मेडिकल अफसर की जॉब छोड़कर IPS बने ईरज राजा:7 साल में 153 एनकाउंटर किए; सिपाही हत्याकांड के बाद 2 कुख्यातों को ढेर किया
डॉ. ईरज राजा यूपी पुलिस फोर्स में वह नाम है, जिन्होंने 7 साल की सर्विस में 153 एनकाउंटर किए हैं। गाजीपुर में STF के साथ मिलकर RPF के 2 जवानों की हत्या करने वाले बदमाश को भी मार गिराया। ईरज राजा 5 साल तक बिजनौर में मेडिकल अफसर भी रह चुके हैं। 2017 बैच के IPS अधिकारी ईरज राजा इस समय गाजीपुर में पुलिस कप्तान हैं। इससे पहले वह जालौन में भी SP रहे। लखनऊ में पहली पोस्टिंग के बाद मेरठ, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में भी तैनात रहे। पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी MBBS डॉक्टर बने, मगर वर्दी से लगाव ने ईरज को IPS बना दिया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज डॉ. ईरज राजा की कहानी 7 चैप्टर में पढ़ेंगे... यूपी के ओरैया में जिला मुख्यालय से 5 किमी की दूरी पर गांव है तिलकपुर। इसी गांव के रहने वाले डॉ अशोक कुमार आगरा में MBBS डॉक्टर थे। बाद में अलीगढ़ जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता बने। 5 दिसंबर, 1986 को उनके घर बेटे ने जन्म लिया। मां सुधा वर्मा ने बेटे का नाम ईरज रखा। डॉ. ईरज बताते हैं कि मेरी नर्सरी की पढ़ाई आगरा में हुई, उसके बाद पिता अलीगढ़ में आ गए। अलीगढ़ पब्लिक स्कूल से शुरुआती पढ़ाई हुई। कई बार पापा मुझे स्कूल छोड़ने के बाद अपनी ड्यूटी पर जाते थे। उसके बाद मैं साइकिल से आने-जाने लगा। 2002 में सीबीएसई बोर्ड से हाईस्कूल और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से 2004 में 12वीं की परीक्षा पास की। दोनों परीक्षाओं में फर्स्ट क्लास नंबर आए। मम्मी और पापा चाहते थे कि मैं भी MBBS डॉक्टर बनूं। इसलिए पिता की तरह MBBS पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू कर दी। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि 2005 में मेरा चयन LLRM मेडिकल कॉलेज मेरठ में MBBS के लिए हुआ। 2011 में MBBS पूरी करने के बाद चयन मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुआ और पहली पोस्टिंग यूपी के बिजनौर जिले में हुई। बिजनौर के नहटौर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनाती मिली। यह देहात क्षेत्र था। पापा ने कहा कि दूसरे डॉक्टरों से कुछ अलग काम करके दिखाना। सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसमें पूरे विश्वास व मेहनत से काम करना। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि सुबह 10 बजे से पहले ही केंद्र पर पहुंचा जाता। जहां पूरे स्टाफ के साथ पहले केंद्र पर मरीजों की देखरेख करता। कई बार गांव व देहात क्षेत्र में कैंप लगाकर भी मरीजों का इलाज किया। ईरज कहते हैं- बचपन से मेरा सपना IPS अफसर बनने का था। लेकिन नौकरी भी नहीं छोड़ सकता था। इसलिए दिन में मेडिकल की ड्यूटी की और रात में 6 घंटे UPSC की तैयारी करने लगा। जिस दिन छुट्टी होती, उस दिन अलग से पूरे सप्ताह में तैयारी की जाती। ईरज करीब पौने 5 साल मेडिकल ऑफिसर रहे। साल 2017 में UPSC को क्रैक करते हुए भारतीय रेलवे यातायात सेवा में उनका चयन हुआ। जहां लखनऊ व वडोदरा में काम किया। 