महराजगंज हाई सिक्योरिटी बैरक में रहेगे 12 खूंखार कैदी:1.55 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है बैरक का निर्माण
भारत-नेपाल सीमा से सटे महाराजगंज जिले के संवेदनशील जिला कारागार में हाई सिक्योरिटी बैरक का निर्माण तेजी से हो रहा है। इस बैरक को खासतौर पर खूंखार और बड़े अपराधियों को रखने के लिए तैयार किया जा रहा है। 1.55 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट का 75% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। छह बैरकों में 12 कैदियों की व्यवस्था नवनिर्मित हाई सिक्योरिटी बैरक में कुल छह बैरक होंगे, जिसमें 12 खूंखार कैदियों को रखने की व्यवस्था की जाएगी। जेल अधीक्षक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि यह बैरक अत्याधुनिक सुरक्षा मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। निर्माण पूरा होने के बाद कैदियों की निगरानी और सुरक्षा में सुधार होगा। विदेशी कैदियों की मौजूदगी से संवेदनशीलता महाराजगंज जिला जेल में वर्तमान में 15 विदेशी कैदी बंद हैं, जिनमें से अधिकांश प्रशासनिक आधार पर यहां लाए गए हैं। इसके अलावा, अन्य जिलों से स्थानांतरित होकर आए 10 कैदियों में कानपुर के सीसामऊ क्षेत्र के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी भी शामिल हैं। इन कैदियों की वजह से जेल को उच्च सुरक्षा की जरूरत महसूस हुई, जिसके चलते हाई सिक्योरिटी बैरक निर्माण का निर्णय लिया गया। जेल में कुल 749 बंदी जिला जेल में इस समय कुल 749 बंदी हैं, जिनमें 55 महिलाएं शामिल हैं। विदेशी बंदियों की संख्या 15 है। जेल प्रशासन के अनुसार, नई बैरक का संचालन शासन के निर्देशों के अनुसार होगा। यह बैरक न केवल सुरक्षा बढ़ाने का काम करेगा, बल्कि यह किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में कारगर साबित होगा। जेल अधीक्षक ने कहा कि निर्माण कार्य पूरा होते ही इसका उपयोग शुरू कर दिया जाएगा। स्थानीय प्रशासन का बयान जिला जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक का निर्माण कार्य यूपीपीसीएल द्वारा किया जा रहा है। यह परियोजना जेल की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है। जेल प्रशासन का मानना है कि यह बैरक आने वाले समय में सुरक्षा के मानकों को और बेहतर बनाएगा।
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