मुजफ्फरनगर दंगे की दो पत्रावलियों में एक साथ सुनवाई:यति नरसिंहनंद और राज्यमंत्री कपिल देव समेत 12 के खिलाफ एनबीडब्लू
मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगों के दौरान थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव नगला मंदौड़ में हुई पंचायत से संबंधित दो अलग-अलग मुकदमों की सुनवाई अब एक साथ की जाएगी। कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी कर दिए हैं। इन मुकदमों में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक, पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह और हिंदूवादी नेता प्राची आर्य समेत 30 से अधिक आरोपी शामिल हैं। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कई आरोपियों के हाजिरी माफी के प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए गए, जिसके बाद कोर्ट ने उनके गैर जमानती वारंट जारी किए। पंचायत का आयोजन 31 अगस्त 2013 को हुआ था, जिसके बाद थाना पुलिस ने डॉ. संजीव बालियान, उमेश मलिक और अन्य पर भड़काऊ भाषण देने सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। 21 लोगों पर लगा था आरोप इसके अतिरिक्त, तत्कालीन अपर जिला अधिकारी की ओर से भी 21 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। सुनवाई के दौरान सिविल जज सीनियर डिवीजन विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक और सांसद हरेंद्र मलिक ने पेशी दी। कोर्ट ने दंगे से संबंधित दोनों मुकदमों की पत्रावली की सुनवाई एक साथ करने का आदेश दिया। इस बीच, डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहनंद, कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह समेत 12 आरोपियों के गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए।
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