2017 में UPSC के चौथे अटेम्प्ट में IPS बने। डॉ. ईरज राजा कहते हैं कि UPSC में चारों बार इंटरव्यू तक पहुंचा, जिनमें 2 बार सफलता भी मिली। जब IPS बनने का दोस्तों और परिवार को पता चला तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि जून, 2020 की बात है, मैं फिरोजाबाद जिले में ASP के पद पर तैनात था। उस समय मुझे सिरसागंज सर्किल की जिम्मेदारी दी गई, राजेश कुमार SP देहात थे। सिरसागंज इलाके के गांव सोथरा में अर्जुन का शव घर के बाहर पड़ा मिला था। थाना पुलिस मौके पर पहुंची, मुझे सूचना मिली तो मैं भी मौके पर पहुंच गया। मैंने युवक की पत्नी और अन्य परिजनों से बात की, लेकिन वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। युवक के गले पर हल्का नीला निशान था, ऐसा लगा कि गला दबाकर मारा गया है। पहले परिजन हत्या से इनकार कर रहे थे। बाद में युवक की पत्नी मोहिनी ने बताया कि मेरे पति की गांव के रहने वाले गोलू ने हत्या की है। लेकिन जब पुलिस ने मोहिनी के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो नए फैक्ट सामने आए। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि इस केस को सॉल्व करने के लिए दो बार मौके पर पहुंचकर परिजनों से जानकारी ली। लेकिन, युवक की पत्नी नामजद आरोपी को ही जेल भिजवाना चाहती थी। बाद में पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर मोहिनी को हिरासत में लिया। पहले तो वह मर्डर केस में खुद को निर्दोष बताती रही, उसके बाद जब उसके प्रेमी को लाया गया तो वह खुद ही पूरी कहानी बताने लगी। मोहिनी ने कबूला कि हैप्पी से उसके एक साथ से संबंध थे। पति के साथ खुश नहीं थी, इसलिए वह प्रेमी के साथ ही रहना चाहती थी। इस बात का पति अर्जुन को पता चला गया। घटना के दिन यानी 26 जून, 2020 को मोहिनी ने अपने प्रेमी हैप्पी को रात में अपने घर बुलाया था। दोनों रात में एक कमरे में आपत्तिजनक हालत में थे, तभी पति ने देख लिया। जिसके बाद मोहिनी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति अर्जुन का गला दबा दिया। उसके बाद एक ने हाथ पकड़े, दूसरे ने पैर और शव को रात के 3 बजे बाहर रास्ते में फेंक दिया। फिरोजाबाद में तीन मर्डर ऐसे सॉल्व किए जो ब्लाइंड थे, दो में पत्नी अरेस्ट हुईं। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि ट्रेनिंग के बाद मेरी पहली पोस्टिंग लखनऊ में हुई। यहां बारीकी से क्राइम के पैटर्न को समझना। जो भी सूचनाएं आतीं, उन घटनाओं पर मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करता, एक-एक चीज डायरी में नोट करता। उच्च अधिकारियों से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। उसके बाद 2020 में मेरठ में ASP की पोस्टिंग मिली, उस समय अजय साहनी मेरठ में एसएसपी थे। जहां मुझे कैंट सर्किल में सीओ की जिम्मेदारी दी गई। मेरठ में पांच साल रहकर MBBS की पढ़ाई की थी तो वहां के क्राइम को जानता था। यहां रंजिशन मर्डर अधिक होते हैं। साथ ही, लॉ एंड ऑर्डर पर भी काम करना शुरू कर दिया। कैंट सर्किल में ही सोतीगंज आता था, जहां चोरी व लूट के वाहन कटते थे। सोतीगंज में कुछ कबाड़ियों को चिह्नित कर जेल भेजा गया। डॉ. ईरज राजा बताते हैं, सितंबर 2020 में लालकुर्ती इलाके में 30 साल की एक महिला ने रेप की सूचना पुलिस को दी। इसमें पुलिस को मौके पर जांच करने भेजा। रात के 11 बजे डॉ. ईरज राजा ने व्हाइट कलर की अपाचे ली, चेहर
