जालौन में माकपा माले का प्रदर्शन:बिजली का निजीकरण समाप्त करने की मांग, राज्यपाल के नाम भेजा 14 सूत्री ज्ञापन

जालौन के उरई में बिजली के निजीकरण के खिलाफ बुधवार को भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। एक्टू के राष्ट्रीय पार्षद एवं जिलाध्यक्ष कामरेड रामसिंह चौधरी और किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कामरेड राजीव कुशवाहा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से 14 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। प्रमुख मांगें: - जालौन में बढ़े हुए बिजली बिलों को वापस लिया जाए। - लगे हुए स्मार्ट मीटरों की जांच कराकर जरूरत पड़ने पर उन्हें हटाया जाए। - विद्युत बिलों में गड़बड़ियों को रोका जाए और जनता से हो रही लूट बंद की जाए। - बिजली विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए और स्थाई नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। - संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। जोरदार आंदोलन की चेतावनी कामरेड नेताओं ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग में अनियमितताओं और निजीकरण से जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए निजीकरण खत्म करने की मांग की। भाकपा माले का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

Dec 4, 2024 - 16:15
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जालौन में माकपा माले का प्रदर्शन:बिजली का निजीकरण समाप्त करने की मांग, राज्यपाल के नाम भेजा 14 सूत्री ज्ञापन
जालौन के उरई में बिजली के निजीकरण के खिलाफ बुधवार को भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। एक्टू के राष्ट्रीय पार्षद एवं जिलाध्यक्ष कामरेड रामसिंह चौधरी और किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कामरेड राजीव कुशवाहा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से 14 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। प्रमुख मांगें: - जालौन में बढ़े हुए बिजली बिलों को वापस लिया जाए। - लगे हुए स्मार्ट मीटरों की जांच कराकर जरूरत पड़ने पर उन्हें हटाया जाए। - विद्युत बिलों में गड़बड़ियों को रोका जाए और जनता से हो रही लूट बंद की जाए। - बिजली विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए और स्थाई नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। - संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। जोरदार आंदोलन की चेतावनी कामरेड नेताओं ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग में अनियमितताओं और निजीकरण से जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए निजीकरण खत्म करने की मांग की। भाकपा माले का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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