दून पुलिस की कामयाबी: दो महीनों में 87 लापता नाबालिग बच्चों को ढूंढने का अद्भुत उदाहरण
देहरादून: गुमशुदा नाबालिग बच्चों की बरामदगी को लेकर देहरादून पुलिस पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से काम कर रही है। बीते दो महीनों में जनपद भर से गुमशुदा हुए 97 नाबालिगों में से 87 बच्चों को सकुशल खोजकर परिजनों से मिलाया गया, जो पुलिस की सजगता और मानवीय दृष्टिकोण का प्रमाण है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, […] The post दो महीने में 87 लापता नाबालिग बच्चों को खोज लायी दून पुलिस, संवेदनशीलता और सतर्कता का परिचय first appeared on Vision 2020 News.

दून पुलिस की कामयाबी: दो महीनों में 87 लापता नाबालिग बच्चों को ढूंढने का अद्भुत उदाहरण
देहरादून: गुमshुदा नाबालिग बच्चों की बरामदगी को लेकर देहरादून पुलिस ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय दिया है। बीते दो महीनों में जनपद भर में गुमशुदा हुए 97 नाबालिगों में से 87 बच्चों को सकुशल खोजकर उनके परिजनों से मिलाया गया है, जो पुलिस की सजगता और मानवीय दृष्टिकोण का प्रमुख प्रमाण है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - India Twoday
पुलिस रिपोर्ट का सारांश
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश मामलों में देखा गया है कि कई बच्चे माता-पिता से नाराज होकर या किसी अन्य कारण से घर छोड़कर चले गए थे। इनमें से 62 मामले ऐसे थे जहाँ बच्चों ने सिर्फ परिजनों की बात न मानकर घर से निकलने का निर्णय लिया, जबकि 24 बच्चे बिना बताए घूमने या सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर घर से निकले थे। यह स्थिति चिंताजनक है, जो परिवारों को आपसी संवाद के महत्व को समझने की आवश्यकता दर्शाती है।
गंभीर घटनाएँ और तेज कार्रवाई
11 बच्चों को बहला-फुसलाकर भगाया गया, आरोपी गिरफ्तार
इन मामलों में सबसे गंभीर स्थिति तब उत्पन्न हुई जब 11 नाबालिगों को अन्य व्यक्तियों द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाया गया। देहरादून पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए इन सभी मामलों की जांच की और सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके उन्हें जेल भेज दिया। यह घटना पुलिस की तत्परता को दर्शाती है।
क्रियाएँ और काउंसलिंग की पहल
काउंसलिंग भी, कानून भी
पुलिस ने यहां पर केवल पकड़े गए अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की, बल्कि बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग पर भी जोर दिया। माता-पिता को यह समझाने का प्रयास किया गया कि बच्चों की मानसिक स्थिति को समझना, उनके साथ संवाद बनाए रखना और दोस्त की तरह व्यवहार करना बेहद आवश्यक है। यह पहल बच्चों के विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।
राज्य स्तर पर तलाश
बाहर राज्यों से भी तलाश कर लाए गए बच्चे
पुलिस ने इस दौरान यह भी साफ किया कि विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी कई बच्चे पाए गए, जिन्हें स्थानीय पुलिस की मदद से सुरक्षित घर वापस लाया गया। यह एक शानदार उदाहरण है कि कैसे इंटर-स्टेट सहयोग से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
अभी भी जारी है खोज
कुछ अभी भी लापता, सोशल मीडिया से बनाई जा रही पकड़
हालांकि, 10 नाबालिग अब भी लापता हैं, जिनकी खोज में पुलिस दिन-रात जुटी हुई है। इनमें से कुछ बच्चों से सोशल मीडिया और मोबाइल कॉल के जरिए संपर्क भी स्थापित किया गया है। जैसे कि पटेलनगर क्षेत्र से लापता एक नाबालिग युवती ने लुधियाना में काम कर रही है, और उसने वीडियो कॉल के माध्यम से पुलिस से बात की है। यह जानकर खुशी होती है कि वह जल्द ही वापस लौटने की इच्छा जता रही है।
कम शब्दों में कहें तो, दून पुलिस ने यह साबित किया है कि संवेदनशीलता और तत्परता हमेशा प्रभावी होती है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां क्लिक करें.
Team India Twoday - प्रिया शर्मा
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