डॉ. ईरज राजा यूपी पुलिस फोर्स में वह नाम है, जिन्होंने 7 साल की सर्विस में 153 एनकाउंटर किए हैं। गाजीपुर में STF के साथ मिलकर RPF के 2 जवानों की हत्या करने वाले बदमाश को भी मार गिराया। ईरज राजा 5 साल तक बिजनौर में मेडिकल अफसर भी रह चुके हैं। 2017 बैच के IPS अधिकारी ईरज राजा इस समय गाजीपुर में पुलिस कप्तान हैं। इससे पहले वह जालौन में भी SP रहे। लखनऊ में पहली पोस्टिंग के बाद मेरठ, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में भी तैनात रहे। पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी MBBS डॉक्टर बने, मगर वर्दी से लगाव ने ईरज को IPS बना दिया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज डॉ. ईरज राजा की कहानी 7 चैप्टर में पढ़ेंगे... यूपी के ओरैया में जिला मुख्यालय से 5 किमी की दूरी पर गांव है तिलकपुर। इसी गांव के रहने वाले डॉ अशोक कुमार आगरा में MBBS डॉक्टर थे। बाद में अलीगढ़ जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता बने। 5 दिसंबर, 1986 को उनके घर बेटे ने जन्म लिया। मां सुधा वर्मा ने बेटे का नाम ईरज रखा। डॉ. ईरज बताते हैं कि मेरी नर्सरी की पढ़ाई आगरा में हुई, उसके बाद पिता अलीगढ़ में आ गए। अलीगढ़ पब्लिक स्कूल से शुरुआती पढ़ाई हुई। कई बार पापा मुझे स्कूल छोड़ने के बाद अपनी ड्यूटी पर जाते थे। उसके बाद मैं साइकिल से आने-जाने लगा। 2002 में सीबीएसई बोर्ड से हाईस्कूल और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से 2004 में 12वीं की परीक्षा पास की। दोनों परीक्षाओं में फर्स्ट क्लास नंबर आए। मम्मी और पापा चाहते थे कि मैं भी MBBS डॉक्टर बनूं। इसलिए पिता की तरह MBBS पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू कर दी। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि 2005 में मेरा चयन LLRM मेडिकल कॉलेज मेरठ में MBBS के लिए हुआ। 2011 में MBBS पूरी करने के बाद चयन मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुआ और पहली पोस्टिंग यूपी के बिजनौर जिले में हुई। बिजनौर के नहटौर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनाती मिली। यह देहात क्षेत्र था। पापा ने कहा कि दूसरे डॉक्टरों से कुछ अलग काम करके दिखाना। सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसमें पूरे विश्वास व मेहनत से काम करना। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि सुबह 10 बजे से पहले ही केंद्र पर पहुंचा जाता। जहां पूरे स्टाफ के साथ पहले केंद्र पर मरीजों की देखरेख करता। कई बार गांव व देहात क्षेत्र में कैंप लगाकर भी मरीजों का इलाज किया। ईरज कहते हैं- बचपन से मेरा सपना IPS अफसर बनने का था। लेकिन नौकरी भी नहीं छोड़ सकता था। इसलिए दिन में मेडिकल की ड्यूटी की और रात में 6 घंटे UPSC की तैयारी करने लगा। जिस दिन छुट्टी होती, उस दिन अलग से पूरे सप्ताह में तैयारी की जाती। ईरज करीब पौने 5 साल मेडिकल ऑफिसर रहे। साल 2017 में UPSC को क्रैक करते हुए भारतीय रेलवे यातायात सेवा में उनका चयन हुआ। जहां लखनऊ व वडोदरा में काम किया। 2017 में UPSC के चौथे अटेम्प्ट में IPS बने। डॉ. ईरज राजा कहते हैं कि UPSC में चारों बार इंटरव्यू तक पहुंचा, जिनमें 2 बार सफलता भी मिली। जब IPS बनने का दोस्तों और परिवार को पता चला तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि जून, 2020 की बात है, मैं फिरोजाबाद जिले में ASP के पद पर तैनात था। उस समय मुझे सिरसागंज सर्किल की जिम्मेदारी दी गई, राजेश कुमार SP देहात थे। सिरसागंज इलाके के गांव सोथरा में अर्जुन का शव घर के बाहर पड़ा मिला था। थाना पुलिस मौके पर पहुंची, मुझे सूचना मिली तो मैं भी मौके पर पहुंच गया। मैंने युवक की पत्नी और अन्य परिजनों से बात की, लेकिन वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। युवक के गले पर हल्का नीला निशान था, ऐसा लगा कि गला दबाकर मारा गया है। पहले परिजन हत्या से इनकार कर रहे थे। बाद में युवक की पत्नी मोहिनी ने बताया कि मेरे पति की गांव के रहने वाले गोलू ने हत्या की है। लेकिन जब पुलिस ने मोहिनी के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो नए फैक्ट सामने आए। