बजाजा चीनी मिल पर किसानों का 110 करोड़ रुपए बकाया:साल भर बीत जाने के बावजूद नहीं मिला गन्ने का भुगतान, जल्द पेमेंट दिलाने की मांग
गोंडा में मोतीगंज थाना क्षेत्र में बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड कुंदरखी चीनी मिल ने किसानों का 110 करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान अब तक नहीं किया है। गन्ना बेचने के एक साल बाद भी किसानों को अपनी मेहनत की कमाई नहीं मिल पाई है। किसान बार-बार भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन मिल प्रबंधन की चुप्पी उन्हें मायूस कर रही है। गन्ने का बकाया न मिलने से किसान कर्ज में डूबते जा रहे हैं और उनके जीवन में कठिनाइयां बढ़ती जा रही हैं। दीपावली पर भुगतान की उम्मीद लगाए बैठे किसानों की उम्मीदें ध्वस्त हो गईं, जिससे वे इस त्योहार को भी ठीक से नहीं मना पाए। कर्ज के बोझ तले दबे किसान: बेटी की शादी और बच्चों की पढ़ाई पर संकट कई किसानों ने उम्मीद जताई थी कि समय पर भुगतान मिलने से वे अपनी बेटियों की शादियां धूमधाम से कर पाएंगे और बच्चों की अच्छी शिक्षा का इंतजाम करेंगे। परंतु, बकाया भुगतान के अभाव में किसानों को बैंकों से लाखों का कर्ज लेना पड़ा है। ब्याज का बोझ बढ़ता जा रहा है, और किसानों की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है। बाजार तक पहुंचने पर भी लगाई रोक, नाराज किसान बोले – देंगे मिल को जवाब एक साल से भुगतान न मिलने से नाराज किसान अब बजाज चीनी मिल को अपना गन्ना नहीं देना चाहते। वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें दूसरे मिलों में गन्ना बेचने की अनुमति दी जाए, ताकि समय पर भुगतान मिल सके। लेकिन बजाज मिल प्रबंधन किसानों को कहीं और गन्ना बेचने भी नहीं दे रहा है, जिससे किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। "तीन साल से लटका है भुगतान": किसान नेताओं का सरकार से गुहार किसान दिलीप मिश्रा, नरसिंह बहादुर, और तेज बहादुर मिश्रा का कहना है कि मिल प्रबंधन किसानों का खून चूस रही है और भुगतान करने में लगातार देरी कर रही है। तीन साल से उनका भुगतान बकाया है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों ने सरकार से अपील की है कि इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। सपा प्रवक्ता ने चीनी मिल को बताया किसानों का शोषक गोंडा समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता राजेश दीक्षित ने बजाज कुंदरखी चीनी मिल पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि वे ठीक से बेटियों की शादियां नहीं कर पा रहे हैं, अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं, और बच्चों को पढ़ाई कराने में असमर्थ हो रहे हैं। "सरकार को इस मिल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि किसानों को न्याय मिले। किसान इस उम्मीद से सरकार की तरफ देख रहे हैं कि उन्हें उनका बकाया जल्द मिलेगा और उनके जीवन में कुछ राहत आएगी।
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