टनल खोदाई, 10 हजार लोगों की जान पर बन आई:ग्राउंड रिपोर्ट: मेट्रो ट्रेन के लिए टनल खोदाई से सैय्यद गली में दरक रहे मकान, UPMRC ने निशान तो लगाए लेकिन जैक नहीं

आगरा में मेट्रो ट्रेन के लिए बनाई जा रही टनल ने मोती कटरा और इसके आसपास के 10 हजार लोगों की नींद उड़ा दी है। टनल तैयार करने की हैवी-हैवी मशीनें जमीन का सीना चीर रही हैं। इससे मकानों की नींव हिल गई है। दीवारों और छतों में दरार आ गई हैं। बढ़ी हुई दिलों की धड़कन आगरा कॉलेज से मन:कामेश्वर मंदिर स्टेशन के बीच अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए टनल बनाई जा रही है। इससे मोती कटरा और इसके पास सैय्यद गली के लोगों की धड़कन बढ़ी हुई है। दोनों ही जगहों पर टनल खोदाई की वजह से मकानों में दरार आ गई हैं। मकानों में जैक तक नहीं लगाए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपाेरेशन (UPMRC) ने मोती कटरा के ऐसे 146 मकानों पर तो जैक लगा दिए हैं, जिससे कि वे गिरे नहीं। सैय्यद गली में UPMRC ने मकानों में निशान तो लगाए लेकिन न तो जैक लगाए और न ही सुरक्षा के दूसरे बंदोबस्त किए हैं। इससे लोग डरे हुए हैं। एक-एक इंच तक दरार यहां मकानों में एक-एक इंच तक दरार आ गई हैं। यहां बहुत से मकान 30 से 35 साल पुराने हैं। कुछ नये मकानों में भी दरार आई हैं। सैय्यद गली निवासी लिलि गोयल के बैडरूम की दीवार की दरार इतनी चौड़ी हो गई है कि आर-पार दिखाई देने लगा है। छत भी दरक रही है। TBM से धरती में हो रहा कंपन दरअसल, टनल खोदाई के लिए टनल बोरिंग मशीन (TBM) का प्रयोग किया जा रहा है। यह काफी हैवी मशीन होती है। जब यह चलती है तो मोती कटरा और सैय्यद गली के लोगों को धरती में कंपन महसूस हो रहा है। बता दें कि मोती कटरा के 146 मकानों पर जैक लगाए हैं। जमीन के अंदर जिस जगह पर टनल की खोदाई चल रही है उसकी 20 मीटर परिधि में 700 और 50 मीटर परिधि में 1700 मकान प्रभावित हुए हैं। ये मोती कटरा और सैय्यद गली के प्रभावित मकान हैं। जिनमें लगभग 10 हजार लोग रहते हैं। इनके मकानों में भी दरारें राजेश माहौर, जय शर्मा, रामेश्वर, आकाश वर्मा, छोटेलाल शर्मा, विनाद माहौर, मुकेश गोयल आदि के मकानों में दरारें पड़ गई हैं। इन सबके परिवार दहशत में हैं। मोती कटरा में शुरू किया मरम्मत का काम क्षेत्रीय लोगों की शिकायत पर पिछले दिनों DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मोती कटरा क्षेत्र का निरीक्षण किया था। यहां के मकानों की स्थिति देख उन्होंने UPMRC की टीम को मकानों की मरम्मत के निर्देश दिए थे। जिसके बाद मोती कटरा के कुछ घरों में मरम्मत कराई गई लेकिन सैय्यद गली में कोई सुनवाई नहीं है। मकान एक तरफ झुक गया है। ऐसा डर लगा रहता है कि पता नहीं किस वक्त घर गिर जाए। कहीं कोई सुनवाई नहीं है। यहां मकानों के सपोर्ट के लिए कुछ नहीं लगाया गया है। दिन-ब-दिन मकान बैठते जा रहे हैं। मेट्रो की टीम सर्वे तो कई बार कर गई है लेकिन मदद को कोई नहीं आया। लिलि गोयल, क्षेत्रीय निवासी हमारे की घर की दीवारों में दरार आ गई हैं। रात को जब मशीन चलती है तो ऐसा लगता है कि हमारा मकान गिर न पड़े। हम लोग डरे और सहमे हुए हैं। