नए साल में 74 आईपीएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन:कई जिलों के कप्तान बनेंगे डीआईजी; जानिए किन अफसरों का प्रमोशन नहीं होगा

नए साल में प्रदेश के 74 आईपीएस अफसरों को प्रमोशन का तोहफा मिलेगा। इसमें एएसपी से लेकर एडीजी रैंक तक के अफसर शामिल हैं। जिन अफसरों को प्रमोशन मिलेगा, उनमें 1992 बैच के आईपीएस एडीजी दिपेश जुनेजा भी शामिल हैं। उनको डीजी रैंक में प्रमोशन मिलेगा। इसके अलावा तीन आईजी रैंक के अफसर एडीजी, 10 डीआईजी रैंक के अफसर आईजी और 25 एसएसपी रैंक के अफसर डीआईजी बनेंगे। इसके अलावा 15 अफसरों को सीनियर ग्रेड यानी एसपी से एसएसपी और 20 अफसरों को एएसपी से एसपी रैंक में प्रमोशन मिलेगा। जो 25 एसएसपी डीआईजी बनेंगे, उनमें 10 अफसर ऐसे हैं जो जिलों में तैनात हैं। इसमें भी 6 जिलों के कप्तान के तौर पर हैं, जबकि चार पुलिस कमिश्नरेट में बतौर डीसीपी काम कर रहे हैं। जो जिलों के कप्तान हैं उनमें मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडेय, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह, जौनपुर के पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा, शाहजहांपुर के पुलिस कप्तान राजेश एस, फतेहपुर के पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी, झांसी की एसएसपी सुधा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जो जिलों में डीसीपी की पोस्ट पर तैनात हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर में राम बदन सिंह, लखनऊ में तेज स्वरूप, वाराणसी में हृदेश कुमार और सूर्यकांत त्रिपाठी का नाम शामिल है। यह डीआईजी बनेंगे आईजी डीआईजी से आईजी बनने वाले अधिकारियों में 2007 बैच के अफसर अमित पाठक, जोगेंद्र कुमार, रवि शंकर छवि, विनोद कुमार सिंह, भारती सिंह, विपिन कुमार मिश्रा, बाबू राम, राकेश प्रकाश, योगेश सिंह और गीता सिंह का नाम शामिल है। इसी तरह जो तीन आईजी रैंक के अफसर एडीजी बनेंगे उनमें गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, लखनऊ रेंज के आईजी प्रशांत कुमार द्वितीय और एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी का नाम शामिल है। यह तीनों अफसर 2000 बैच के आईपीएस हैं। दरअसल, आईपीएस कॉडर में एडीजी रैंक के कुल 21 स्वीकृत पद हैं। इतने ही एक्स कॉडर पोस्ट के तौर पर एडीजी की तैनाती हो सकती है। मौजूदा समय में 45 एडीजी कार्यरत हैं। बतौर एक्स कॉडर पोस्ट, 3 अतिरिक्त एडीजी के पद की अनुमति केंद्र से कुछ अफसरों को प्रोन्नति देने के लिए ली गई थी। पद रिक्त न होने के कारण कई अफसर अभी नहीं बन पाएंगे डीजी उत्तर प्रदेश में डीजी के कुल 7 पद हैं। इसमें सात पद और एक्स कॉडर पोस्ट के तौर पर होते हैं। यानी डीजी रैंक में अधिकतम अफसरों की संख्या 14 हो सकती है। डीजी रैंक के लिए 30 वर्ष का सेवाकाल अनिवार्य होता है। ऐसे में 1 जनवरी 2025 को 1995 बैच तक के अफसरों का सेवा काल 30 वर्ष पूरा हो जाएगा। बावजूद इसके रिक्त पद न होने के कारण यह अफसर डीजी रैंक में प्रमोशन नहीं पा सकेंगे। योग्यता (क्वालिफिकेशन) पूरी करने के बाद भी जो अफसर डीजी रैंक में प्रमोशन नहीं पा सकेंगे, उनमें 1995 के अलावा 1992, 1993 और 1994 बैच के अफसर भी शामिल हैं। यह अफसर बनेंगे एसएसपी से डीआईजी एसएसपी से डीआईजी बनने वाले अफसरों में मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडेय, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह, जौनपुर के पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा, शाहजहांपुर के पुलिस कप्तान राजेश एस, फतेहपुर के पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी, झांसी की एसएसपी सुधा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जो जिलों में डीसीपी की पोस्ट पर तैनात हैं उनमें गौतमबुद्धनगर में राम बदन सिंह, लखनऊ में तेज स्वरूप और वाराणसी में हृदेश कुमार, राजेश कुमार सिंह और सूर्यकांत त्रिपाठी के अलावा 32वीं बटालियन के कमांडेंट अजय कुमार, कुछ दिन पूर्व वसूली कांड के बाद बलिया से हटाए गए देवरंजन वर्मा शामिल हैं। इसी तरह यूपी स्पेशल रेंज बटालियन के एसपी हेमंत कुटियाल, पीएसी 31 बटालियन