नोएडा के सिटी बस टर्मिनल के लिए जारी EOI:​​​​​​​आईटी/ हॉस्पिटल का देना होगा प्लान, स्ट्रक्चर में नहीं कर सकते बदलाव,  पसंद आने पर बदलेगा बॉयलॉज

सेक्टर-82 बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत को किराए पर देने की तैयारी है। इसके लिए प्राधिकरण ने कंपनियों से आवेदन मांगे है। ये आवेदन कॉर्पोरेट आफिस, को-वर्किंग स्पेस , हॉस्पीटल (एलोपैथी और आयुष) कंपनियां कर सकती है। प्री बिड बैठक 3 दिसंबर को होगी। इसमें कंपनी सवाल कर सकती है। 17 दिसंबर तक कंपनियां अपना प्रपोजल प्लान के साथ सब्मिट करेंगी। अगले दिन यानी 18 को प्रपोजल खोला जाएगा। जिसमें कंपनी का चयन होगा प्रपोजल पसंद आने पर बदला जाएगा बॉयलॉज प्राधिकरण ने बताया कि टर्मिनल का बॉयलॉज ट्रांसपोर्ट यूज के लिए है। ऐसे में प्रपोजल पसंद आने और अप्रूव होने के बाद ही इसका इसका बॉयलॉज बदला जाएगा। बॉयलॉज बदलने की प्रक्रिया बोर्ड से की जाएगी। साथ चयनित होने वाली कंपनी टर्मिनल की इमारत के स्ट्रक्चर के साथ कोई बदलाव नहीं कर सकती है। उसे इसी इमारत स्ट्रक्चर के हिसाब से अपना प्लान करना होगा। ऐसे में ईओआई के ब्रोशर में आठ मंजिला इस टर्मिनल के फ्लोर वाइज जानकारी दी गई है। अभी इस इमारत में परिवहन निगम के अलावा एक साइबर क्राइम पुलिस का दफ्तर खुला हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अब इसको अब किराए पर दिया जाएगा। सिटी बस टर्मिनल 30 हजार 643 वर्ग मीटर एरिया में बना हुआ है जिसमें से 13 हजार 532 वर्ग मीटर एरिया बिल्टअप है यानी इतने हिस्से में निर्माण हो रखा है। तीन साल से चल रही सिर्फ 4 बस गौरतलब है कि इमारत तैयार होने के बाद प्राधिकरण ने इसे हैंड ओवर करने के लिए परिवहन निगम से संपर्क किया था। लेकिन निगम ने पूरी इमारत टेक ओवर करने से ही इनकार कर दिया था। खानापूर्ति के लिए दादरी और बुलंदशहर के लिए 4 बसें चलवानी शुरू की। दावा किया था इन बसों की संख्या बढ़ाकर 50 की जाएगी लेकिन तीन साल बाद भी 4 बसें ही टर्मिनल से चल रही हैं। सिटी बस टर्मिनल का काम जनवरी 2015 में शुरू हुआ था। इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी लेकिन जमीन विवाद और मामला न्यायालय में चले जाने के कारण काम रूक गया। इसके बाद इसका काम सितंबर 2022 में जाकर पूरा हुआ। ये 157 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई थी। दो हिस्सों में बंटी है इमारत सिटी बस टर्मिनल इमारत दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक हिस्से में बेसमैंट के अलावा तीन दो हैं जबकि दूसरे हिस्से में तीसरे से आठ तल तक का हिस्सा बना हुआ है। बेसमैंट में 522 कार खड़ी करने की पार्किंग है। भूतल पर बस संचालन का एरिया संचालित हो रहा है जिसमें 40 बस पार्किंग के अलावा 100 कार व टैक्सी पार्किंग की सुविधा है। इनके अलावा स्वागत कक्ष, बुकिंग सेंटर, ऑफिस, प्रतीक्षालय, कोरिडोर व फूड कोर्ट के लिए स्थान आरक्षित हैं। प्रथम तल पर दुकान, ऑफिस, फूड कोर्ट और लाइब्रेरी कमरा बना हुआ है। द्वितीय तल पर यात्री निवास, साइबर कैफे, फूड कोर्ट, काउंटर और प्रतीक्षालय एरिया बना हुआ है।