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि इस केस को सॉल्व करने के लिए दो बार मौके पर पहुंचकर परिजनों से जानकारी ली। लेकिन, युवक की पत्नी नामजद आरोपी को ही जेल भिजवाना चाहती थी। बाद में पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर मोहिनी को हिरासत में लिया। पहले तो वह मर्डर केस में खुद को निर्दोष बताती रही, उसके बाद जब उसके प्रेमी को लाया गया तो वह खुद ही पूरी कहानी बताने लगी। मोहिनी ने कबूला कि हैप्पी से उसके एक साथ से संबंध थे। पति के साथ खुश नहीं थी, इसलिए वह प्रेमी के साथ ही रहना चाहती थी। इस बात का पति अर्जुन को पता चला गया। घटना के दिन यानी 26 जून, 2020 को मोहिनी ने अपने प्रेमी हैप्पी को रात में अपने घर बुलाया था। दोनों रात में एक कमरे में आपत्तिजनक हालत में थे, तभी पति ने देख लिया। जिसके बाद मोहिनी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति अर्जुन का गला दबा दिया। उसके बाद एक ने हाथ पकड़े, दूसरे ने पैर और शव को रात के 3 बजे बाहर रास्ते में फेंक दिया। फिरोजाबाद में तीन मर्डर ऐसे सॉल्व किए जो ब्लाइंड थे, दो में पत्नी अरेस्ट हुईं। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि ट्रेनिंग के बाद मेरी पहली पोस्टिंग लखनऊ में हुई। यहां बारीकी से क्राइम के पैटर्न को समझना। जो भी सूचनाएं आतीं, उन घटनाओं पर मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करता, एक-एक चीज डायरी में नोट करता। उच्च अधिकारियों से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। उसके बाद 2020 में मेरठ में ASP की पोस्टिंग मिली, उस समय अजय साहनी मेरठ में एसएसपी थे। जहां मुझे कैंट सर्किल में सीओ की जिम्मेदारी दी गई। मेरठ में पांच साल रहकर MBBS की पढ़ाई की थी तो वहां के क्राइम को जानता था। यहां रंजिशन मर्डर अधिक होते हैं। साथ ही, लॉ एंड ऑर्डर पर भी काम करना शुरू कर दिया। कैंट सर्किल में ही सोतीगंज आता था, जहां चोरी व लूट के वाहन कटते थे। सोतीगंज में कुछ कबाड़ियों को चिह्नित कर जेल भेजा गया। डॉ. ईरज राजा बताते हैं, सितंबर 2020 में लालकुर्ती इलाके में 30 साल की एक महिला ने रेप की सूचना पुलिस को दी। इसमें पुलिस को मौके पर जांच करने भेजा। रात के 11 बजे डॉ. ईरज राजा ने व्हाइट कलर की अपाचे ली, चेहरे पर मास्क लगाया। शहर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंच गए। शहर की सबसे वीआईपी आबूलेन पुलिस चौकी पर जब बाइक से पहुंचे तो सिपाही व दरोगा पहचान नहीं पाए। मैने ड्यूटी रजिस्ट्रर मांगा तो सिपाही हैरान रह गए। इतनी देर में एसओ सदर विजय गुप्ता पहुंच गए। एसओ ने पहचान लिया। उसके बाद बाइक से ही लालकुर्ती में पहुंचा। रेप पीड़िता से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। जहां जांच में सामने आया कि महिला से एक युवक की दोस्ती हुई, जिसने नशीला पदार्थ देकर महिला से रेप किया। पुलिस ने रात में ही आरोपी को अरेस्ट कर लिया। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि साल 2021 में गाजियाबाद में SPRA था। सितंबर महीने की बात है। मुरादनगर इलाके में 24 साल का रेशू त्यागी लापता हो गया था। पहले पुलिस ने इसकी गुमशुदगी दर्ज की। इस मामले में पुलिस की टीम लगाई, लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं लगा। बाद में रेशू की लाश मिली। