पहली बार किसी वर्ष आईफोन निर्यात ₹1 लाख करोड़ पार:1 साल पहले ₹76 हजार करोड़ था, सरकार ने 5800 करोड़ का इंसेंटिव दिया
चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पहले 10 महीनों के दौरान देश से आईफोन निर्यात 31% बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए के पार निकल गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में देश से 76 हजार करोड़ रुपए के आईफोन एक्सपोर्ट हुए थे। ऐसा पहली बार है जब किसी वित्त वर्ष में आइफोन का निर्यात एक लाख करोड़ रुपए के पार निकला है। इतना ही नहीं, कंपनी जनवरी में रिकॉर्ड 19 हजार करोड़ रुपए के आईफोन निर्यात करने में कामयाब रही। एपल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन 2021 से ही भारत में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) स्कीम के तहत आईफोन का प्रोडक्शन कर रही हैं। इससे पहले दिसंबर 2024 में एपल ने सबसे ज्यादा 14 हजार करोड़ रुपए के आईफोन निर्यात किए थे। टाटा ने हाल में पेगाट्रॉन में प्रमुख हिस्सेदारी खरीदी है। प्लांट से जिस दाम पर आईफोन की सप्लाई होती है उसे फ्री ऑन बोर्ड (FOB) प्राइस कहा जाता है। बीते अक्टूबर से हर महीने 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा आईफोन का निर्यात एपल ने प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ ही घरेलू सप्लाई चेन को दुरुस्त किया है। कंपनी बीते साल अक्टूबर से हर महीने 10 हजार करोड़ से ज्यादा के आईफोन का निर्यात कर रही है। 2020 में 5-6% के करीब था। अब यह बढ़कर 15-18% हो गया है। देश से निर्यात में वाहन ईंधन के बाद दूसरे नंबर पर आईफोन : एपल ने 4 साल पहले अपनी सप्लाई चेन को चीन से भारत शिफ्ट करना शुरू किया था। भारत स्मार्टफोन के निर्यात के मामले में टॉप-10 देशों में है। वित्त वर्ष 2014-15 में भारत से निर्यात होने वाले प्रोडक्ट्स में स्मार्टफोन का स्थान 167 वां था, अब यह दूसरा प्रमुख प्रोडक्ट है। PLI स्कीम के तहत दिए इंसेंटिव से 19 गुना अधिक राजस्व मिला : ICEA के मुताबिक स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए PLI स्कीम ने वित्त वर्ष 2021 और 2024 के बीच इंसेंटिव का 19 गुना राजस्व पैदा किया। इस दौरान 12.55 लाख करोड़ के सामान का प्रोडक्शन करते हुए हुए सरकारी खजाने में 1.10 लाख करोड़ रुपए डाले। सरकार ने 5,800 करोड़ इंसेंटिव में दिए। इस स्कीम ने अब तक 3 लाख डायरेक्ट नौकरियां पैदा की।

पहली बार किसी वर्ष आईफोन निर्यात ₹1 लाख करोड़ पार
भारत में आईफोन निर्यात ने एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। पहली बार किसी वर्ष आईफोन निर्यात ₹1 लाख करोड़ के आंकड़े को छू गया है। यह वृद्धि पिछले वर्ष के निर्यात ₹76 हजार करोड़ की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार दर्शाती है। इस सफलता के पीछे कई कारण हैं, जिसमें सरकार द्वारा प्रदान किए गए इंसेंटिव भी शामिल हैं।
सरकार का इंसेंटिव: ₹5800 करोड़
सरकार ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना शुरू की है। इसके तहत, आईफोन निर्माताओं को ₹5800 करोड़ का इंसेंटिव दिया गया है। यह पहल भारत को एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन केंद्र बनाने के लिए की जा रही है, जिससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
आईफ़ोन निर्यात की वृद्धि का महत्व
भारत में आईफोन का निर्यात बढ़ने से न केवल आर्थिक वृद्धि में योगदान होता है, बल्कि यह स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, इससे भारत की वैश्विक व्यापार संतुलन में सुधार होता है। तेजी से बढ़ता हुआ आईफोन निर्यात भारत के तकनीकी क्षेत्र को भी मजबूत बनाता है।
भविष्य की संभावनाएँ
इस सफलता को देखते हुए, अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले वर्ष आईफोन निर्यात और भी अधिक बढ़ सकता है। कंपनियाँ अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए तरीके अपनाने का प्रयास कर रही हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर न केवल आईफोन, बल्कि अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का उत्पादन भी बढ़ सकता है।
भारत में आईफोन के निर्यात में वृद्धि से सुरक्षा और विकास की नयी संभावनाएँ भी उत्पन्न होती हैं। आने वाले दिनों में, भारत एक प्रमुख तकनीकी हब बनने के लिए तैयार है।
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