भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में 6.1% की दर से बढ़ेगी:मूडीज ने 6.4% ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया; अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी का असर
इस साल भारत की अर्थव्यवस्था 6.1% की दर से बढ़ेगी। मूडीज रेटिंग्स ने गुरुवार (10 अप्रैल) को भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया है। इससे पहले मूडीज ने 2025 में ग्रोथ रेट का अनुमान 6.4% रखा था। ट्रम्प की नई टैरिफ पॉलिसी के चलते ये अनुमान घटाया गया है। मूडीज फर्म ने बताया कि हीरे, कपड़े और मेडिकल उपकरणों पर टैरिफ से एक्सपोर्ट घटने का खतरा है। इससे अमेरिका के साथ ट्रेड डेफिसिट बढ़ सकता है। फार्म ने कहा टैरिफ पर 90 दिन की रोक से कुछ राहत मिली सकती है, लेकिन टैरिफ पूरी तरह लागू होने पर भारत की GDP ग्रोथ 0.3% तक गिरेगी। वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5% की दर से बढ़ेगी GDP वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5% से ज्यादा की दर से बढ़ेगी। यह मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2024-25 के 6.3% के अनुमान से ज्यादा है। मूडीज रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ज्यादा कैपिटल खर्च करेगी। इसके अलावा टैक्स में कटौती और ब्याज दर में कमी से खपत बढ़ेगी, जिससे ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। इस दौरान बैंकिंग सेक्टर में स्थिरता रहेगी। भारतीय बैंकों का ऑपरेटिंग एनवायरमेंट अगले वित्त वर्ष में फेवरेबल बना रहेगा, लेकिन बीते साल में जरूरी सुधार के बाद उनकी एसेट क्वालिटी में मामूली गिरावट आएगी। तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2% रही वित्त वर्ष 2024-2025 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2% रही। एक साल पहले की समान तिमाही (Q3 FY24) में ये 8.4% रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 28 फरवरी को ये डेटा जारी किया। वित्त वर्ष 2024-2025 में इकोनॉमी के 6.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है। इससे पहले जनवरी में जारी किए गए अनुमान में 2024-25 के लिए विकास दर 6.4% आंकी गई थी, जो 4 साल का निचला स्तर है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में GDP ग्रोथ रेट 8.2% थी। बीते 5 साल का GDP का हाल GDP क्या है? इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। दो तरह की होती है GDP GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है। कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP? GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है। GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है? GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च। इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में 6.1% की दर से बढ़ेगी: मूडीज ने 6.4% ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया; अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी का असर
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भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति
भारत की अर्थव्यवस्था एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हाल ही में, मूडीज ने अपने ग्रोथ रेट के अनुमान में कमी की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत की विकास दर 2025 में 6.1% तक सीमित हो सकती है। इससे पहले, मूडीज ने भारत के लिए 6.4% की विकास दर का अनुमान लगाया था। इस लेख में, हम इस बदलाव के पीछे के कारणों और अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी के संभावित प्रभावों की जांच करेंगे।
मूडीज का ग्रोथ रेट अनुमान
मूडीज का यह बदलता हुआ अनुमान विभिन्न कारकों से प्रभावित है। वैश्विक स्तर पर मंदी, महंगाई, और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं जैसी समस्याएं भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बना रही हैं। इन सभी कारकों ने अपेक्षित विकास दर में कमी का कारण बनी हैं।
अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी का प्रभाव
अमेरिका द्वारा लागू की गई नई टैरिफ पॉलिसी का भारतीय उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यह पॉलिसी भारत से निर्यात किए गए उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगा सकती है, जिससे भारतीय निर्माता प्रभावित होंगे। इसका परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर विकास दर में गिरावट के रूप में देखने को मिल सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि मूडीज का यह अनुमान चिंताजनक है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावनाएं भी हैं। विभिन्न सरकारी नीतियाँ, जैसे मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया, इन उद्योगों को समर्थन देने के लिए तैयार की गई हैं। जिसकी सहायता से दीर्घकालिक विकास की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
निष्कर्ष
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में बदलाव का मुख्य कारण मूडीज का अनुमान है, जिसमें अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी भी एक प्रमुख कारक है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए और अपडेट्स के लिए, visit indiatwoday.com. Keywords: 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि दर, मूडीज ग्रोथ रेट अनुमान, अमेरिका टैरिफ पॉलिसी परिणाम, भारतीय उद्योग पर प्रभाव, भारत की आर्थिक स्थिति 2023, वैश्विक मंदी भारत में, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार, मेक इन इंडिया नीतियाँ, विकास की संभावनाएँ, भारत की आर्थिक वृद्धि 2025.
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