बिजनौर में ईएमओ की सेवाएं होंगी खत्म:मरीजों से अभद्रता पर कार्रवाई, नशे की हालत में करते थे इलाज, डीएम ने दिए निर्देश

जिले के डीएम अंकित अग्रवाल ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल सेवा अधिकारी (ईएमओ) डॉक्टर अंकित चौधरी की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। उन पर अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ अभद्रता करने और उन्हें निजी अस्पताल भेजने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर अंकित चौधरी पर कई बार शिकायतें दर्ज की गई थीं। मरीजों का आरोप है कि वे ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन करते थे और नशे की हालत में उनका इलाज करते थे। इसके साथ ही, वे मरीजों को निजी अस्पतालों में जाने के लिए दबाव डालते थे। आरोप है कि उनके कुछ चहेते एंबुलेंस चालक भी मरीजों को डॉक्टर द्वारा बताए गए निजी अस्पतालों में ले जाने का कार्य करते थे। इस मामले में पहले भी डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने नोटिस का स्पष्टीकरण नहीं दिया। मानदेय लंबित रखा तो होगी कार्रवाई डीएम ने इस मामले की समीक्षा के बाद डॉक्टर की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कर्मचारी आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय या अन्य भुगतान अनावश्यक रूप से लंबित रखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

Oct 26, 2024 - 12:05
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बिजनौर में ईएमओ की सेवाएं होंगी खत्म:मरीजों से अभद्रता पर कार्रवाई, नशे की हालत में करते थे इलाज, डीएम ने दिए निर्देश
जिले के डीएम अंकित अग्रवाल ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल सेवा अधिकारी (ईएमओ) डॉक्टर अंकित चौधरी की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। उन पर अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ अभद्रता करने और उन्हें निजी अस्पताल भेजने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर अंकित चौधरी पर कई बार शिकायतें दर्ज की गई थीं। मरीजों का आरोप है कि वे ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन करते थे और नशे की हालत में उनका इलाज करते थे। इसके साथ ही, वे मरीजों को निजी अस्पतालों में जाने के लिए दबाव डालते थे। आरोप है कि उनके कुछ चहेते एंबुलेंस चालक भी मरीजों को डॉक्टर द्वारा बताए गए निजी अस्पतालों में ले जाने का कार्य करते थे। इस मामले में पहले भी डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने नोटिस का स्पष्टीकरण नहीं दिया। मानदेय लंबित रखा तो होगी कार्रवाई डीएम ने इस मामले की समीक्षा के बाद डॉक्टर की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कर्मचारी आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय या अन्य भुगतान अनावश्यक रूप से लंबित रखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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