पीलीभीत के पूरनपुर मंडी में पसरा सन्नाटा:कागजों में दौड़ रही खरीद, क्रय केंद्रों पर अनियमितताएं हावी
पीलीभीत में शुरू हुआ धान खरीद का सीजन एक बार फिर अनियमिताओं की भेट चढ़ने लगा है, जिले में भले ही मंडियों से धान गायब हो चुका हो लेकिन सहकारिता विभाग के क्रय केंद्रों पर सरकारी खरीद का आंकड़ा आसमान छू रहा है। ऐसे में किसान नेता लगातार फर्जी खरीद की आशंका जताते हुए अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं। लेकिन शिकायतों का अधिकारी कागजों में ही फर्जी निस्तारण कर दे रहे हैं। 1 अक्टूबर से धान खरीद का सीजन हुआ था शुरू दरअसल पीलीभीत में 1 अक्टूबर से धान खरीद का सीजन शुरू हो गया है। धान खरीद का सीजन शुरू होने के कुछ दिनों बाद से ही मंडियों ने सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है। पीलीभीत की पूरनपुर मंडी और सदर मंडी में इन दोनों किसानों के धान की आवक न के बराबर है। लेकिन इसके बावजूद पूरनपुर और पीलीभीत मंडी में धान खरीद आसमान छू रही है। सहकारिता विभाग के क्रय केंद्रों पर लगातार सरकारी खरीद के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ ठेकेदार लगातार फर्जी खरीद को अंजाम देने के लिए बोरो की डिमांड विभागीय अधिकारियों को भेज रहे हैं। न ट्रक का पता न जीपीएस लगा, पर मिल तक पहुंच रहा धान जिले में सहकारिता विभाग के क्रय केंद्रों पर मनमानी इस कदर हावी है कि यहां सरकार की क्रय नीति को भी पलीता दिखाया जा रहा है,क्रय केंद्रों से मिल तक धान का स्टॉक पहुंचने वाले ट्रैकों पर जीपीएस लगवाना सुनिश्चित किया गया था ताकि जीपीएस के माध्यम से फर्जी खरीद रोकने का काम किया जा सके, लेकिन यहां विभाग कई गाड़ियों पर अब तक जीपीएस नहीं लगता पाया है। वहीं दूसरी तरफ क्रय केंद्रों पर दिन गाड़ियों को अटैच किया गया है, वह अन्य कामों में दौड़ रही हैं। जिसके जरिए फर्जी धान खरीद को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ ट्रांसपोर्टेशन के पैसे का भी बंदरबांट हो रहा है किसान नेताओं ने शासन को भेजी चिट्ठी किसान नेता गुरप्रीत सिंह ने शासन को फर्जी खरीद के संबंध में एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें तमाम अधिकारियों की कार्यशाली पर सवालिया निशान उठाए गए हैं। इसके साथ ही किसान नेता ने शासन को जिले में धान खरीद के नाम पर हो रहे पैसे के बंदर बांट के बारे में भी अवगत कराया गया है।
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