में कमांडेंट शालिनी, 49वीं बटालियन के कमांडेंट स्वप्नि ममगैन, 48वीं पीएसी के कमांडेंट धरावथ प्रदीप कुमार, 10वीं बटालियन के कमांडेंट अरुण कुमार श्रीवास्तव, 39वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट विकास कुमार वैद्य, 25वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार सक्सेना, एसपी विजिलेंस डॉ. अरिवंद चतुर्वेदी, 37वीं बटालियन पीएसी की कमांडेंट सुनीता सिंह, पुलिस मुख्यालय में एसपी दिनेश सिंह, कमला प्रसाद यादव, एसपी ट्रैफिक मुख्यालय अरविंद कुमार मौर्य और एसपी कारागार सुभाष चंद्र शाक्य का नाम भी शामिल है। कई अफसरों को नहीं मिल पाएगा प्रमोशन कई अफसर ऐसे भी हैं जिन्हें किसी न किसी जांच के चलते प्रमोशन नहीं मिल पाएगा। इसमें 2009 बैच के अतुल शर्मा, 2010 बैच के शगुन गौतम, हिमांशु कुमार, डॉ. धर्मवीर सिंह का नाम शामिल है। इन अफसरों को पिछली डीपीसी यानी 2023 में हुई डीपीसी में ही प्रमोशन मिलना था, लेकिन इन अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच के चलते इन्हें प्रमोशन नहीं मिल सका। एसपी और डीआईजी रैंक के कुछ अफसर ऐसे हैं, जिनके खिलाफ भी जांच चल रही है। लेकिन विभागीय प्रोन्नति समिति तय करेगी, उन्हें प्रमोशन दिया जाएगा या नहीं। -------------------------- ये भी पढ़ें... क्या यूपी को मिलेगा नया डीजीपी:ढाई साल से नहीं है कोई परमानेंट; प्रशांत कुमार चौथे कार्यवाहक के रूप में काम कर रहे यूपी का नया डीजीपी कौन होगा, इस पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। कारण यह कि यूपी समेत 7 राज्यों में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को अवमानना का मामला मानते हुए राज्य सरकारों को नोटिस दिया है। 14 नवंबर को इस पर सुनवाई होनी है। उससे पहले क्या यूपी काे नया डीजीपी मिलेगा? अगर नया डीजीपी होगा, तो कौन हो सकता है? या फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट में कोई और दलील पेश करेगी? पढ़ें पूरी खबर...

Nov 5, 2024 - 05:55
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नए साल में 74 आईपीएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन:कई जिलों के कप्तान बनेंगे डीआईजी; जानिए किन अफसरों का प्रमोशन नहीं होगा
नए साल में प्रदेश के 74 आईपीएस अफसरों को प्रमोशन का तोहफा मिलेगा। इसमें एएसपी से लेकर एडीजी रैंक तक के अफसर शामिल हैं। जिन अफसरों को प्रमोशन मिलेगा, उनमें 1992 बैच के आईपीएस एडीजी दिपेश जुनेजा भी शामिल हैं। उनको डीजी रैंक में प्रमोशन मिलेगा। इसके अलावा तीन आईजी रैंक के अफसर एडीजी, 10 डीआईजी रैंक के अफसर आईजी और 25 एसएसपी रैंक के अफसर डीआईजी बनेंगे। इसके अलावा 15 अफसरों को सीनियर ग्रेड यानी एसपी से एसएसपी और 20 अफसरों को एएसपी से एसपी रैंक में प्रमोशन मिलेगा। जो 25 एसएसपी डीआईजी बनेंगे, उनमें 10 अफसर ऐसे हैं जो जिलों में तैनात हैं। इसमें भी 6 जिलों के कप्तान के तौर पर हैं, जबकि चार पुलिस कमिश्नरेट में बतौर डीसीपी काम कर रहे हैं। जो जिलों के कप्तान हैं उनमें मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडेय, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह, जौनपुर के पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा, शाहजहांपुर के पुलिस कप्तान राजेश एस, फतेहपुर के पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी, झांसी की एसएसपी सुधा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जो जिलों में डीसीपी की पोस्ट पर तैनात हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर में राम बदन सिंह, लखनऊ में तेज स्वरूप, वाराणसी में हृदेश कुमार और सूर्यकांत त्रिपाठी का नाम शामिल है। यह डीआईजी बनेंगे आईजी डीआईजी से आईजी बनने वाले अधिकारियों में 2007 बैच के अफसर अमित पाठक, जोगेंद्र कुमार, रवि शंकर छवि, विनोद कुमार सिंह, भारती सिंह, विपिन कुमार मिश्रा, बाबू राम, राकेश प्रकाश, योगेश सिंह और गीता सिंह का नाम शामिल है। इसी तरह जो तीन आईजी रैंक के अफसर एडीजी बनेंगे उनमें गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, लखनऊ रेंज के आईजी प्रशांत