पीलीभीत में गेहूं के खेत में लगी आग:कई एकड़ खेत और भूसे के ढेर जलकर राख, राहगीरों ने बुझाने का प्रयास किया
पीलीभीत के थाना गजरौला कला क्षेत्र के बैजूनगर में गेहूं के खेत में अज्ञात कारणों से आग लग गई। हाईवे किनारे स्थित खेत में लगी आग को देख राहगीर और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। सभी ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया। सूचना के अनुसार, आग बैजूनगर निवासी सुनील कुमार के खेत से शुरू हुई। देखते ही देखते आग की लपटें आसपास के खेतों तक फैल गईं। इस दौरान खेत में रखे भूसे के कई ढेर भी जलकर राख हो गए। गजरौला कला सहराई के ग्राम प्रधान पिचहत्तर सिंह ने बताया कि वे पेंड्रा जा रहे थे जब उन्होंने आग देखी। पुलिस कर रही मामले की जांच उन्होंने अपने साथियों के साथ आग बुझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बगल वाले खेत में काफी नुकसान हुआ है। नरई में आग लगने की सूचना मिलने के बाद गजरौला थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। मामले की जांच कर रही है।

पीलीभीत में गेहूं के खेत में लगी आग: कई एकड़ खेत और भूसे के ढेर जलकर राख
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक भयानक आग ने गेहूं के खेतों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप कई एकड़ कृषि भूमि और भूसे के बड़ा ढेर जलकर राख हो गए। यह घटना स्थानीय किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि इससे उनकी फसलें और आय पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। स्थानिक राहगीरों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन उच्च तापमान और तेज हवा के कारण आग तेजी से फैल गई।
आग लगने के कारण और प्रभाव
आग लगने का मुख्य कारण स्थानीय जानकारी अनुसार, असावधानी से फेंकी गई ऐसी वस्तुएँ हो सकती हैं जो आग पकड़ने में सहायक हो। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मामले अक्सर देखे जाते हैं, जहाँ फसल कटाई के बाद बदलते मौसम के कारण आग लगने की घटनाएँ बढ़ जाती हैं। कई किसान जो अपनी फसल की कटाई के बाद भूसा जलाते हैं, उन्हें यह बात समझनी होगी कि इससे बड़े पैमाने पर अग्निकांड हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
जब आग लगी तो स्थानीय ग्रामीण और राहगीरों ने तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू किया। कई लोगों ने मिट्टी और पानी से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि नियंत्रित करना मुश्किल था। इस घटना ने सभी को आग की सुरक्षा के प्रति चेतन किया है और लोगों ने आपसी सहयोग से इस संकट का सामना किया।
विभिन्न संगठनों की पहल
स्थानीय प्रशासन और अग्निशामक विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में आग बुझाने के लिए तत्क्षण पहुँच कर मदद की। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए अब जागरूकता अभियान चलाने की योजना बन रही है। किसानों को भी इस बात की सलाह दी गई है कि वे खेतों में आग के खतरों के प्रति गंभीर रहें।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सामुदायिक सहयोग से हम मिली-जुली समस्याओं का सामना कर सकते हैं। आगे बढ़कर स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर ऐसे उपाय करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
News by indiatwoday.com
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