महिला अभ्यर्थी समेत चार पर FIR:फिंगरप्रिंट जांच में बड़ा खुलासा, सॉल्वर गैंग की मदद से बने दरोगा; आगरा और लखनऊ के परीक्षा केंद्रों पर हुई गड़बड़ी
पुलिस भर्ती घोटाला: सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश, फिंगरप्रिंट ने खोला राजउत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां सॉल्वर गैंग की मदद से चार अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्ति हासिल की थी। इनमें से एक महिला अभ्यर्थी भी शामिल है। फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन के दौरान गड़बड़ी का खुलासा हुआ, जिसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ हुसैनगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। कैसे हुआ फर्जीवाड़ा? पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2020-21 में उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर, और अग्निशमन अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी। जांच में सामने आया कि चार अभ्यर्थियों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गैंग की मदद से अपनी जगह अन्य लोगों को बैठाया। फिंगरप्रिंट जांच ने खोला राज पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2023 में चयनित अभ्यर्थियों का फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन किया, जिसमें परीक्षा और फिजिकल टेस्ट में शामिल अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं हुआ। फिंगरप्रिंट ब्यूरो की रिपोर्ट (13 अक्टूबर 2023) में यह गड़बड़ी स्पष्ट हो गई। सॉल्वर गैंग का नेटवर्क उजागर जांच में पाया गया कि इन अभ्यर्थियों ने सॉल्वर गैंग के जरिए परीक्षा पास की थी। यह गैंग परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठाने का काम करता था। अभ्यर्थियों के सेंटर आगरा और लखनऊ में स्थित थे, जहां इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। महिला अभ्यर्थी भी शामिल इस मामले में महिला अभ्यर्थी मालती का नाम सामने आया है, जिसने आगरा के परीक्षा केंद्र पर सॉल्वर की मदद से परीक्षा पास की। मामले की जांच जारी हुसैनगंज थाने में पुलिस भर्ती बोर्ड के इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और सॉल्वर गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में है। भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल इस घटना ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया की सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े रोकने के लिए तकनीकी सुरक्षा को और मजबूत करना जरूरी है।
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