मनाली में घायल मिला हिमालयी मोनाल:वन्यजीव विभाग ने किया रेस्क्यू; अब खतरे से बाहर, उत्तराखंड का राज्य पक्षी
हिमाचल के मशहूर पर्यटन स्थल मनाली की सोयल पंचायत के हरीपुर गांव में एक हिमालयी मोनाल घायल अवस्था में मिला। यह पक्षी सुबह के समय बाल कृष्ण शर्मा के घर के आंगन में पहुंचा। बाल कृष्ण और देश राज ने इसकी सूचना पंचायत को सूचना दी। इसके बाद घायल मोनाल को पहले अलेऊ डिस्पेंसरी में प्राथमिक उपचार दिया गया। इसके बाद फॉरेस्ट गार्ड गौरव शर्मा के माध्यम से इसे मनाली के वन्यजीव विभाग को सुपुर्ग किया गया। मोनाल की पीठ में हल्की चोटें आई हैं। मोनाल कैसे घायल हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। मगर अब वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है। ग्राम पंचायत प्रधान अमर ठाकुर ने बताया कि मोनाल शायद भटककर सोयल के जंगल से आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचा था। उसे वन्य प्राणी विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। इस दौरान मौके पर उप प्रधान सुरेंद्र ठाकुर, वार्ड सदस्य सुकर्मा शर्मा, होतम राम, अमिता शर्मा, चंद्र मोहन, देश राज, विकी सकलानी, लकी भारद्वाज और हीरा लाल विभु इत्यादि मौजूद रहे। हीरा लाल विभु ने बताया कि पहले जंगली जानवरों या पक्षियों को रिहायशी क्षेत्र में देखते ही मार दिया जाता था। अब ग्रामीण अपनी नैतिक जिम्मेवारी समझते हैं। वे घायल पक्षियों और जानवरों की सूचना पंचायत या पुलिस को देते हैं। हिमालयी मोनाल उत्तराखंड का राज्य पक्षी है।

मनाली में घायल मिला हिमालयी मोनाल: वन्यजीव विभाग ने किया रेस्क्यू
हिमालयी मोनाल, जिसे उत्तराखंड का राज्य पक्षी माना जाता है, हाल ही में मनाली के एक इलाके में घायल पाया गया। स्थानीय वन्यजीव विभाग ने इस खूबसूरत और अद्वितीय पक्षी की जान बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की। यह पक्षी, जो अपनी रंग-बिरंगी plumage के लिए जाना जाता है, अपने प्राकृतिक आवास में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। अब इस दिशा में उठाए गए कदम से यह आधिकारिक तौर पर खतरे से बाहर है।
घायल मोनाल की स्थिति
स्थानीय नागरिकों ने इस पक्षी को घायल अवस्था में देखा और तुरंत वन्यजीव विभाग को सूचना दी। विभाग के अधिकारियों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुँचकर मोनाल का रेस्क्यू किया। इससे यह साबित होता है कि स्थानीय समुदाय और वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी जागरूकता कितनी महत्वपूर्ण है।
वन्यजीव विभाग की पहल
वन्यजीव विभाग ने मोनाल का उचित चिकित्सा उपचार करने का आश्वासन दिया और विशेषज्ञों की मदद से इसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। उपचार के बाद, विशेषज्ञों ने यह पुष्टि की कि मोनाल अब स्वस्थ है और अपनी प्राकृतिक स्थिति में वापस लौटने के लिए तैयार है। यह कदम वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
उत्तराखंड का राज्य पक्षी
हिमालयी मोनाल उत्तराखंड का राज्य पक्षी है और इसका सांस्कृतिक महत्व भी है। यह पक्षी न केवल अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि यह पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है। इसके संरक्षण से न केवल इस प्रजाति की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि यह पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को भी संतुलित रखने में मददगार है।
इस घटना ने वन्यजीवों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को फिर से याद दिलाया है। हमें चाहिए कि हम ऐसे जीवों की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें और तत्काल कार्रवाई करें। आगे जाकर, इससे संबंधित किसी भी नई जानकारी के लिए, कृपया [indiatwoday.com](http://indiatwoday.com) पर नजर रखें।
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