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन वाले आते है लेकिन चैक करके चले जाते हैं। अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। कल्पना मृणाल, क्षेत्रीय निवासी जब से मेट्रो का काम शुरू हुआ है तब से हमारा मकान गिरासू हालात में आ गया है। कब क्या हो जाए, कह नहीं सकते। रात को सोना मुश्किल हो गया है हमारा। हमने अपने घर का आधा हिस्सा खाली भी कर दिया है। मेट्रो कॉरपोरेशन से कई बार संपर्क साध चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। नंदकिशोर, क्षेत्रीय निवासी मानकों के अनुसार मेट्रो टनल की खोदाई का काम कराया जा रहा है। जहां जरूरत है, वहां सुरक्षा के पूरे उपाय किए जा रहे हैं। सर्वे के बाद ही काम शुरू कराया गया है। कुछ मकानों में दरार आने की शिकायत मिली है, उनकी मरम्मत कराई जा रही है। पंचानन मिश्रा, जनसंपर्क अधिकारी, UPMRC मेट्रो प्रोजेक्ट: एक नजर ये भी जानें 2017 में शुरू हुआ था योजना पर काम आगरा मेट्रो शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है। 30 जून 2016 को आगरा मेट्रो के पहले चरण की डीपीआर को मंजूरी मिली। 2017 में इस योजना पर काम शुरू हुआ। केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। जुलाई 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 11 शर्तों के साथ मेट्रो निर्माण के लिए मंजूरी दे दी। 7 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने ताज ईस्ट गेट से ताज महल रैंप खंड का उद्घाटन किया। इस प्रायोरिटी कॉरिडोर में जामा मस्जिद और ताज ईस्ट गेट के बीच 6 स्टेशनों (3 भूमिगत और 3 एलिवेटेड) के साथ 7 किमी का खंड शामिल है। पहले काॅरीडोर के स्टेशन सिकंदरा, गुरु का ताल, आईएसबीटी, आरबीएस डिग्री कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जोंस कॉलेज, एसएन मेडिकल कॉलेज, मन:कामेश्वर मंदिर, आगरा किला, ताजमहल, फतेहाबाद रोड, बसई और ताज ईस्ट गेट। दूसरे कॉरीडोर के स्टेशन आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपुरा, कलेक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जोंस कॉलेज, संजय प्लेस, एमजी रोड, नेहरू नगर, सुल्तानगंज, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समीति, कालिंदी विहार।

Nov 24, 2024 - 05:40
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टनल खोदाई, 10 हजार लोगों की जान पर बन आई:ग्राउंड रिपोर्ट: मेट्रो ट्रेन के लिए टनल खोदाई से सैय्यद गली में दरक रहे मकान, UPMRC ने निशान तो लगाए लेकिन जैक नहीं
आगरा में मेट्रो ट्रेन के लिए बनाई जा रही टनल ने मोती कटरा और इसके आसपास के 10 हजार लोगों की नींद उड़ा दी है। टनल तैयार करने की हैवी-हैवी मशीनें जमीन का सीना चीर रही हैं। इससे मकानों की नींव हिल गई है। दीवारों और छतों में दरार आ गई हैं। बढ़ी हुई दिलों की धड़कन आगरा कॉलेज से मन:कामेश्वर मंदिर स्टेशन के बीच अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए टनल बनाई जा रही है। इससे मोती कटरा और इसके पास सैय्यद गली के लोगों की धड़कन बढ़ी हुई है। दोनों ही जगहों पर टनल खोदाई की वजह से मकानों में दरार आ गई हैं। मकानों में जैक तक नहीं लगाए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपाेरेशन (UPMRC) ने मोती कटरा के ऐसे 146 मकानों पर तो जैक लगा दिए हैं, जिससे कि वे गिरे नहीं। सैय्यद गली में UPMRC ने मकानों में निशान तो लगाए लेकिन न तो जैक लगाए और न ही सुरक्षा के दूसरे बंदोबस्त किए हैं। इससे लोग डरे हुए हैं। एक-एक इंच तक दरार यहां मकानों में एक-एक इंच तक दरार आ गई हैं। यहां बहुत से मकान 30 से 35 साल पुराने हैं। कुछ नये मकानों में भी दरार आई हैं। सैय्यद गली निवासी लिलि गोयल के बैडरूम की दीवार की दरार इतनी चौड़ी हो गई है कि आर-पार दिखाई देने लगा है। छत भी दरक रही है। TBM से धरती में हो रहा कंपन दरअसल, टनल खोदाई के लिए टनल बोरिंग मशीन (TBM) का प्रयोग किया जा रहा है। यह काफी हैवी मशीन होती है। जब यह चलती है तो मोती कटरा और सैय्यद गली के लोगों को धरती में कंपन महसूस हो रहा है। बता दें कि मोती कटरा के 146 मकानों