नेपाली स्टूडेंट सुसाइड, ओली सरकार को घेरने की तैयारी:विपक्ष बोला- 1 हजार बच्चों की सुरक्षा का मामला, भारत से सख्त बातचीत हो

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाली स्टूडेंट प्रकृति लम्साल की आत्महत्या का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। विपक्ष का कहना है कि नेपाल को भारत सरकार से सख्ती से बात करनी चाहिए। यह 1 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का मामला है। मार्च के आखिर में नेपाली संसद का सत्र शुरू होना है। विपक्षी पार्टियां इस मसले पर संसद में सरकार को घेरने की तैयारी कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक नेपाल सरकार ने इस मामले में भारत से बातचीत भी की है। वहीं, सुसाइड कर चुकी स्टूडेंट के पिता सुनील लम्साल का कहना है कि ओडिशा पुलिस ने उन्हें एक महीने में केस खत्म करने का भरोसा दिया है। नेता बोले- नेपाल ही पढ़ाई का इंतजाम हो नेपाली स्टूडेंट का घर लुंबिनी प्रांत में है। भास्कर ने इस प्रांत के दो बड़े नेताओं से बात की है। लोकजनशक्ति पार्टी के सीनियर लीडर और प्रांत के पूर्व गृह मंत्री संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि बच्चों की जान की कीमत पर उन्हें पढ़ाई के लिए भारत नहीं भेजा जा सकता। अगर हमारे बच्चे भारत में सुरक्षित नहीं है तो नेपाल में ही उनकी पढ़ाई का व्यवस्था की जानी चाहिए। बिना सुरक्षा गारंटी के बच्चों को भारत में पढ़ने नहीं भेजना चाहिए। ये मुद्दा हम सदन में उठाएंगे। विपक्ष बोला- भारत दोषियों को सजा दिलाए जनमत पार्टी के संसदीय दल के नेता और पूर्व मंत्री चंद्रकेश गुप्ता कहते हैं- भारत से हमारा रोटी-बेटी का नाता है। यह दो देशों की आत्मा से जुड़ा संबंध है। कुछ छोटे लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं। हमारी मांग है कि सरकार भारत से सख्ती से बात करे। इससे संबंध खराब हो रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।​​​​​ हमारे देश के लाखों लोग भारत में रहते हैं। वे कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे। भारत सरकार को दोषियों को सजा दिलाकर उन्हें सुरक्षित महसूस कराना चाहिए। प्रकृति के पिता बोले- हमें भारत पर भरोसा है प्रकृति के पिता सुनील लम्साल कहते हैं कि पुलिस ने हमें दोषियों को सजा दिलाने का भरोसा दिया है। भारतीय पुलिस की जांच और व्यवहार की तारीफ करते हुए लम्साल कहते हैं कि हम जांच अधिकारी को हर 5-6 दिन में फोन करते हैं। वे हर बार विस्तार से बात करते हैं। हमें भारत सरकार और पुलिस पर पूरा भरोसा है। हमारी बेटी को न्याय जरूर मिलेगा। यह पूछने पर कि क्या भारत में किसी पॉलिटिशियन या फिर सरकार के प्रतिनिधि ने उनसे बात की, तो वे इनकार करते हैं। वे कहते हैं हम राजनीति के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते। हम बस अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहते हैं। आगे नेपाल के किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो। जानिए क्या है पूरा मामला... 16 फरवरी की शाम KIIT के हॉस्टल में नेपाली स्टूडेंट प्रकृति लम्साल ने आत्महत्या कर ली थी। इसे लेकर स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किया था। स्टूडेंट्स का आरोप था कि छात्रा के साथ कई बार शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया गया था। उसके साथ पढ़ने वाले एक स्टूडेंट लगातार उसे टॉर्चर करता था। इसी से तंग आकर लड़की ने आत्महत्या कर ली। हाई लेवल कमेटी कर रही जांच उड़ीसा सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सत्यव्रत साहू की अगुआई में एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। अब तक इस टीम के सामने यूनिवर्सिटी के फाउंडर अच्युत सामंत, चीफ प्रोक्टर पीके पटनायक, डायरेक्टर संहिता मिश्रा, इंटरनल कमेटी चीफ इप्सिता सतपथी, असिस्टेंट डायरेक्टर समेत 7 अन्य अधिकारी पेश हो चुके हैं। पुलिस ने अब तक आरोपी लड़के समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और दो गार्डस भी शामिल हैं। डायरेक्टर और गार्डस को बेल मिल गई है। मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी मामले की जांच कर रहा है। आयोग ने 4 मार्च को टीम गठित करने का आदेश दे दिया था। अधिकारियों को 'ऑन स्पॉट इन्क्वायरी' कर 10 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे। ----------------------------------------------- मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें कॉलेज स्टाफ ने माफी मांगी, प्रदर्शन कर रहे छात्रों से गलत व्यवहार किया था KIIT कैंपस में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट के साथ गलत व्यवहार पर स्टाफ और यूनिवर्सिटी ने माफी मांग ली है। यह प्रदर्शन यूनिवर्सिटी की एक नेपाली स्टूडेंट के सुसाइड के बाद हुआ था। प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें महिला कर्मचारी नेपाली स्टूडेंट पर चिल्ला रही है। पूरी खबर पढ़ें...

