झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात जिंदा जले:SNCU में भर्ती थे, खिड़की तोड़कर बाहर निकाले 37 बच्चे; डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक रवाना

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलस कर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर अभी तक 10 शवों को निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां आग बुझाने में लगी हैं। सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंच चुका है। अब तक करीब 37 बच्चों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। अंदर 50 से ज्यादा बच्चों के फंसे होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। सीएम योगी ने हादसे पर संज्ञान लिया है। राहत बचाव कार्य के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम झांसी के लिए रवाना हो गए हैं। डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। घटना रात करीब साढ़े 10 बजे की है। पहले देखिए घटना की 4 तस्वीरें... डीएम ने कहा- अंदर फंसे बच्चों को नहीं बचाया जा सका डीएम अविनाश कुमार ने कहा- बाहर की तरफ जो बच्चे थे, वो बचा लिए गए हैं। अंदर की तरफ जो बच्चे थे, वो काफी झुलस गए हैं। 10 बच्चों की मौत हो गई है। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है। जितने बच्चे घायल हैं, उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। घटना 10.30 बजे से 10.45 के बीच की है। एक जांच टीम बना दी गई है। जो इसकी रिपोर्ट देगी। कमिश्नर बोले- अंदर की तरफ से लगी आग कमिश्नर विमल दुबे ने बताया कि अधिकांश बच्चों को बचा लिया गया है। एनआईसीयू वार्ड की दो यूनिट हैं, एक अंदर और दूसरी बाहर की तरफ। आग अंदर की ओर से लगी है। सिलेंडर ब्लास्ट के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। कुछ समय तक समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने जब एसएनसीयू वार्ड से धुंआ निकलते देखा तो वहां अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल के कर्मचारी शिशु वार्ड की तरफ भागे। रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी उनके पीछे-पीछे भागे। हालांकि आग की लपटों और धुंआ की वजह से कोई वार्ड में नहीं घुस पाया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने खिड़की का शीशा तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आग लगने के बाद भी नहीं बजा सेफ्टी अलार्म दमकल कर्मी मुंह पर रुमाल बांधकर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। चाइल्ड वार्ड में आग लगने के बावजूद सेफ्टी अलार्म नहीं बजा। अगर समय से सेफ्टी अलार्म बज जाता तो इतनी बड़ी घटना होने से रोकी जा सकती थी। डिप्टी सीएम झांसी के लिए रवाना मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद से चारो ओर अफरा-तफरी का माहौल है। परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं। कानपुर से बड़ी डॉक्टरों की बड़ी टीम को झांसी के लिए रवाना किया गया है। सीएम के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी झांसी के लिए रवाना हुए। बुंदेलखंड क्षेत्र के ज्यादातर लोग मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी और इलाज के लिए आते हैं। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। खबर अपडेट की जा रही है...

Nov 16, 2024 - 00:35
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झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात जिंदा जले:SNCU में भर्ती थे, खिड़की तोड़कर बाहर निकाले 37 बच्चे; डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक रवाना
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। जिसमें झुलस कर 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर अभी तक 10 शवों को निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां आग बुझाने में लगी हैं। सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंच चुका है। अब तक करीब 37 बच्चों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। अंदर 50 से ज्यादा बच्चों के फंसे होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। सीएम योगी ने हादसे पर संज्ञान लिया है। राहत बचाव कार्य के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम झांसी के लिए रवाना हो गए हैं। डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। घटना रात करीब साढ़े 10 बजे की है। पहले देखिए घटना की 4 तस्वीरें... डीएम ने कहा- अंदर फंसे बच्चों को नहीं बचाया जा सका डीएम अविनाश कुमार ने कहा- बाहर की तरफ जो बच्चे थे, वो बचा लिए गए हैं। अंदर की तरफ जो बच्चे थे, वो काफी झुलस गए हैं। 10 बच्चों की मौत हो गई है। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है। जितने बच्चे घायल हैं, उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। घटना 10.30 बजे से 10.45 के बीच की है। एक जांच टीम बना दी गई है। जो इसकी रिपोर्ट देगी। कमिश्नर बोले- अंदर की तरफ से लगी आग कमिश्नर विमल दुबे ने बताया कि अधिकांश बच्चों को बचा लिया गया है। एनआईसीयू वार्ड की दो यूनिट हैं, एक अंदर और दूसरी बाहर की तरफ। आग अंदर की ओर से लगी है। सिलेंडर ब्लास्ट के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। कुछ समय तक समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने जब एसएनसीयू वार्ड से धुंआ निकलते देखा तो वहां अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल के कर्मचारी शिशु वार्ड की तरफ भागे। रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी उनके पीछे-पीछे भागे। हालांकि आग की लपटों और धुंआ की वजह से कोई वार्ड में नहीं घुस पाया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने खिड़की का शीशा तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आग लगने के बाद भी नहीं बजा सेफ्टी अलार्म दमकल कर्मी मुंह पर रुमाल बांधकर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। चाइल्ड वार्ड में आग लगने के बावजूद सेफ्टी अलार्म नहीं बजा। अगर समय से सेफ्टी अलार्म बज जाता तो इतनी बड़ी घटना होने से रोकी जा सकती थी। डिप्टी सीएम झांसी के लिए रवाना मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद से चारो ओर अफरा-तफरी का माहौल है। परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं। कानपुर से बड़ी डॉक्टरों की बड़ी टीम को झांसी के लिए रवाना किया गया है। सीएम के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी झांसी के लिए रवाना हुए। बुंदेलखंड क्षेत्र के ज्यादातर लोग मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी और इलाज के लिए आते हैं। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। खबर अपडेट की जा रही है...

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