पर जैक लगाए हैं। जमीन के अंदर जिस जगह पर टनल की खोदाई चल रही है उसकी 20 मीटर परिधि में 700 और 50 मीटर परिधि में 1700 मकान प्रभावित हुए हैं। ये मोती कटरा और सैय्यद गली के प्रभावित मकान हैं। जिनमें लगभग 10 हजार लोग रहते हैं। इनके मकानों में भी दरारें राजेश माहौर, जय शर्मा, रामेश्वर, आकाश वर्मा, छोटेलाल शर्मा, विनाद माहौर, मुकेश गोयल आदि के मकानों में दरारें पड़ गई हैं। इन सबके परिवार दहशत में हैं। मोती कटरा में शुरू किया मरम्मत का काम क्षेत्रीय लोगों की शिकायत पर पिछले दिनों DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मोती कटरा क्षेत्र का निरीक्षण किया था। यहां के मकानों की स्थिति देख उन्होंने UPMRC की टीम को मकानों की मरम्मत के निर्देश दिए थे। जिसके बाद मोती कटरा के कुछ घरों में मरम्मत कराई गई लेकिन सैय्यद गली में कोई सुनवाई नहीं है। मकान एक तरफ झुक गया है। ऐसा डर लगा रहता है कि पता नहीं किस वक्त घर गिर जाए। कहीं कोई सुनवाई नहीं है। यहां मकानों के सपोर्ट के लिए कुछ नहीं लगाया गया है। दिन-ब-दिन मकान बैठते जा रहे हैं। मेट्रो की टीम सर्वे तो कई बार कर गई है लेकिन मदद को कोई नहीं आया। लिलि गोयल, क्षेत्रीय निवासी हमारे की घर की दीवारों में दरार आ गई हैं। रात को जब मशीन चलती है तो ऐसा लगता है कि हमारा मकान गिर न पड़े। हम लोग डरे और सहमे हुए हैं। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन वाले आते है लेकिन चैक करके चले जाते हैं। अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। कल्पना मृणाल, क्षेत्रीय निवासी जब से मेट्रो का काम शुरू हुआ है तब से हमारा मकान गिरासू हालात में आ गया है। कब क्या हो जाए, कह नहीं सकते। रात को सोना मुश्किल हो गया है हमारा। हमने अपने घर का आधा हिस्सा खाली भी कर दिया है। मेट्रो कॉरपोरेशन से कई बार संपर्क साध चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। नंदकिशोर, क्षेत्रीय निवासी मानकों के अनुसार मेट्रो टनल की खोदाई का काम कराया जा रहा है। जहां जरूरत है, वहां सुरक्षा के पूरे उपाय किए जा रहे हैं। सर्वे के बाद ही काम शुरू कराया गया है। कुछ मकानों में दरार आने की शिकायत मिली है, उनकी मरम्मत कराई जा रही है। पंचानन मिश्रा, जनसंपर्क अधिकारी, UPMRC मेट्रो प्रोजेक्ट: एक नजर ये भी जानें 2017 में शुरू हुआ था योजना पर काम आगरा मेट्रो शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है। 30 जून 2016 को आगरा मेट्रो के पहले चरण की डीपीआर को मंजूरी मिली। 2017 में इस योजना पर काम शुरू हुआ। केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। जुलाई 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 11 शर्तों के साथ मेट्रो निर्माण के लिए मंजूरी दे दी। 7 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने ताज ईस्ट गेट से ताज महल रैंप खंड का उद्घाटन किया। इस प्रायोरिटी कॉरिडोर में जामा मस्जिद और ताज ईस्ट गेट के बीच 6 स्टेशनों (3 भूमिगत और 3 एलिवेटेड) के साथ 7 किमी का खंड शामिल है। पहले काॅरीडोर के स्टेशन सिकंदरा, गुरु का ताल, आईएसबीटी, आरबीएस डिग्री कॉलेज, राजा की मंडी, सेंट जोंस कॉलेज, एसएन मेडिकल कॉलेज, मन:कामेश्वर मंदिर, आगरा किला, ताजमहल, फतेहाबाद रोड, बसई और ताज ईस्ट गेट। दूसरे कॉरीडोर के स्टेशन आगरा कैंट, सदर बाजार, प्रतापपुरा, कलेक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जोंस कॉलेज, संजय प्लेस, एमजी रोड, नेहरू नगर, सुल्तानगंज, कमला नगर, रामबाग, फाउंड्री नगर, मंडी समीति, कालिंदी विहार।

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