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी ताे पता चला की गला दबाकर हत्या की गई है। युवक के मोबाइल की कॉल डिटेल में अधिक कामयाबी नहीं मिली। पुलिस ने जमीन रंजिश पर काम करना शुरू किया। ईरज राजा बताते हैं कि मुझे 4 बार पीड़ित परिवार से बातचीत करने जाना पड़ा। हर बार कहानी में झोल मिलता। पूर्व में भी इस परिवार में हत्याएं हुई थीं। पुलिस ने अलग-अलग CCTV देखे, क्लू मिले कि रेशू को मारने वाले पड़ोस के 100 मीटर के दायरे के ही हैं। बाहर के किसी भी व्यक्ति ने नहीं मारा है। इसमें सुपारी देकर भी एक या दो युवक बाहर से हायर किए गए हैं। इस मर्डर के खुलासे में करीब डेढ़ महीना लगा। रेशू के पिता पूरी तरह से टूट चुके थे, जवान बेटे को खोने वाली मां की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि परिवार के लोगों ने ही संपत्ति के लिए हत्या की है। पुलिस ने मरने वाले रेशू के चाचा लीलू को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ की गई, पहले तो कहा कि मैं अपने भतीजे को क्यों मारूंगा। लेकिन इसी की कॉल डिटेल के आधार पर हापुड़ के रिटायर्ड दरोगा व एक सुपारी किलर को हिरासत में लिया गया। इसके बाद सख्ती से पूछताछ पर रेशू का चाचा टूट गया। उसने अपने भतीजे की हत्या करवाने की बात स्वीकार कर ली। कहा कि साहब मैंने संपत्ति के लिए पिछले 20 साल में अपने परिवार के 5 लोगों को मार डाला। आरोपी लीलू त्यागी से 2 दिन तक पूछताछ की गई, उसने बताया कि 20 साल पहले अपने भाई सुधीर त्यागी को जमीन के लिए मार दिया था। उसके कई साल बाद भाई की अलग-अलग दो बेटियों को मारा। फिर रेशू के दूसरे भाई को मारा, अब रेशू काे मार दिया। यह गाजियाबाद का सनसनीखेज वर्कआउट केस रहा। जहां एक व्यक्ति 20 सालों में अपने भाई, इसी भाई की दो बेटियों को मार चुका था। दूसरे भाई के दो बेटे भी मारे। इसी तरह के गाजियाबाद में कई चर्चित मर्डर केस सॉल्व किए। डॉ. ईरज राजा बताते हैं कि मैं डेढ साल तक जालौन में एसपी रहा। यह पहला चार्ज था। पूरे जिले में माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। खनन व शराब माफिया अरेस्ट कर जेल भेजे। 10 मई, 2023 को ड्यूटी पर तैनात सिपाही भेदजीत सिंह की रात में बदमाशों ने हत्या कर दी। कोतवाली इलाके की यह वारदात थी। सिपाही को गोली लगने की सूचना पर मैं मौके पर पहुंचा, अस्पताल में सिपाही की मौत हुई, परिजनों काे रोते हुए देख नहीं सका। इस केस के खुलासे के लिए पांच टीमें लगाईं। सबसे पहले चैलेंज था कि हत्या का कारण नहीं पता चला था। दूसरे दिन पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि रात में सिपाही ड्यूटी पर था, उसने बदमाशों को रोकने के प्रयास किया तो गोली मारकर फरार हो गए। पुलिस ने 5 किमी के दायरे के सभी CCTV देखे। कुछ संदिग्ध बाइक के नंबर मिले। जिसमें पुलिस को 2 नाम के सुराग मिले, उनके घर की जांच कराई तो पता चला कि दोनों घर से फरार हैं। सिपाही की हत्या से पूरा जिला हिल गया, लखनऊ तक मामले की गूंज हुई। सिपाही की हत्या के चौथे दिन ही पुलिस को रात में सूचना मिली की दो बदमाश चेकिंग के दौरान पुलिस पर फायरिंग कर भागे हैं। 