Mar 9, 2025 - 19:00
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नेपाली स्टूडेंट सुसाइड, ओली सरकार को घेरने की तैयारी:विपक्ष बोला- 1 हजार बच्चों की सुरक्षा का मामला, भारत से सख्त बातचीत हो
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाली स्टूड

नेपाली स्टूडेंट सुसाइड: ओली सरकार को घेरने की तैयारी

नेपाली स्टूडेंट के आत्महत्या की घटना ने देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना पर विपक्ष ने ओली सरकार के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया दी है। विपक्ष का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति की बात नहीं है, बल्कि 1 हजार बच्चों की सुरक्षा का मामला है। यह स्थिति नेपाल में शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों पर गंभीर वार्ता की आवश्यकता को दर्शाती है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

ओली सरकार की आलोचना करते हुए विपक्ष ने कहा है कि सरकार को तत्काल प्रभाव से आवश्यक कदम उठाने चाहिए। विपक्ष ने चिंताओं को साझा करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने मांग की है कि इस मुद्दे पर भारत के साथ सख्त बातचीत की जाए ताकि सुरक्षा का प्रश्न तुरंत हल हो सके।

शिक्षा और सुरक्षा का मुद्दा

नेपाली शिक्षा प्रणाली में कई कमज़ोरियों को उजागर करती है यह घटना। बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रणाली के प्रति जागरूक होना अब और भी आवश्यक हो गया है। छात्रों का आत्महत्या का कदम यह दर्शाता है कि उन्हें उचित सहायता की आवश्यकता थी। शिक्षा मंत्रालय को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए।

भारत के साथ बातचीत

विपक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि इस गंभीर स्थिति में भारत के साथ नीति संबंधी बातचीत की जानी चाहिए। नेपाल और भारत के बीच संबंध हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं, और इस स्थिति में सहयोग आवश्यक है। शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों पर यदि दो देशों के बीच संवाद होता है, तो दोनों देशों के बीच विश्वास की स्थिति और मजबूत होगी।

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यह समय विपक्ष और सरकार के लिए एक साथ काम करने का है ताकि बच्चों की सुरक्षा के प्रति ठोस कदम उठाए जा सकें। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे बच्चे सुरक्षित रहें और उनकी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। Keywords: नेपाली स्टूडेंट सुसाइड, ओली सरकार की आलोचना, बच्चों की सुरक्षा, नेपाल की शिक्षा प्रणाली, भारत से बातचीत, विपक्ष का बयान, मानसिक स्वास्थ्य, नेपाल में शिक्षा, शिक्षा और सुरक्षा, बच्चों का आत्महत्या

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