Nov 22, 2024 - 06:45
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नोएडा के सिटी बस टर्मिनल के लिए जारी EOI:​​​​​​​आईटी/ हॉस्पिटल का देना होगा प्लान, स्ट्रक्चर में नहीं कर सकते बदलाव,  पसंद आने पर बदलेगा बॉयलॉज
सेक्टर-82 बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत को किराए पर देने की तैयारी है। इसके लिए प्राधिकरण ने कंपनियों से आवेदन मांगे है। ये आवेदन कॉर्पोरेट आफिस, को-वर्किंग स्पेस , हॉस्पीटल (एलोपैथी और आयुष) कंपनियां कर सकती है। प्री बिड बैठक 3 दिसंबर को होगी। इसमें कंपनी सवाल कर सकती है। 17 दिसंबर तक कंपनियां अपना प्रपोजल प्लान के साथ सब्मिट करेंगी। अगले दिन यानी 18 को प्रपोजल खोला जाएगा। जिसमें कंपनी का चयन होगा प्रपोजल पसंद आने पर बदला जाएगा बॉयलॉज प्राधिकरण ने बताया कि टर्मिनल का बॉयलॉज ट्रांसपोर्ट यूज के लिए है। ऐसे में प्रपोजल पसंद आने और अप्रूव होने के बाद ही इसका इसका बॉयलॉज बदला जाएगा। बॉयलॉज बदलने की प्रक्रिया बोर्ड से की जाएगी। साथ चयनित होने वाली कंपनी टर्मिनल की इमारत के स्ट्रक्चर के साथ कोई बदलाव नहीं कर सकती है। उसे इसी इमारत स्ट्रक्चर के हिसाब से अपना प्लान करना होगा। ऐसे में ईओआई के ब्रोशर में आठ मंजिला इस टर्मिनल के फ्लोर वाइज जानकारी दी गई है। अभी इस इमारत में परिवहन निगम के अलावा एक साइबर क्राइम पुलिस का दफ्तर खुला हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अब इसको अब किराए पर दिया जाएगा। सिटी बस टर्मिनल 30 हजार 643 वर्ग मीटर एरिया में बना हुआ है जिसमें से 13 हजार 532 वर्ग मीटर एरिया बिल्टअप है यानी इतने हिस्से में निर्माण हो रखा है। तीन साल से चल रही सिर्फ 4 बस गौरतलब है कि इमारत तैयार होने के बाद प्राधिकरण ने इसे हैंड ओवर करने के लिए परिवहन निगम से संपर्क किया था। लेकिन निगम ने पूरी इमारत टेक ओवर करने से ही इनकार कर दिया था। खानापूर्ति के लिए दादरी और बुलंदशहर के लिए 4 बसें चलवानी शुरू की। दावा किया था इन बसों की संख्या बढ़ाकर 50 की जाएगी लेकिन तीन साल बाद भी 4 बसें ही टर्मिनल से चल रही हैं। सिटी बस टर्मिनल का काम जनवरी 2015 में शुरू हुआ था। इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी लेकिन जमीन विवाद और मामला न्यायालय में चले जाने के कारण काम रूक गया। इसके बाद इसका काम सितंबर 2022 में जाकर पूरा हुआ। ये 157 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई थी। दो हिस्सों में बंटी है इमारत सिटी बस टर्मिनल इमारत दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक हिस्से में बेसमैंट के अलावा तीन दो हैं जबकि दूसरे हिस्से में तीसरे से आठ तल तक का हिस्सा बना हुआ है। बेसमैंट में 522 कार खड़ी करने की पार्किंग है। भूतल पर बस संचालन का एरिया संचालित हो रहा है जिसमें 40 बस पार्किंग के अलावा 100 कार व टैक्सी पार्किंग की सुविधा है। इनके अलावा स्वागत कक्ष, बुकिंग सेंटर, ऑफिस, प्रतीक्षालय, कोरिडोर व फूड कोर्ट के लिए स्थान आरक्षित हैं। प्रथम तल पर दुकान, ऑफिस, फूड कोर्ट और लाइब्रेरी कमरा बना हुआ है। द्वितीय तल पर यात्री निवास, साइबर कैफे, फूड कोर्ट, काउंटर और प्रतीक्षालय एरिया बना हुआ है।

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