प्रेमानंद महाराज की हुई भगवान राम के स्वरूप से मुलाकात:आश्रम से निकलते ही रास्ते में राम रूप में खड़ा था बाल भक्त,अयोध्या में विराजमान भगवान राम की तरह किया श्रृंगार

प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन की तरह रात में जब अपने आश्रम के लिए निकले तो वह कुछ दूर चल कर रुक गए। वजह थी उनके सामने राम रूप में खड़ा एक बालक। गुलाब के फूलों की पत्तियों पर खड़ा यह बालक अयोध्या में विराजमान की गई भगवान राम की प्रतिमा की तरह दिख रहा था। बालक को देख संत प्रेमानंद महाराज रुके प्रणाम किया और फिर आगे बढ़ गए। संत प्रेमानंद महाराज का दिवाली से पहले भगवान राम से मिलन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। श्री कृष्ण शरणम् से आश्रम के लिए जाते हैं संत प्रेमानंद महाराज संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन अपने निवास स्थान श्री कृष्ण शरणम् से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित केली कुंज आश्रम जाते हैं। निवास स्थान से आश्रम की दूरी वह पैदल ही तय करते हैं। इसकी वजह है रास्ते भर खड़े रहने वाले भक्त। पैदल जाने के दौरान हजारों भक्त उनके दर्शन के लिए आतुर नजर आते हैं। देर रात जाते हैं आश्रम संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर केली कुंज आश्रम के लिए निकलते हैं। इस दौरान रास्ते भर उनके दर्शन के लिए खड़े रहने वाले भक्त उनके लिए रंगोली सजाते हैं फूलों से रास्ता बनाते हैं। करीब पौने घंटे सफर तय कर वह आश्रम पहुंचते हैं। जहां वह राधा रानी की सेवा करते हैं उनको तरह तरह से लाड़ लड़ाते हैं। निवास स्थान से कुछ दूर हुए राम रूप के दर्शन अन्य दिनों की तरह संत प्रेमानंद महाराज सोमवार की रात को अपने स्थान श्री कृष्ण शरणम् से आश्रम जाने के लिए निकले। वह कुछ ही दूरी तय कर पाए होंगे कि इसी दौरान उनके अचानक कदम रुक गए। संत प्रेमानंद महाराज के सामने एक बालक खड़ा था जिसने राम रूप में श्रृंगार किया हुआ था। अयोध्या में विराजमान भगवान राम की तरह किया श्रृंगार जिस बालक के स्वरूप को देखकर संत प्रेमानंद महाराज रुके उस बालक ने साधारण तरीके से भगवान राम की तरह श्रृंगार नहीं किया था बल्कि जैसे अयोध्या में बने नए मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा विराजमान है उस तरह का श्रृंगार किया हुआ था। राम रूप में मिले बालक को संत प्रेमानंद महाराज ने प्रणाम किया मुस्कुराए और फिर आगे बढ़ गए। कौन था बालक कहां से आया किसी को नहीं पता संत प्रेमानंद महाराज को दिवाली से पहले राम रूप में दर्शन देने वाला बालक कौन था और कहां से आया था इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। संत प्रेमानंद महाराज के शिष्य संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया कि वह बच्चा वहां खड़ा हुआ था। उसे महाराज जी ने प्रणाम किया और फिर आगे बढ़ गए। वह बच्चा कहां से आया कौन था कुछ नहीं पता। संत प्रेमानंद महाराज की राम रूप से हुई मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

Oct 31, 2024 - 05:35
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प्रेमानंद महाराज की हुई भगवान राम के स्वरूप से मुलाकात:आश्रम से निकलते ही रास्ते में राम रूप में खड़ा था बाल भक्त,अयोध्या में विराजमान भगवान राम की तरह किया श्रृंगार
प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन की तरह रात में जब अपने आश्रम के लिए निकले तो वह कुछ दूर चल कर रुक गए। वजह थी उनके सामने राम रूप में खड़ा एक बालक। गुलाब के फूलों की पत्तियों पर खड़ा यह बालक अयोध्या में विराजमान की गई भगवान राम की प्रतिमा की तरह दिख रहा था। बालक को देख संत प्रेमानंद महाराज रुके प्रणाम किया और फिर आगे बढ़ गए। संत प्रेमानंद महाराज का दिवाली से पहले भगवान राम से मिलन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। श्री कृष्ण शरणम् से आश्रम के लिए जाते हैं संत प्रेमानंद महाराज संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन अपने निवास स्थान श्री कृष्ण शरणम् से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित केली कुंज आश्रम जाते हैं। निवास स्थान से आश्रम की दूरी वह पैदल ही तय करते हैं। इसकी वजह है रास्ते भर खड़े रहने वाले भक्त। पैदल जाने के दौरान हजारों भक्त उनके दर्शन के लिए आतुर नजर आते हैं। देर रात जाते हैं आश्रम संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर केली कुंज आश्रम के लिए निकलते हैं। इस दौरान रास्ते भर उनके दर्शन के लिए खड़े रहने वाले भक्त उनके लिए रंगोली सजाते हैं फूलों से रास्ता बनाते हैं। करीब पौने घंटे सफर तय कर वह आश्रम पहुंचते हैं। जहां वह राधा रानी की सेवा करते हैं उनको तरह तरह से लाड़ लड़ाते हैं। निवास स्थान से कुछ दूर हुए राम रूप के दर्शन अन्य दिनों की तरह संत प्रेमानंद महाराज सोमवार की रात को अपने स्थान श्री कृष्ण शरणम् से आश्रम जाने के लिए निकले। वह कुछ ही दूरी तय कर पाए होंगे कि इसी दौरान उनके अचानक कदम रुक गए। संत प्रेमानंद महाराज के सामने एक बालक खड़ा था जिसने राम रूप में श्रृंगार किया हुआ था। अयोध्या में विराजमान भगवान राम की तरह किया श्रृंगार जिस बालक के स्वरूप को देखकर संत प्रेमानंद महाराज रुके उस बालक ने साधारण तरीके से भगवान राम की तरह श्रृंगार नहीं किया था बल्कि जैसे अयोध्या में बने नए मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा विराजमान है उस तरह का श्रृंगार किया हुआ था। राम रूप में मिले बालक को संत प्रेमानंद महाराज ने प्रणाम किया मुस्कुराए और फिर आगे बढ़ गए। कौन था बालक कहां से आया किसी को नहीं पता संत प्रेमानंद महाराज को दिवाली से पहले राम रूप में दर्शन देने वाला बालक कौन था और कहां से आया था इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। संत प्रेमानंद महाराज के शिष्य संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया कि वह बच्चा वहां खड़ा हुआ था। उसे महाराज जी ने प्रणाम किया और फिर आगे बढ़ गए। वह बच्चा कहां से आया कौन था कुछ नहीं पता। संत प्रेमानंद महाराज की राम रूप से हुई मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

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