पंजाब में आज श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक:गोल्डन टेंपल पहुंचे गुलजार सिंह-दलजीत चीमा, सुरक्षा के प्रबंध कड़े; आज सजा का ऐलान
पंजाब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की तरफ से आज सोमवार दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, पूर्व जत्थेदार, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। बैठक को लेकर साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह, जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह, जत्थेदार तख्त श्री दमाम साहिब सिंह, साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह, जत्थेदार तख्त श्री केसगढ़ साहिब, ग्रंथी सचखंड श्री हरमंदर साहिब सिंह, साहिब ज्ञानी बलजीत सिंह और सिंह साहिब ज्ञानी गुरमिंदर सिंह पांच सिंह साहिब भी पहुंच रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने तकरीबन एक सप्ताह पहले इस बैठक को बुलाने की घोषणा की थी। सुखबीर ने लिखा- सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाई थी सजा सुखबीर बादल को जुलाई महीने में धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ''अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।''
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