पीलीभीत में नाबालिग को अगवा करने के मामले में फैसला:आरोपी को 3 साल की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना
पीलीभीत में पुलिस की प्रभावी पैरवी का नतीजा सामने आया है। नाबालिग को अगवा करने के 17 साल पुराने मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया है। मामला 2 मई 2006 का है, जब जहानाबाद थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के अपहरण की घटना हुई थी। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 363 और 366 के तहत केस दर्ज किया था। जांच के दौरान पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटाए और 27 जून 2006 को आरोपी नरेश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। नरेश, भोलेराम का पुत्र है और ग्राम भानपुर, थाना जहानाबाद का रहने वाला है। पुलिस अधीक्षक पीलीभीत के मार्गदर्शन में चल रहे 'ऑपरेशन कनविक्शन' के तहत इस मामले में मजबूत पैरवी की गई। एएसजे/एफटीसी/डब्ल्यूपी/एनडीपीएस एक्ट कोर्ट में चले मुकदमे में पुलिस द्वारा पेश किए गए सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर 27 मार्च 2025 को फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने आरोपी नरेश को दोषी करार देते हुए तीन साल की कैद और 5000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

पीलीभीत में नाबालिग को अगवा करने के मामले में फैसला: आरोपी को 3 साल की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना
पीलीभीत में हाल ही में हुए एक नाबालिग के अगवा के मामले में न्यायालय ने आरोपी को तीन साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके अलावा, व्यक्ति पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह घटना समाज में सुरक्षा और नाबालिगों के अधिकारों के संरक्षण की एक महत्वपूर्ण चर्चा का कारण बनी है।
मामले की पृष्ठभूमि
पिछले कुछ महीनों में, पीलीभीत में नाबालिग के साथ हुई इस गंभीर घटना ने सभी का ध्यान खींचा। पीड़िता के परिवार ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की। स्थानीय प्रशासन ने इसे एक गंभीर अपराध मानते हुए उचित कार्रवाई सुनिश्चित की।
न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने आरोपी की गतिविधियों को देखते हुए उसे तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही, न्यायालय ने उसे 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय द्वारा यह फैसला अन्य संभावित अपराधियों के लिए एक चेतावनी और नाबालिगों की सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
सामाजिक प्रभाव
यह फैसला केवल न्यायिक प्रक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में नाबालिगों के सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का भी कार्य करेगा। ऐसे मामलों में सख्त सजा से समाज में सुरक्षा का एक संदेश जाएगा, जिससे लोग अपने बच्चों को सुरक्षित महसूस कर सकें।
इस मामले में की गई कार्रवाई से न केवल पीड़िता को न्याय मिला है, बल्कि यह संदेश भी गया है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, स्थानीय नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि वे ऐसे मामलों की रिपोर्ट पुलिस में कर सकें।
News by indiatwoday.com
अंतिम टिप्पणी
वैसे, इस मामले का फैसला एक महत्वपूर्ण प्रगति है लेकिन हमें अभी भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है। हमें समाज में बच्चों और नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। इस घटना से सबक लेते हुए, हमें सतर्क रहने और ऐसे मामलों की रिपोर्ट करने की प्रेरणा मिलती है। Keywords: पीलीभीत नाबालिग अगवा मामला, पीलीभीत फैसला 2023, नाबालिग सुरक्षा मामले, न्यायालय द्वारा सजा, अगवा की घटना पीलीभीत, पीलीभीत जमानत अगवा केस, पीलीभीत पुलिस कार्रवाई, नाबालिग के अधिकार, समाज में नाबालिगों की सुरक्षा.
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