10 मिनट में मौके पर मैं भी पहुंच गया। पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया। जिसमें पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाश मारे गए, इन दोनों की पहचान रमेश राक्यावार व कल्लू अहिरवार के रूप में हुई। जालौन के इतिहास में यह पहला एनकाउंटर था, जिसमें बदमाश ढेर हुए। सिपाही की हत्या करने वाले दोनों बदमाश एनकाउंटर में मारे गए तो एक की पत्नी ने कहा कि जैसा मेरे पति ने किया, उसे वैसी ही सजा मिली। लेकिन मेरी बेटी की शादी है, अब उसकी शादी कैसे होगी। जिसके बाद एनकाउंटर में मारे गए एक बदमाश की बेटी की शादी पुलिस ने कराई। जालौन में ही खनन के अवैध धंधे पर रोक लगाते हुए माफियाओं की 36 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की। जिसमें पूरे जिले में डेढ़ साल में 25 बदमाशों को जेल भेजा, इनमें 10 माफिया भी शामिल रहे। डॉ. ईरज राजा इस समय गाजीपुर जिले के SP हैं। 19 अगस्त की रात को RPF के दो जवान जावेद खान और प्रमोद की चलती ट्रेन में हत्या कर दी गई। बदमाशों ने दोनों जवानों की हत्या करके शव को रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में फेंक दिया। जब दोनों जवानों के शव की पहचान हुई तो पुलिस के अलावा सर्विलांस व एसटीएफ की टीम भी लगी। इसमें पुलिस ने RPF की मदद से CCTV फुटेज देखी। जिसमें पुलिस को पता चला कि शराब की तस्करी रोकने के लिए बिहार के गैंग ने दोनों जवानों की हत्या की है। जहां अलग अलग स्थानों से माफिया अवैध शराब को ट्रेनों से बिहार ले जाते हैं। रात में सिपाहियों ने जब शराब पकड़ी तो माफिया ने हत्या कर उन्हें फेंक दिया। इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी जाहिद उर्फ सोनू पर एक लाख का इनाम था, जहां पुलिस व एसटीएफ ने उसे घेरने की कोशिश की तो पुलिस पर फायरिंग करने लगा। लेकिन, मुठभेड़ में मारा गया। दोनों सिपाहियों की हत्या में 50 हजार के इनामी बदमाश के साथ भी एनकाउंटर हुआ, जिसके पैर में गोली मारकर पुलिस ने अरेस्ट किया। इस घटना का पुलिस ने खुलासा कर अन्य बदमाशों को भी अरेस्ट किया। इसमें बिहार का गैंग था। एनकाउंटर में मारा गया बदमाश भी बिहार के पटना के पेढिमा बाजार का रहने वाला था। जहां अन्य बदमाशों से पूछताछ में पता चला कि बाड़मेर- गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन में सिपाहियों ने शराब पकड़ी थी, जहां एक दर्जन लोगों ने सिपाहियों को पीटा और चलती ट्रेन से फेंक दिया। फैमिली की मर्जी से की शादी
डॉ ईरज राजा अपनी शादी के बारे में बात करते हुए बताते हैं कि मैंने 2019 में अपने परिवार की मर्जी से कल्याणी वर्मा से शादी की। जब डॉक्टर बना तो परिवार ने कई बार शादी के लिए पूछा। उसके बाद मेडिकल अफसर बनकर सफलता पाई तो भी मम्मी-पापा शादी के बारे में पूछते थे। मैं हमेशा यही कहता था कि अभी वह सफलता नहीं मिली है। उसके बाद भारतीय यातायात सेवा में रहा तो भी परिवार ने पूछा। लेकिन आईपीएस बनने के बाद फिर पूछा गया कि कोई पसंद तो नहीं। जिसके बाद परिवार की मर्जी से शादी की। अचीवमेंट्स -------------------------------------- यह भी पढ़िए... 8 गैंगस्टर का एनकाउंटर करने वाले IPS ज्ञानंजय सिंह, एयरफोर्स की तैयारी करते-करते पुलिस अफसर बने; दोनों हाथ से गोली चलाने वाले बदमाश को ढेर किया IPS कुंवर ज्ञानंजय सिंह यूपी पुलिस फोर्स में एक बड़ा नाम है। 2000 के दशक में जब बहुत कम एनकाउंटर होते थे, तब भी अपराधी उन्हें देखकर जिला छोड़ देते थे। उनके नाम पर 20 एनकाउंटर दर्ज हैं, जिनमें 8 बदमाशों को ढेर किया है। 1994 बैच के PPS ज्ञानंजय सिंह दिसंबर, 2023 में IPS बने। इस समय वह वेस्ट यूपी के हापुड़ में एसपी हैं। वह 15 जिलों में सीओ, एडिशनल एसपी भी रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...