फतेहपुर में इलाज के दौरान बच्ची की मौत:अस्पताल बंद करके डॉक्टर फरार, शव गोद में लेकर दादा लगा रहा न्याय की गुहार

फतेहपुर में अवैध रूप से चल रहे निजी अस्पतालों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला धाता क्षेत्र के किशनपुर चौकी के अढौली बाजार से सामने आया है, जहां इलाज के दौरान डेढ़ साल की बच्ची की मौत हो गई और अस्पताल संचालक शव को बाहर छोड़कर ताला लगाकर फरार हो गया। इलाज के दौरान बिगड़ी तबीयत अढौली बाजार के सेमरी गांव निवासी कैलाश पासवान अपनी डेढ़ साल की नातिन का इलाज कराने के लिए सुबह अस्पताल पहुंचे थे। बच्ची को निमोनिया था और उसकी हालत तेजी से बिगड़ती चली गई। इलाज के दौरान ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत होते ही अस्पताल संचालक ने डॉक्टर की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए बच्ची के शव को बाहर रखा और अस्पताल में ताला लगाकर वहां से भाग निकला। न्याय की गुहार लगाते रहे दादा मृतक बच्ची के दादा कैलाश पासवान ने बताया कि उनकी नातिन को सुबह निमोनिया के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान बच्ची की हालत गंभीर हो गई, और उसकी मौत हो गई। जब कैलाश ने डॉक्टर से मौत का कारण पूछा, तो डॉक्टर ने गाली-गलौज शुरू कर दी और बच्ची का शव बाहर रखकर अस्पताल को ताला बंद कर फरार हो गया। कैलाश अपनी मृत नातिन के शव को लेकर न्याय की गुहार लगाते रहे। पुलिस ने शांत कराया मामला बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया। सूचना मिलते ही किशनपुर चौकी प्रभारी केके यादव मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। चौकी प्रभारी ने कहा, “परिजनों को समझाकर मामला शांत किया गया है।” मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) राजीव नयन गिरी ने कहा है कि मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी जाएगी। दोषी अस्पताल संचालक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

Nov 8, 2024 - 11:45
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फतेहपुर में इलाज के दौरान बच्ची की मौत:अस्पताल बंद करके डॉक्टर फरार, शव गोद में लेकर दादा लगा रहा न्याय की गुहार
फतेहपुर में अवैध रूप से चल रहे निजी अस्पतालों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला धाता क्षेत्र के किशनपुर चौकी के अढौली बाजार से सामने आया है, जहां इलाज के दौरान डेढ़ साल की बच्ची की मौत हो गई और अस्पताल संचालक शव को बाहर छोड़कर ताला लगाकर फरार हो गया। इलाज के दौरान बिगड़ी तबीयत अढौली बाजार के सेमरी गांव निवासी कैलाश पासवान अपनी डेढ़ साल की नातिन का इलाज कराने के लिए सुबह अस्पताल पहुंचे थे। बच्ची को निमोनिया था और उसकी हालत तेजी से बिगड़ती चली गई। इलाज के दौरान ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत होते ही अस्पताल संचालक ने डॉक्टर की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए बच्ची के शव को बाहर रखा और अस्पताल में ताला लगाकर वहां से भाग निकला। न्याय की गुहार लगाते रहे दादा मृतक बच्ची के दादा कैलाश पासवान ने बताया कि उनकी नातिन को सुबह निमोनिया के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान बच्ची की हालत गंभीर हो गई, और उसकी मौत हो गई। जब कैलाश ने डॉक्टर से मौत का कारण पूछा, तो डॉक्टर ने गाली-गलौज शुरू कर दी और बच्ची का शव बाहर रखकर अस्पताल को ताला बंद कर फरार हो गया। कैलाश अपनी मृत नातिन के शव को लेकर न्याय की गुहार लगाते रहे। पुलिस ने शांत कराया मामला बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया। सूचना मिलते ही किशनपुर चौकी प्रभारी केके यादव मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। चौकी प्रभारी ने कहा, “परिजनों को समझाकर मामला शांत किया गया है।” मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) राजीव नयन गिरी ने कहा है कि मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी जाएगी। दोषी अस्पताल संचालक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

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