5 पशुओं की मौत, कंपनी ने पहले ही जारी किया था अलर्ट
अमेठी जिले में जहरीले पशु आहार से मवेशियों की मौत का मामला सामने आया है। भाले सुल्तान थाना क्षेत्र के माहेमऊ गांव में एक ही किसान के चार मवेशियों की मौत हो गई, जबकि परवेजपुर गांव में भी एक पशु की मृत्यु की सूचना है। पीड़ित किसान रामजी यादव ने बताया कि वह 24 जनवरी को प्रेमगढ़ रानीगंज स्थित ज्ञानधारा डेयरी से 5 बोरी पशु आहार खरीद कर लाए थे। इस आहार को खाने के बाद उनके पशु बीमार पड़ने लगे और रविवार तक चार पशुओं की मौत हो गई। जांच में सामने आया कि 22 जनवरी को पैक की गई ज्ञानधारा कंपनी की सभी बोरियां जहरीली थीं। कंपनी ने स्थानीय दुकानदारों को इन बोरियों को वापस लेने का निर्देश भी दिया था, लेकिन दुकानदारों ने न तो बोरियां वापस लीं और न ही किसानों को इसकी जानकारी दी। इस लापरवाही के कारण पशुओं की जान गई। यह समस्या केवल अमेठी तक ही सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों से भी ज्ञानधारा पशु आहार खाने से पशुओं की मौत की खबरें आ रही हैं। स्थानीय किसानों ने पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाने और दोषी कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित किसानों ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह घटना पशु आहार निर्माता कंपनियों की गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

जहरीले पशु आहार से मवेशियों की मौत: अमेठी में 5 पशुओं की मौत, कंपनी ने पहले ही जारी किया था अलर्ट
हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक गंभीर घटना सामने आई है जहाँ जहरीले पशु आहार के कारण 5 मवेशियों की मौत हो गई है। स्थानीय पशुपालन विभाग और प्रशासन इस घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सक्रिय है।
कंपनी द्वारा जारी अलर्ट
यह सूचना मिली है कि संबंधित पशु आहार बनाने वाली कंपनी ने इससे पहले ही एक अलर्ट जारी किया था, जिसमें पशु पालकों को इस खास आहार के सेवन से होने वाले संभावित खतरों के बारे में बताया गया था। मगर, इसके बावजूद कई पशुपालकों ने इसे अपने मवेशियों को खिलाना जारी रखा।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटनास्थल पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने तुरंत घायल मवेशियों का मेडिकल परीक्षण किया और मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है। साथ ही, पशुपालन विभाग ने उन पशुपालकों को चेतावनी दी है जो इस खतरनाक आहार का उपयोग कर रहे थे।
जिम्मेदारी का सवाल
इस घटना ने पशु आहार के गुणवत्ता मानकों और सुरक्षा उपायों पर प्रश्न उठाए हैं। क्या कंपनियों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर निगरानी और उचित जानकारी सुनिश्चित करनी चाहिए? यह सवाल अब अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
पशुपालकों के लिए सुरक्षा उपाय
पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे सिर्फ प्रमाणित और सुरक्षित पशु आहार का ही उपयोग करें। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की असामान्य स्थितियों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, जैसे कि मवेशियों में बीमारी या कमजोर स्वास्थ्य के संकेत।
अमेठी की यह घटना निश्चित रूप से पशुपालन समुदाय के लिए एक सीख है। अगली बार जब पशु आहार का चयन करें, तो उसकी गुणवत्ता और कंपनी की विश्वसनीयता पर ध्यान देना जरूरी है।
सभी पशुपालकों से अपील की जाती है कि वे अपने मवेशियों की सेहत का ध्यान रखें और कोई भी खतरनाक संकेत मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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