प्रभारी सचिव पूरन सैनी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ाए – सतर्कता विभाग की सख्त कार्रवाई

देहरादून। सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति कार्यालय, काशीपुर में कार्यरत प्रभारी मण्डी सचिव पूरन सैनी, पुत्र हरी सिंह को ₹1,20,000 (एक लाख बीस हजार रुपये) की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। प्राप्त शिकायत के अनुसार,  पूरन सैनी द्वारा मंडी समिति में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया के एवज में प्रति […]

Jul 23, 2025 - 00:27
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प्रभारी सचिव पूरन सैनी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ाए – सतर्कता विभाग की सख्त कार्रवाई
देहरादून। सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति कार्यालय, काशीपुर में कार

प्रभारी सचिव पूरन सैनी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ाए – सतर्कता विभाग की सख्त कार्रवाई

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देहरादून। सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति के कार्यालय, काशीपुर में कार्यरत प्रभारी मंडी सचिव पूरन सैनी, पुत्र हरी सिंह को ₹1,20,000 (एक लाख बीस हजार रुपये) की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की ओर इशारा करती है।

घटना का विस्तृत विवरण

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूरन सैनी ने मंडी समिति में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया के लिए प्रति लाइसेंस ₹60,000 की रिश्वत माँगी थी। यह मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित ने इसकी सूचना दी और तत्क्षण जांच के लिए लिखित शिकायत दर्ज कराई। सतर्कता अधिष्ठान ने सूचना के आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछा कर उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

सरकारी कार्रवाई की रूपरेखा

संबंधित आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है, और अब आगे की विधिक प्रक्रिया चल रही है। इस कार्रवाई ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सरकार का आधिकारिक बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। यदि कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में ईमानदार शासन व्यवस्था हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता

यह घटना दिखाती है कि भ्रष्टाचार केवल व्यक्तिगत स्तर पर समस्याएँ नहीं लाता, बल्कि यह सामूहिक विकास में भी बाधा डालता है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि सभी नागरिक मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीरता से प्रयास करें, ताकि समाज को इससे मुक्ति मिल सके।

निष्कर्ष

आपसी सहयोग और जागरूकता से ही हम भ्रष्टाचार को समाप्त कर सकते हैं। आम जनता का भी इस मामले में महत्वपूर्ण योगदान है। यदि कोई भी व्यक्ति भ्रष्‍टाचार की जानकारी रखता है, तो उसे आगे आकर प्रशासन को सूचित करना चाहिए। सतर्कता विभाग की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन अपने दायित्वों के प्रति गंभीर है, और वह भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।

इस घटनाक्रम ने फिर से साबित किया है कि सरकारी अधिकारी भी कानून से ऊपर नहीं हैं। आशा है कि भविष्य में ऐसे और कदम उठाए जाएँगे, ताकि एक पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन की दिशा में हम आगे बढ़ सकें।

किसी भी प्रकार की भ्रष्‍टाचार के मामलों की सूचना देने के लिए आप हमारी वेबसाइट https://indiatwoday.com पर जा सकते हैं।

सादर,
टीम इंडिया टुडेज
अंजलि शर्मा

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