लोकायुक्त ने कानूनगो और लेखपाल से मांगा संपत्ति ब्योरा:वरासत दर्ज करने के मामले में कानूनगो और लेखपाल पर निलंबन की हुई थी कार्रवाई

अम्बेडकरनगर में जलालपुर तहसील इलाके में फर्जी कागजात बनाकर वरासत दर्ज करने के मामले में निलंबित चल रहे कानूनगो और लेखपाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त ने कानूनगो और लेखपाल से सम्पत्ति का ब्योरा मांगा है। जलालपुर तहसील के नत्थूपुर खुर्द निवासी हरिलाल के पिता मुरली की मौत बीती 6 जनवरी को हो गई थी, उनके पिता के नाम दुल्हुपुर गांव में भूमि थी, उनके पिता की मौत के बाद हरिलाल ने वरासत दर्ज कराने के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र, परिवार रजिस्टर की नकल समेत अन्य कागजातों के साथ ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन उनका आवेदन तहसील से निरस्त कर दिया गया था। कुछ दिन बाद उनके पिता के नाम की खतौनी में चाचा के पुत्रों के नाम दर्ज होने की जानकारी हुई। जब वह मामले की तह में गया तो उसे पता चला कि विपक्षी चचेरे भाई ने फर्जी और कूट रचित ढंग से वरासत दर्ज कराया है। मामले मे एक शिकायतकर्ता ने कानूनगो मायाराम यादव और लेखपाल ओमकार निषाद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत लोकायुक्त से की, जिसके बाद लोकायुक्त ने कानूनगो और लेखपाल से संपत्ति का ब्यौरा मांगा। आय व्यय का समुचित गणना चार्ट और परिवार के सभी सदस्यों के पिछले 5 साल की आईटीआर की प्रति शपथ पत्र सहित अवलोकनार्थ अधोहस्ताक्षरी 22 नम्बर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिया।

Oct 27, 2024 - 17:50
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लोकायुक्त ने कानूनगो और लेखपाल से मांगा संपत्ति ब्योरा:वरासत दर्ज करने के मामले में कानूनगो और लेखपाल पर निलंबन की हुई थी कार्रवाई
अम्बेडकरनगर में जलालपुर तहसील इलाके में फर्जी कागजात बनाकर वरासत दर्ज करने के मामले में निलंबित चल रहे कानूनगो और लेखपाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त ने कानूनगो और लेखपाल से सम्पत्ति का ब्योरा मांगा है। जलालपुर तहसील के नत्थूपुर खुर्द निवासी हरिलाल के पिता मुरली की मौत बीती 6 जनवरी को हो गई थी, उनके पिता के नाम दुल्हुपुर गांव में भूमि थी, उनके पिता की मौत के बाद हरिलाल ने वरासत दर्ज कराने के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र, परिवार रजिस्टर की नकल समेत अन्य कागजातों के साथ ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन उनका आवेदन तहसील से निरस्त कर दिया गया था। कुछ दिन बाद उनके पिता के नाम की खतौनी में चाचा के पुत्रों के नाम दर्ज होने की जानकारी हुई। जब वह मामले की तह में गया तो उसे पता चला कि विपक्षी चचेरे भाई ने फर्जी और कूट रचित ढंग से वरासत दर्ज कराया है। मामले मे एक शिकायतकर्ता ने कानूनगो मायाराम यादव और लेखपाल ओमकार निषाद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत लोकायुक्त से की, जिसके बाद लोकायुक्त ने कानूनगो और लेखपाल से संपत्ति का ब्यौरा मांगा। आय व्यय का समुचित गणना चार्ट और परिवार के सभी सदस्यों के पिछले 5 साल की आईटीआर की प्रति शपथ पत्र सहित अवलोकनार्थ अधोहस्ताक्षरी 22 नम्बर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिया।

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