कुमार द्वितीय और एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी का नाम शामिल है। यह तीनों अफसर 2000 बैच के आईपीएस हैं। दरअसल, आईपीएस कॉडर में एडीजी रैंक के कुल 21 स्वीकृत पद हैं। इतने ही एक्स कॉडर पोस्ट के तौर पर एडीजी की तैनाती हो सकती है। मौजूदा समय में 45 एडीजी कार्यरत हैं। बतौर एक्स कॉडर पोस्ट, 3 अतिरिक्त एडीजी के पद की अनुमति केंद्र से कुछ अफसरों को प्रोन्नति देने के लिए ली गई थी। पद रिक्त न होने के कारण कई अफसर अभी नहीं बन पाएंगे डीजी उत्तर प्रदेश में डीजी के कुल 7 पद हैं। इसमें सात पद और एक्स कॉडर पोस्ट के तौर पर होते हैं। यानी डीजी रैंक में अधिकतम अफसरों की संख्या 14 हो सकती है। डीजी रैंक के लिए 30 वर्ष का सेवाकाल अनिवार्य होता है। ऐसे में 1 जनवरी 2025 को 1995 बैच तक के अफसरों का सेवा काल 30 वर्ष पूरा हो जाएगा। बावजूद इसके रिक्त पद न होने के कारण यह अफसर डीजी रैंक में प्रमोशन नहीं पा सकेंगे। योग्यता (क्वालिफिकेशन) पूरी करने के बाद भी जो अफसर डीजी रैंक में प्रमोशन नहीं पा सकेंगे, उनमें 1995 के अलावा 1992, 1993 और 1994 बैच के अफसर भी शामिल हैं। यह अफसर बनेंगे एसएसपी से डीआईजी एसएसपी से डीआईजी बनने वाले अफसरों में मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडेय, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह, जौनपुर के पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा, शाहजहांपुर के पुलिस कप्तान राजेश एस, फतेहपुर के पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी, झांसी की एसएसपी सुधा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जो जिलों में डीसीपी की पोस्ट पर तैनात हैं उनमें गौतमबुद्धनगर में राम बदन सिंह, लखनऊ में तेज स्वरूप और वाराणसी में हृदेश कुमार, राजेश कुमार सिंह और सूर्यकांत त्रिपाठी के अलावा 32वीं बटालियन के कमांडेंट अजय कुमार, कुछ दिन पूर्व वसूली कांड के बाद बलिया से हटाए गए देवरंजन वर्मा शामिल हैं। इसी तरह यूपी स्पेशल रेंज बटालियन के एसपी हेमंत कुटियाल, पीएसी 31 बटालियन में कमांडेंट शालिनी, 49वीं बटालियन के कमांडेंट स्वप्नि ममगैन, 48वीं पीएसी के कमांडेंट धरावथ प्रदीप कुमार, 10वीं बटालियन के कमांडेंट अरुण कुमार श्रीवास्तव, 39वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट विकास कुमार वैद्य, 25वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार सक्सेना, एसपी विजिलेंस डॉ. अरिवंद चतुर्वेदी, 37वीं बटालियन पीएसी की कमांडेंट सुनीता सिंह, पुलिस मुख्यालय में एसपी दिनेश सिंह, कमला प्रसाद यादव, एसपी ट्रैफिक मुख्यालय अरविंद कुमार मौर्य और एसपी कारागार सुभाष चंद्र शाक्य का नाम भी शामिल है। कई अफसरों को नहीं मिल पाएगा प्रमोशन कई अफसर ऐसे भी हैं जिन्हें किसी न किसी जांच के चलते प्रमोशन नहीं मिल पाएगा। इसमें 2009 बैच के अतुल शर्मा, 2010 बैच के शगुन गौतम, हिमांशु कुमार, डॉ. धर्मवीर सिंह का नाम शामिल है। इन अफसरों को पिछली डीपीसी यानी 2023 में हुई डीपीसी में ही प्रमोशन मिलना था, लेकिन इन अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच के चलते इन्हें प्रमोशन नहीं मिल सका। एसपी और डीआईजी रैंक के कुछ अफसर ऐसे हैं, जिनके खिलाफ भी जांच चल रही है। लेकिन विभागीय प्रोन्नति समिति तय करेगी, उन्हें प्रमोशन दिया जाएगा या नहीं। -------------------------- ये भी पढ़ें... क्या यूपी को मिलेगा नया डीजीपी:ढाई साल से नहीं है कोई परमानेंट; प्रशांत कुमार चौथे कार्यवाहक के रूप में काम कर रहे यूपी का नया डीजीपी कौन होगा, इस पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। कारण यह कि यूपी समेत 7 राज्यों में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को अवमानना का मामला मानते हुए राज्य सरकारों को नोटिस दिया है। 14 नवंबर को इस पर सुनवाई होनी है। उससे पहले क्या यूपी काे नया डीजीपी मिलेगा? अगर नया डीजीपी होगा, तो कौन हो सकता है? या फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट में कोई और दलील पेश करेगी? पढ़ें पूरी खबर...

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